• Uncategorized
  • रोजगार हब बनेंगे जिले के 12 रीपा केंद्र, महिला समूह, युवा उद्यमी, स्टार्टअप और एमएसएमई यूनिटों के लिए उद्योग लगाने रीपा में मिलेगी जगह…

रोजगार हब बनेंगे जिले के 12 रीपा केंद्र, महिला समूह, युवा उद्यमी, स्टार्टअप और एमएसएमई यूनिटों के लिए उद्योग लगाने रीपा में मिलेगी जगह…

रोजगार हब बनेंगे जिले के 12 रीपा केंद्र, महिला समूह, युवा उद्यमी, स्टार्टअप और एमएसएमई यूनिटों के लिए उद्योग लगाने रीपा में मिलेगी जगह

कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने रीपा से जुड़े अधिकारियों की ली बैठक

उद्यम की चाह रखने वाले पढ़े-लिखे युवाओं के चिन्हांकन के दिये निर्देश, रोजगार सृजन योजनाओं के अंतर्गत दिलाया जाएगा ऋण, रीपा के इंफ्रास्ट्रक्चर में आरंभ कर सकेंगे उद्यम

दुर्ग । जिले के 12 महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क शीघ्र ही रोजगार हब के रूप में उभरेंगे। यहां पर युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के साथ ही उद्यमियों को भी कार्य करने के लिए बढ़िया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा। कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने आज रीपा से जुड़े हुए अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में बड़े पैमाने पर उद्यम की गतिविधियां आरंभ की जानी हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम रीपा में ऐसे प्रोडक्ट का चयन करें जिनकी स्थानीय स्तर पर माँग अच्छी हो, सप्लाई उसके अनुरूप न हो। प्रोडक्ट में कुछ खूबी हो जिसकी वजह से उसकी विशिष्टता मार्केट में मौजूद अन्य प्रोडक्ट से हो। प्रोडक्ट के चयन के साथ ही इसकी पैकेजिंग तथा मार्केटिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन भी मौजूद रहे। उन्होंने अब तक रीपा के क्षेत्र में हुए कार्यों की अद्यतन प्रगति की जानकारी दी।

लगभग 300 एमएसएमई यूनिट भी जिले में, वे भी अपनी यूनिट्स लगा सकेंगी- कलेक्टर ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में काम कर रही एमएसएमई यूनिटों से इस संबंध में चर्चा की जाए ताकि वे ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में भूमि तथा दिये गये इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर अपनी यूनिट लगाएं। रोजगार सृजन कार्यक्रमों के अंतर्गत सरकार युवाओं को ऋण प्रदान करती हैं। ब्लाकवार बेरोजगार एवं उद्यम की इच्छा रखने वाले युवकों का चिन्हांकन करें तथा इन्हें रोजगार सृजन कार्यक्रमों से जोड़कर रीपा में अपना काम आरंभ करने के लिए प्रेरित करें। बढ़िया काम करने वाली समूह की महिलाओं को भी उद्यमशीलता के लिए बढ़ावा दिया जाए।

इस तरह के प्रोजेक्ट्स लगेंगे पार्कों में- ब्लाक में उत्पादित विशिष्ट चीजों के मुताबिक प्रोडक्ट्स भी रीपा के लिए चिन्हांकित किये गये हैं। उदाहरण के लिए धमधा में टमाटर काफी होता है। अतएव यहां केचअप और सूप से जुड़े प्रोडक्ट्स के यूनिट लगेंगे। केले के पत्तों से बायोडिग्रेडेबल दोना-पत्तल जैसी सामग्री तैयार होती है। इसके रेशे से भी सामग्री बनाई जाती है। इसके भी यूनिट लगेंगे। बारदाने आदि के निर्माण के प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं। आज इस संबंध में विभिन्न उत्पादों को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी बैठक के दौरान रखी गई।

तीन एकड़ में होगा रीपा का इंफ्रास्ट्रक्चर, 2 महीने में काम समाप्त करने के दिये निर्देश- प्रत्येक ब्लाक में रीपा के चार पार्क हैं। इन्हें लगभग 3 एकड़ में बनाया गया है। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित काम अगले दो महीने में पूरे कर लेने संबंधी निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं।

यहां हैं रीपा- दुर्ग ब्लाक में अंजोरा, कात्रो, ढाबा, चंदखुरी में, धमधा में मोहंदी, हसदा, पुरदा, दानिकोड़ी तथा पाटन में सांकरा, फुंडा, कुर्मीगुंडरा, असोगा में रीपा हैं। हर ब्लाक में अन्य प्रोडक्ट के साथ ही खास तरह के प्रोडक्ट्स पर भी जोर दिया जा रहा है।

हर ब्लाक के लिए कुछ विशिष्ट उत्पाद चुने गये- इनमें दुर्ग ब्लाक में मूलतः स्टेशनरी और फ्लैक्स प्रिटिंग यूनिट, एलईडी और सोलर लाइट एसेंबलिंग यूनिट, गारमेंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट प्रमुख हैं। धमधा ब्लाक में आरओ एवं मिनरल वाटर प्लांट, टोमैटो प्रोसेसिंग यूनिट, बनाना क्लस्टर, सीमेंट पोल्स आदि काम प्रमुख हैं। पाटन में गुलाल यूनिट, एनीमल फूड यूनिट, हेल्दी स्नैक्स मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, बारदाना पालीथिन बैग आदि का निर्माण कार्य शामिल है।

ADVERTISEMENT