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परेशानी में परेशान नहीं बल्कि योग से ब्रेन को एनर्जी देकर समाधान दे…ब्रह्माकुमार सूरज भाई, माउंट आबू

परेशानी में परेशान नहीं बल्कि योग से ब्रेन को एनर्जी देकर समाधान दे…ब्रह्माकुमार सूरज भाई, माउंट आबू

भिलाई – भगवान की पालना में पलने वाले भाग्यवान है सुबह उठते ही यह संकल्प करें मेरे साथ स्वयं भगवान है मेरा साथ दे रहा है, मैं सृष्टि की महान आत्मा हूं, मैं शक्तिशाली निर्भय हूँ हमारा सबकॉन्शियस माइंड इन बातों को एक्सेप्ट करेगा इस प्रयोग से निश्चिंतता आ जाएगी जीवन में एक बार अवश्य प्रयोग करें परमात्मा शक्तियों का। संपूर्ण, समर्पण, विश्वास और भावनाएं हैं तो भगवान बंधा हुआ है हमारी मदद के लिए । मनुष्य के हाथ में कुछ भी नहीं है ना होगा इसीलिए स्लोगन है नर चाहत है कुछ और होगा कुछ और। दूसरों की परेशानी में परेशान नहीं बल्कि योग से उनके ब्रेन को एनर्जी देकर समाधान दे । उक्त उद्गार संस्था के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे वरिष्ट राजयोगा टीचर एवं पीस ऑफ़ माइंड चैनल के सुप्रसिद्ध शो समाधान के मुख्य वक्ता राजयोगी सूरज भाई ने सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडीटोरियम में कही । आगे आपने कहा की ब्रेन कंट्रोल इज एवरीथिंग मेडिकल साइंस में डॉक्टर लोग भी स्वीकार चुके हैं। ब्रेन से ही हमारी शक्तियां तरंगो के रूप में फैलती है, अवेयरनेस हो जीवन में। यह परम सत्य है परमात्मा परमधाम से आया है सत्य की पहचान होने के बाद सवाल नहीं रहते हैं सत्य साधारण होता है । सुबह अंतरमन 100% जागृत अवस्था में रहता है जो सभी बातों को जल्दी ग्रहण करता है।
आबू से आई ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने बताया हमारी खुशी को छीनने वाली बातें बहुत है संसार में हल्के रहना है खुश रहना है नो एक्सपेक्टेशन फ्रॉम अदर्स प्रेम, खुशी सम्मान,शांति चाहिए तो इसे दूसरों को देना शुरू करें दूसरों से उम्मीदें कामनाएं रखना अपनी खुशी को कम करना है । वर्तमान समय की डिमांड है लेने की कामना बंद, दिल से देना ही देना है, आपने लॉ ऑफ अट्रैक्शन के सिधांत से बताया की जो देंगे वह डबल ट्रिपल होकर वापस हमारे पास आ जाएगा| परमात्मा के लिए गायन है वह बिगड़ी को बनाने वाला है और हम मनुष्य के कर्म किसी के बने हुए को बिगाड़ने वालों में से है, हमारे गुण व्यवहार परमात्मा के गुण कर्म से मैच हो जाए, वह सुख देने वाला है तो हमें भी सुख देना है हमारे कर्मों से कोई दुखी न हो| लेने की कामना तो सारी दुनिया की है हमें खुशी, सम्मान देना है हम सभी दाता के बच्चे हैं ।

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