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गुरु पूर्णिमा (व्यास जयंती) पर संस्कृत एवं हिंदी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से “गुरु की जीवन में भूमिका” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया…

भिलाई – इंदिरा गाँधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय वैशालीनगर भिलाई में को गुरु पूर्णिमा (व्यास जयंती) पर संस्कृत एवं हिंदी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से “गुरु की जीवन में भूमिका” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभागाध्यक्ष महेश कुमार अलेंद्र द्वारा किया गया ।

गुरु पूर्णिमा के अवसर हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश शर्मा ने “गुरु की जीवन में भूमिका” विषय पर अपने व्याख्यान में कहा – “गुरु जीवन के प्रत्येक क्षण बाल्याकाल से लेकर वार्धक्य तक अर्थात आजीवन गुरु की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है” | उन्होंने गुरु -शिष्य परंपरा का उदाहरण देते हुए महान विचारक दार्शनिक सुकरात, प्लेटो, अरस्तु एवं चाणक्य-चंद्रगुप्त के बारें में जानकारी दी | निहितार्थ है, गुरु शिष्यों का जीवन संवारने में अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत कर देता है | उन्होंने आगे कहा – गुरु गुण की खान , शिष्य को बनाती महान…!
ऐसी गुरु-शिष्य परंपरा को सत-सत प्रणाम…!!

इस अवसर पर वाणिज्य विभाग की अध्यक्ष डॉ नमिता गुहा राय ने अपने व्यक्तव्य में गुरु का स्थान ईश्वर से भी बढ़कर बताया और और उन्हें सभ्य सामाजिक जीवन का आधार माना |
सहायक प्राध्यापक श्री दिनेश कुमार सोनी ने “जीवन में गुरु की भूमिका पर जानकारी देते हुए विवेकानन्द एवं उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की जीवनी पर प्रकाश डाला । उन्होंने अंत में कहा – “सब धरती कागज करूं, लेखनी सब वनराज |
सात समुंद की मसि करू, गुरु गुण लिखा न जाय ||”

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अलका मेश्राम ने इस अवसर पर अपने व्याख्यान में कहा – “गुरु के महत्व को हमारे सभी संतों, ऋषियों एवम महान विभूतियों ने उच्च स्थान दिया है | जीवन में प्रथम गुरु माता, द्वितीय गुरु शिक्षक और तृतीय गुरु, मित्र, बच्चे, इत्यादि होते हैं । जो भी हमें ज्ञान दे वे गुरु के ही रूप होते हैं । जीवन का विकास सुचारू रूप से सतत चलता रहे उसके लिए हमें गुरु की आवश्यकता होती है । भावी जीवन का निर्माण गुरु द्वारा ही होता है। इस प्रकार प्राचीन काल से चली आ रही गुरु-शिष्य परंपरा अनवरत चलते रहेगी, देश काल के अनुसार इसके रूप बदलते रहें हैं ।

अंत में हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती कौशल्या शास्त्री ने उपस्थित सभी प्राध्यापकों व कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की ,इस अवसर पर श्रीमती सुशीला शर्मा, डॉ. श्रीमती नीता डेनियल, डॉ. श्रीमती आरती दीवान डॉ. श्रीमती शिखा श्रीवास्तव, डॉ. श्रीमती मेरीली रॉय, डॉ. श्रीमती रबिंदर छाबड़ा, डॉ. संजय कुमार दास, डॉ. अजय कुमार मनहर, सुरेश कुमार ठाकुर आदि सहायक प्राध्यापक उपस्थित थे |

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