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BSF के आईजी ने किया ध्वजारोहण…बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ मनाई…

BSF ने बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ मनाई…

भिलाई – 15 अगस्त को भिलाई स्थित सीमान्त मुख्यालय एवं क्षेत्रीय मुख्यालय के जवानों एवं अधिकारियों ने सामाजिक दूरी एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पूर्णतया ध्यान रखते हुए बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ के महानिरीक्षक इंदराज सिंह ने सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय रिसाली मिलाई में ध्वजारोहण किया और भिलाई एवं काकेर जिले में तैनात सभी बीएसएफ जवानों, अधिकारियों एवं उनके परिवार वालों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी, साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। सीमा सुरक्षा बल वर्ष 2009 से छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सल के विरूद्ध अभियान में तैनात है।

सीमा सुरक्षा बल के जवान दुर्गम क्षेत्रों में बड़ी कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, और बड़ी निपुणता के साथ अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल अपने जवानों की मेहनत की बदौलत आज अपने इलाके के लोगों के बीच प्रतिष्ठित फोर्स बनकर उभरी है, जिसके लिए हमें अपने जवानों के ऊपर गर्व है। हमें जहाँ नक्सल के खिलाफ सख्त कदम उठाने हैं, वहीं अपने व्यवहार से लोगों का दिल जीतकर उनके दिलों में सुरक्षा की भावना को और मजबूत करना है।

इस वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर भारत सरकार ने सीमान्त मुख्यालय (विशेष संकिया) सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ के महानिरीक्षक श्री इंदराज सिंह को सीमा सुरक्षा बल में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया है एवं सीमा सुरक्षा बल के 19 जवानों को भी वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया है जिसमें सीमान्त मुख्यालय (विशेष सक्रिया) सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ के 09 जवानों को 2019 में हुई नक्सली मुठभेड़ में अदम्य साहस व वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया है। महानिरीक्षक महोदय ने पुलिस पदक से सम्मानित सभी जवानों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
सीमा सुरक्षा बल ने काकेर जिले में नक्सलियों के खिलाफ कार्यवाही करने के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं जिनमें कांकेर के दूरदराज फैले गांवों में गरीबों एवं स्कूल बच्चो को जरूरत की चीजें मुहैया कराना, मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करना, बेरोजगार युवाओं को स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत रोजगार प्रशिक्षण देना, ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चों को भारत भ्रमण में ले जाना और प्रदेश की संस्कृति को देश के समक्ष रखना इत्यादि प्रमुख है।

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