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युवा अपने दायित्वों व जिम्मेदारियों को बखूबी समझे, एथिकल रहते हुए कार्य करें सफलता जरूर मिलेगी – सुश्री मोना महेश्वरी

युवा अपने दायित्वों व जिम्मेदारियों को बखूबी समझे, एथिकल रहते हुए कार्य करें सफलता जरूर मिलेगी – सुश्री मोना महेश्वरी

भिलाई । देश में महिलाओं की भागीदारी लगातार समाज के हर क्षेत्र में बढ़ते देखी जा सकती है, एक समय ऐसा भी था जब महिलाओं को सामाजिक गतिविधियों तथा नौकरी,व्यवसाय, राजनीति, या अन्य सरकारी, प्रायवेट कार्यलयों में कम देखने को मिलता था, पर जैसे-जैसे समय आगे बढ़ रहा है महिलाएं भी लगातार हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है ।  चाहे खेल हो राजनीति हो ,डॉक्टर हो या इंजीनियरिंग, साइंटिस्ट हो या फिर सिविल , प्राइवेट जॉब हो या सरकारी, या फिर अन्य जगह महिलाओं को उक्त क्षेत्रों में कार्य करते देखा जा सकता है…

हम बात कर रहे हैं दुर्ग जिले में पदस्थ एक ऐसी ही महिला अफसर की जिन्होंने पीएससी की परीक्षा में 37 वा रैंक हासिल किया व डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई पर जॉइनिंग उन्होंने फारेस्ट डिपार्टमेंट के कार्य क्षेत्र को चुना…. छत्तीसगढ़ वन विभाग दुर्ग में पदस्थ तेजतर्रार, मिलनसार, खुशमिजाज महिला अफसर सुश्री मोना महेश्वरी की जो वर्तमान में दुर्ग वनमंडल में एसडीओ उप वनमंडल दुर्ग के पद पर अपनी सेवा दे रहीं हैं । उनसे बेहतर संवाद ने की विशेष चर्चा ……. सुपर एक्सक्लुसिव इंटरव्यु में सुश्री मोना महेश्वरी ने कार्यक्षेत्र व व्यक्तिगत अपने अनुभवों को *बेहतर संवाद* से साझा किया । प्रस्तुत है बातचीत के कुछ अंश…

सुश्री मोना माहेश्वरी ने बताया कि उनका जन्म छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले के मिनी इंडिया , एजुकेशन हब कहे जाने वाले भिलाई में हुआ वही बेसिक शिक्षा भिलाई स्टील प्लांट के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित बीएसपी स्कूल सेक्टर 10 से हुआ । उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए एनआईटी रायपुर में दाखिला लिया जहाँ से बीटेक बायोमेडिकल की पढ़ाई पूरी की, पढ़ाई के बाद केंपस सिलेक्शन के दौरान मल्टीनेशनल कंपनी कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी में 2 वर्षों तक कार्य किया। कार्य के दौरान ही व्यापम पीएससी की तैयारी भी साथ ही साथ जारी रही। जिसका परिणाम रहा कि व्यापम की परीक्षा में सफलता हाथ लगी तथा लेबर इंस्पेक्टर के रूप में सेलेक्ट होकर छत्तीसगढ़ के अंदर कार्य करने का बेहतर अनुभव मिला । पर कहते हैं ना की मंजिल तो कुछ और ही थी यहां पर भी पीएससी की तैयारी जारी रही और 1 दिन आया जब सुश्री मोना महेश्वरी ने सीजी पीएससी की परीक्षा में 37 वा स्थान प्राप्त कर अपने सपने को पूरा किया। डिप्टी कलेक्टर के पद पर सलेक्शन हुआ पर सुश्री मोना महेश्वरी ने स्टेट फॉरेस्ट सर्विसेज को ज्वाइन किया।

जब हमने चर्चा के दौरान पूछा कि डिप्टी कलेक्टर क्यों नहीं ज्वाइन किया? तो मोना महेश्वरी ने जवाब देते हुए कहा कि फॉरेस्ट सर्विसेज में जाने की रूचि व एक एडवेंचर वर्क कल्चर पर्यावरण के बीच रहना। प्रकृति को बहुत नजदीक से जानने व समझने की इच्छा ने ही फॉरेस्ट सर्विसेज तक पहुंचाया। सलेक्शन के बाद 2 वर्षों की कड़ी ट्रेनिंग के लिए देश के आसाम राज्य में स्थित सेंट्रल अकैडमी ऑफ स्टेट फॉरेस्ट सर्विसेज के अंदर रहकर तमाम ट्रेनिंग की पहलुओं को सिखा व समझा जो कुछ ट्रेनिंग के दौरान सीखा व समझाया गया फील्ड में वह सब बातें इंप्लीमेंट किया भी जाने लगा।

वही आगे सुश्री मोना महेश्वरी बताती है कि पहली पोस्टिंग बतौर रेंजर ऑफिसर के रूप में गुरुर रेंज बालोद डिवीजन में हुआ जहां पर लगभग भाई माह कार्य करने का अनुभव प्राप्त हुआ। उसके बाद एसडीओ केशकाल पदस्थापना हुई जहां पर वनोपज पर ज्यादा फोकस रहा , ज्यादा खरीदी उस दौरान वनोपजों की हुई जिससे गांव की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सका।

उसके बाद एसडीओ दुर्ग जिले में पद स्थापना हुई जहां पर बेहतर कार्य करने की पूरी कोशिश की जा रही है जिससे शासन की तमाम योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके। जिले में एसडीओ के रूप में बेलौदी, चिचा,साकार वेटलैंड डेवलपमेंट पर कार्य किया जा रहा है, तालपुरी जैव विविधता उद्यान पर कार्य चल रहा है नंदिनी में मानव निर्मित वन बनाया जा रहा है ,
वहीं वन विभाग के बारे में सुश्री मोना महेश्वरी ने बताया कि वन विभाग बहुत ही अच्छा विभाग है कार्य करने के लिए बहुत कुछ जानने व सीखने को मिल रहा है । आज तक बहुत ही सुखद अनुभव वन विभाग के लोगों से मिला आत्मीय जुड़ाव सा हो गया है इस विभाग से।

वही सुश्री मोना महेश्वरी ने अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कहा कि पापा गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन में कार्यरत रहे जो 2 साल पहले ही रिटायर हो गए। वही माता हाउसवाइफ के रूप में घर के साथ साथ हम सभी की देखरेख किया करती व जीवन के विभिन्न पहलुओं उतार-चढ़ाव को लगातार हमसे साझा भी करती आगे बढ़ने की प्रेरणा भी लगातार उनके द्वारा दिया जाता है।

वहीं युवाओं के लिए अपने संदेश में सुश्री मोना महेश्वरी ने कहा कि जीवन में किसी भी कार्य को छोटा या बड़ा ना समझो पढ़ाई के समय भरपुर पढ़ाई करो अपने दायित्वों व जिम्मेदारियों को बखूबी समझो एथिकल रहते हुए अपने तमाम जिम्मेदारियों वह दायित्व का क्रियान्वयन करो सफलता जरूर मिलेगा ।

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