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मेरे कार्यकाल का सबसे अविस्मरणीय अनुभव दुर्ग का, यहां काम करना शानदार…कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अपनी विदाई के दौरान दुर्ग की कार्यसंस्कृति की प्रशंसा की…

मेरे कार्यकाल का सबसे अविस्मरणीय अनुभव दुर्ग का, यहां काम करना शानदार

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अपनी विदाई के दौरान दुर्ग की कार्यसंस्कृति की प्रशंसा की, कहा यहां काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा

दुर्ग – मैंने अपनी शासकीय सेवा में दस वर्ष से अधिक समय बिताये हैं। कई स्थानों पर बहुत अच्छे अनुभव रहे हैं लेकिन दुर्ग जिले का मेरा अनुभव अब तक का सबसे अच्छा और अविस्मरणीय अनुभव हैं। दो साल के कार्यकाल में अनेक चुनौतियां आईं लेकिन आप सभी के सहयोग से इनसे कारगर तरीके से निपट सके। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले में मैंने महसूस किया कि यहां की कार्यसंस्कृति बहुत अच्छी है। कलेक्ट्रेट में प्रोटोकाल के अनुरूप नियमानुसार कार्य होता है और पुरानी पंरपराएं अभी भी चल रही हैं जिनसे कार्य संस्कृति को बेहतर करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि मैंने महसूस किया कि दुर्ग जिले में पूरी प्रशासनिक टीम ने बहुत अच्छे समन्वय से कार्य किया। उन्होंने कहा कि जिले का संचालन एक गाड़ी को ड्राइव करने जैसा है एक भी कलपुर्जा खराब हो जाए तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी। आपस में समन्वय स्थापित कर यह कार्य आसान हो जाता है। कलेक्टर ने कहा कि बेहतर संवाद से अपने आप रास्ते निकल जाते हैं। सभी अधिकारी अच्छा काम करना चाहते हैं और इसके लिए कोशिश करते हैं। कलेक्टर के रूप में मेरी यह कोशिश होती थी कि उन्हें पूरा सहयोग कर सकूं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दुर्ग की प्रशासनिक टीम ने पूरी सजगता के साथ किया और इस बड़े संकट का सामना करने में हम लोग सफल रहे। इसके साथ यह भी देखना होगा कि कोरोना की वजह से जो काम प्रभावित रह गये थे, उन्हें भी हमने पूरा किया। जो काम दो साल में होने थे वो साल भर में हुए। तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ और नागरिक सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में काम किया गया। सभी कुछ आप सभी के सहयोग से हो सका। दुर्ग जिले के नागरिक बहुत सहयोगी हैं और यहां लोगों में बहुत अपनापन है जो मुझे बहुत याद रहेगा। विदाई के मौके पर अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई ने कहा कि कलेक्टर सर की सबसे अच्छी बात यह थी कि वे अपनी टीम पर भरोसा करते हैं। उनकी क्षमता पर भरोसा रखते हैं और ऐसे में बेहतर करने की भावना अधिकारियों के भीतर अधिक मजबूत होती है। उन्होंने बेहतर समन्वय से कार्यों को बहुत अच्छी तरह से संपादित किया। जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने कहा कि कलेक्टर सर संक्षेप में अपनी बात कहते थे और उनका कम्युनिकेशन इतना क्लियर होता था कि काम करने की पूरी दिशा इन पंक्तियों से ही तय हो जाती थी। नगर निगम भिलाई आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे ने कहा कि निगम के दायित्वों को निभाने में कलेक्टर ने पूरी तरह से सहयोग दिया और सभी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया। पाटन एसडीएम विपुल गुप्ता ने कहा कि कोरोना की विपदा के समय स्थानीय स्तर पर भी वित्तीय अधिकार दिये ताकि तुरंत कोरोना संक्रमण को थामने की दिशा में कार्य किया जा सके। धमधा एसडीएम बृजेश क्षत्रिय ने कहा कि धमधा में जिस तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है और मेडिकल सुविधा लोगों को मिल पा रही है। उसके पीछे डॉ. भुरे की सोच है। एसडीएम दुर् मुकेश रावटे ने कहा कि हर समय कलेक्टर सर का मार्गदर्शन मिलता रहा, जिससे जिले में प्रशासनिक तंत्र को अच्छा कार्य करने के लिए काफी सुविधा हुई। संयुक्त कलेक्टर सुश्री प्रियंका वर्मा ने कहा कि पूर्व में भी कवर्धा में कलेक्टर सर के साथ काम किया है। उनके काम का तरीका अनूठा है और बेहतर कार्यशैली से वे अपने सहयोगियों के लिए राह आसान कर देते हैं। संयुक्त कलेक्टर प्रवीण वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभी का संचालन डिप्टी कलेक्टर जागेश्वर कौशल ने किया। इस दौरान नगर निगम भिलाई-चरौदा कीर्तिमान राठौर, नगर निगम रिसाली कमिश्नर आशीष देवांगन, संयुक्त कलेक्टर गोकुल रावटे, श्रीमती योगिता देवांगन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर के निज सहायक श्री रियाज, रीडर श्री नारंग एवं कलेक्ट्रेट के स्टाफ ने भी उनका अभिनंदन किया।

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