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देश में बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई आईआईटी खोली गई : पीएम मोदी

मैसूर यूनिवर्सिटी के 100वें दीक्षांत समारोह को पीएम ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के द्वारा संबोधित किया
नई दिल्‍ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई आईआईटी खोली गई है यह बात पीएम मोदी ने सोमवार को मैसूर यूनिवर्सिटी के 100वें दीक्षांत समारोह में वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों को संबोधित करते हुए कही। मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सरकार की तरफ से उठाए गए कदम गिनाए।
पीएम ने कहा कि कैसे स्‍वतंत्रता के इतने सालों बाद भी देश में राष्‍ट्रीय स्‍तर के तकनीकी और मेडिकल संस्‍थानों की भारी कमी थी। उन्‍होंने मैसूर यूनिवर्सिटी के पूर्व नामी छात्रों को याद करते हुए इसे ‘प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की आशाओं और क्षमताओं का प्रमुख केंद्र’ बताया। पीएम मोदी ने कहा, “मैसूर यूनिवर्सिटी, प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की आशाओं और क्षमताओं का प्रमुख केंद्र है। इस यूनिवर्सिटी ने ‘राजर्षि’ नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम. विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार किया है।” उन्‍होंने आगे कहा, “मैसूर यूनिवर्सिटी के इस रत्न गर्भा प्रांगण ने ऐसे अनेक साथियों को ऐसे ही कार्यक्रम में दीक्षा लेते हुए देखा है, जिनका राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है। भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी जैसे अनेक महान व्यक्तियों ने इस शिक्षा संस्थान में अनेकों विद्यार्थियों को प्रेरणा दी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की ओर से नए शैक्षिक संस्‍थान खोलने के बारे में भी जानकारी दी।
उन्‍होंने कहा, “आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 आईआईटीज थीं। बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई आईआईटी खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटक के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 आईआईटीज थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 आईआईटीज बनाई गई हैं। बीते पांच से छह साल में सात नए आईआईएम स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 आईआईएम ही थे। इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।”
मोदी ने स्‍टूडेंट्स से कहा कि “बीते 5-6 सालों से उच्च शिक्षा में हो रहे प्रयास सिर्फ नए इंस्टीट्यूशन खोलने तक ही सीमित नहीं है। इन संस्थाओं में गर्वनेंस में रिकॉर्म्‍स से लेकर जेंडर और सोशल पार्टिसिपेशन सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है। पीएम मोदी ने आगे कहा, शिक्षा में बेटियों की बढ़ती भागीदारी पर कहा, ‘आज शिक्षा के हर स्तर पर देश में बेटियों के ग्रास एनरोलमेंट रेसियो बेटों से ज्यादा है। उच्च शिक्षा में भी इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से जुड़ी पढ़ाई में भी बेटियों की भागीदारी बढ़ी है। 4 साल पहले आईआईटी में बेटियों का एनरोलमेंट सिर्फ 8फीसदी था वो इस वर्ष बढ़कर 20फीसदी तक पहुंच चुका है।’

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