- Home
- Uncategorized
- एसएचजी की महिलाओं द्वारा बनाई गई सामग्री का ब्रांड बनने का सपना हुआ पूरा…फिलहाल 84 समूहों द्वारा तैयार की गई 54 प्रकार की विविध सामग्री विक्रय हेतु उपलब्ध…
एसएचजी की महिलाओं द्वारा बनाई गई सामग्री का ब्रांड बनने का सपना हुआ पूरा…फिलहाल 84 समूहों द्वारा तैयार की गई 54 प्रकार की विविध सामग्री विक्रय हेतु उपलब्ध…
एसएचजी की महिलाओं द्वारा बनाई गई सामग्री का ब्रांड बनने का सपना हुआ पूरा
प्रतिष्ठित कंपनियों की ब्रांड की तरह बिहान की महिलाओं की सामग्री का डिस्प्ले देखकर मन हर्षित, जनपद पंचायत परिसर में सीमार्ट के शुभारंभ के अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने…
फिलहाल 84 समूहों द्वारा तैयार की गई 54 प्रकार की विविध सामग्री विक्रय हेतु उपलब्ध…
दुर्ग – अपने देश में लोग सबसे ज्यादा भरोसा घर की बनी हुई चीजों का करते हैं। इसमें गुणवत्ता का भरोसा होता है। ग्राहकों को भी सही दाम पर चीजें मिलती हैं और विक्रेताओं को भी अच्छा मुनाफा होता है। हमारी महिलाएं गुणवत्तायुक्त चीजें तैयार तो कर रही थीं लेकिन बाजार तक इनकी सीधी पहुँच नहीं थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सीमार्ट आरंभ करने का निर्णय लिया ताकि समूह की महिलाओं के सुंदर उत्पादों के डिस्प्ले के लिए महत्वपूर्ण जगह मिले। आज दुर्ग में पहला सीमार्ट उद्घाटित हुआ है। एसएचजी की महिलाओं द्वारा बनाई गई सामग्री यहां दिखाई गई है। इनका ब्रांड आज मार्ट में उपलब्ध है। यह बड़ी सफलता है। यह बातें गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जनपद पंचायत परिसर में सीमार्ट के शुभारंभ के अवसर पर कही। अपने उद्बोधन में गृह मंत्री ने कहा कि अभी मैंने सीमार्ट की सामग्री देखी। आप लोगों की सामग्री की विशेषता होती है कि लोगों को इसकी गुणवत्ता पर संदेह नहीं होता। बाड़ी योजना के माध्यम से जो उत्पादन आप लोग कर रही हैं उनका डिस्प्ले भी यहां किया गया है। मिर्च-मसाले और इनके पावडर ब्रांड नेम के साथ आप लोग विक्रय कर रही हैं। बाजार में लंबे समय तक टिके रहने एवं ठोस लाभ कमाने के लिए अपनी गुणवत्ता पर हमेशा ध्यान देना जरूरी होता है। इसके साथ ही सीमार्ट में सामग्री का भी विस्तार करें। अपने उद्बोधन में विधायक अरुण वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न केवल गौठानों के माध्यम से एसएचजी की महिलाओं को रोजगारमूलक गतिविधियों का रास्ता दिखाया अपितु इनके उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था कर तथा सीमार्ट जैसे सेंटर आरंभ कर दिये ताकि इनके निर्माताओं को बड़ा बाजार मिल सके। उन्होंने कहा कि एक ही छत के नीचे बहुत तरह की वैरायटी उपलब्ध कराई गई है और सभी की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से गौठान में रोजगारमूलक गतिविधियों का सृजन हो रहा है और उत्पादों की गुणवत्ता पर कार्य किया जा रहा है। शीघ्र ही सीमार्ट से उपभोक्ताओं की सभी आवश्यकताएं पूरी होंगी। अपने संबोधन में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी रिवेंद्र यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में एसएचजी की महिलाओं द्वारा बनाई गई सामग्री की काफी डिमांड रहती है लेकिन माँग होने के बावजूद विक्रय के एक स्थायी केंद्र के अभाव में समन्वय नहीं बन पा रहा था। अब यह समस्या दूर होगी। इस मौके पर दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, रिसाली महापौर श्रीमती शशि सिन्हा, जिला पंचायत दुर्ग उपाध्यक्ष अशोक साहू, दुर्ग जनपद अध्यक्ष देवेंद्र कुमार देशमुख सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस मौके पर संभागायुक्त महादेव कांवड़े, कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन एवं अन्य अतिथि उपस्थित थे।
जिला पंचायत सीईओ ने दी विस्तार से जानकारी- जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने विस्तार से सीमार्ट की जानकारी दी। यहां 84 समूहों के सामानों का विक्रय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिहान के सदस्य इसका कामकाज देखेंगे। सीमार्ट में सभी जरूरी चीजें उपलब्ध रहेंगी। यहां लघु वनोपजन भी उपलब्ध रहेंगे। फिलहाल यहां धनिया-मिर्च पाउडर से लेकर आर्टिफिशियल ज्वेलरी तक अनेक उपयोगी सामग्री मौजूद हैं।