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आत्मनिर्भरता एवं पुर्ननिर्माण विषय पर स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में अन्र्तराश्ट्रीय वेबीनार का आयोजन….

“COVID -19 महामारी के पश्चात् अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता एवं पुर्ननिर्माण विशय पर स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में अन्र्तराश्ट्रीय वेबीनार का आयोजन“

 

 

भिलाई –  स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के संयुक्त तात्वावधान में ”covid -19 महामारी के पश्चात् अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता एवं पुर्ननिर्माण“ विशय पर अन्र्तराश्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों, षोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं विषय-विषेशज्ञों ने अपने विचार रखे व कोविड-19 का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव का विष्लेशण किया गया।

वेबिनार की मुख्य अतिथि एवं वक्ता डाॅ. अरुणा पल्टा कुलपति हेमचंद यादव विष्वविद्यालय, दुर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कोविड-19 लाॅकडाउन के कारण संपूर्ण विष्व में बदलाव हुआ है कोई भी सेक्टर अछूता नहीं है। संपूर्ण विष्व को आर्थिक व वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे विष्व के अनेक देषों में मंदी की स्थिति आ गयी है। इन विशम परिस्थितियों के बाद भी आषा की किरण है हम कोरोना वायरस से लडेंगे व जीतेंगे भी साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पुनः मजबूत स्थिति में आ जायेगी।

कार्यक्रम के उद्देष्यों पर प्रकाष डालते हुये डाॅ. अजीता सजीत सहायक प्राध्यापक वाणिज्य ने कहा कोविड-19 का विष्व अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है इस पर विचार विमर्ष करना तथा अर्थव्यवस्था के पुर्ननिर्माण के लिये उपाय सुझाना है, जिसके व्यवसायिक संस्थानों में जो नकारात्मकता का संचार हुआ है वह सकारात्मक में बदल सके।
प्राचार्य डाॅ. हंसा षुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा ग्राहकों के मन में भी भय का संचार हुआ है जो ग्राहक पहले घूमने या समय व्यतीत के लिये माॅल या अन्य स्थानों पर जाते थे उनका व्यवहार बदला है। बड़ी कंपनियों पर कोविड-19 का दुश्प्रभाव पड़ा पर आर्थिक रुप से इतना नुकसान नहीं हुआ कि रोजी रोटी का प्रष्न खड़ा हो जाये। छोटे उद्योग-धंधे बंद होने के कगार पर आ गये है हमें अपने लोकल प्रोडक्ट की गुणवत्ता को ऊपर उठाना होगा जिससे हम विष्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके। लोगों तक यह संदेष पहुॅंचाना है कोरोना से लड़ते हुये हम अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत कर सकते है।

डाॅ. तापेषचन्द गुप्ता प्रो. षासकीय योगानंद छत्तीसगढ़ काॅलेज, रायपुर ने कहा कोविड-19 के कारण बड़े-बड़े बाजार टूट गये इससे लोकल मार्केट डेवलप हो गये और इसने ही हमें जिंदा रखा। बिचैलिये के हटने से समान सस्ता हुआ जो टमाटर 40 रुपये किलो बिकता था वह लाॅकडाउन में 10 रुपये किलो बिका परन्तु जैसे ही लाॅकडाउन बढ़ा लोगों ने जमाखोरी षुरु कर दिया। पैसा कमाने की होड़ में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को भूल गये। थोक व्यापारी को भी अधिक मुनाफा कमाने की आदत छोड़नी होगी व मजदूरों का पसीना सुखने से पहले उनकी मजदूरी देनी होगी।

डाॅ. कल्याण साहू द मैनेजमेंट युनिवर्सिटी आॅफ आफ्रिका, घाना रिसर्च डारेक्टर ने अपने विचार व्यक्त करते हुये बताया दुनिया के 90 प्रतिषत व्यापार को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कृशि पर्यटन और टेक्सटाइल इंडस्ट्री खत्म होने के कगार पर है फ्रुड, मेनुफैक्चरिंग और डिजिटल इंडस्ट्री ग्रोथ में है। कोविड-19 के दौर मंे व्यापार के परंपरागत तरीके को छोड़कर डिजिटल तरीके को अपनाना होगा।

श्रीमती वर्तिका पारिख बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर माईक्रोसाॅफ्ट स्वीजरलैण्ड ने बताया ग्लोबल जी.डी.पी. 2020 में 3 प्रतिषत कम होने की संभावना है स्वास्थ्य से संबंधित उद्योगों को पुनः नये तरीके से स्थापित करने की जरुरत है। अर्थव्यवस्था के पुर्ननिर्माण की जरुरत है नई तकनीकी लानी होगी। ग्राहक की आवष्यकताओं को डिजिटल तरीके से पूरा करने का प्रयास करना चाहिये।

वेबिनार के पहले दिन डाॅ. सपना षर्मा, सेंट थाॅमस महाविद्यालय रुआबांधा, भिलाई, स.प्रा. षैलजा पवार स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने अपना पेपर प्रस्तुत किया।

द्वितीय दिवस का सत्र ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट आॅफ मनैजमेंट के डायरेक्टर डाॅ. अनिल कुमार धगट के वक्तव्य से प्रारंभ हुआ। कोविड-19 लाॅकडाउन के कारण आम आदमी से लेकर व्यापारी, षिक्षण, संस्थाओं, स्कूल, काॅलेज सभी में अनिष्चितता की स्थिति बनी हुई है। मांग एवं पूर्ति के तरीके में बदलाव आया है, काम के तरीके में बदलाव आया है आज घर से काम की संस्कृति विकसित हो रही है, नौकरी व परीक्षा को लेकर अनिष्चितता की स्थिति बनी हुई है युवाओं को नौकरी के लिये अपनी स्किल को बेहतर करना होगा, सकारात्मक सोच एवं नवीन टेक्नोलाॅजी को अपनाना होगा।

डाॅ. कोसगा यगपाराज प्रो. उत्तरा इंटरनेषनल काॅलेज प्रिन विष्वविद्यालय यूएसए ने कहा आॅन लाईन टीचिंग बहुत चुनौती भरी है इसमें कौषल विकास को षामिल कर उद्ययमिता व रोजगार को बढ़ा जा सकता है। बहुत से देष, राज्य एवं षहर के राजस्व का मुख्य मुख्य आधार पर्यटन उद्योग थे पर लाॅक डाउन के कारण पर्यटन और उससे संबंधित होटल व अन्य व्यवसाय बंद है जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पडे़गा व लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे अतः हमें टूरिज्म सेक्टर में पर्यटकों आकर्शित करने के लिए नई व्यूहरचना बनानी होगी।

श्री वेंकटाचार्य रामोजू काउंलर आबुधाबी यूएई ने बताया लाॅक डाउन के कारण सप्लाई चैन में बदलाव आया है। अधिकतर रिटेल क्षेत्र जैसे टेक्सटाईल, फास्टमुविंग, कंज्यूमर, गुड्स, कंपनी, कार्यक्षेत्र, हास्पिटल में बेहतर सप्लाई चैन नेटवर्क देखने मिला। कोविड-19 लाॅकडाउन के कारण सभी लोग रोजमर्रा के समान आॅनलाईन माध्यम से मंगवाने लगे है। हमें आॅनलाईन बिजनेस को नई दिषा देनी होगी। मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन देने के लिए सप्लाई चेन नेटवर्क को अपनाना होगा।

श्री सुरेष कोठारी चार्टर एकाउण्टेड दुर्ग ने कहा वोकल फाॅर लोकल आत्मनिर्भर भारत के लिये भारत में निर्मित सभी समान को खरीदना चाहिये। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा व भारत निर्भरता की ओर बढ़ेगा अभी भी भारत दूसरे देषों से सामान आयात करता है व अपनी आवष्यकताओं को पूरा करता है ऐसे क्षेत्रों में विषेश रुप से काम करके स्वदेषी को अपनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा। दूसरे दिन डाॅ. सुमोना भट्टाचार्य सहा.प्राध्यापक वाणिज्य अटल बिहारी वाजपेयी विष्वविद्यालय बिलासपुर, नम्रता देवांगन सहा.प्राध्यापक षिक्षा विभाग षांत्री बाई काॅलेज माहासमुंद एवं डाॅ. षमा ए बैग विभागाध्यक्ष माइक्रोबाॅयोलाॅजी स्वामी श्री स्वयपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई ने अपना षोध पत्र प्रस्तुत किया। विभिन्न सत्रों में सभी विशय विषेशझयों ने प्रतिभागियों द्वारा पुछे गये प्रष्नों का उत्तर दिया।

अन्र्तराश्ट्रीय वेबिनार में राज्य के
बाहर एवं अन्य देषों से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया । श्रीमती आरती गुप्ता विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने वेबिनार में प्रस्तुत विभिन्न विचारों को प्रतिवेदन के रुप में प्रस्तुत किया एवं उसकी उपादेयता पर प्रकाष डाला।
कार्यक्रम में मंच संचालन वेबिनार की संयोजिका डाॅ. नीलम गांधी विभागााध्यक्ष वाणिज्य व संगठन सचिव पूजा सोढ़ा सहा.प्रा. वाणिज्य ने किया व धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. प्रबंधन विभाग खुषबू पाठक ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तकनीकी प्रभारी स.प्रा. टी. बबीता विभागाध्यक्ष फिजिक्स, स.प्रा. गणित निषा पाठक, मीडिया प्रभारी डाॅ. श्रीमती सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी ने विषेश सहयोग दिया।

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