• education
  • स्वरूपानंद महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन…

स्वरूपानंद महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन…

स्वरूपानंद महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ/ आईसीसी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम संयोजक सहायक प्राध्यापक श्रीमती उषा साहू ने कहा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का खास मकसद समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाना है साथ ही हर एक महिला को उनका हक दिलाना है
महाविद्यालय के सीईओ डॉ दीपक शर्मा ने समस्त प्राध्यापकों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।
महाविदयालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा महिलाएं समाज का एक अहम हिस्सा है लेकिन वक्त के साथ महिलाएं समाज और राष्ट्र के निर्माण का एक अहम हिस्सा बन चुकी हैं महिलाओं की भागीदारी को बनाने बढ़ाने और अपने अधिकारों से अनजान महिलाओं को जागरूक करने व उनके जीवन में सुधार करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

महाविद्यालय की उप प्राचार्य डॉ अजरा हुसैन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त प्राध्यापकों को शुभकामनाएं दी ।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बी एड द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा जयश्री
जुरेशिया ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा प्रति वर्ष विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए महिलाओं के आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है ।
बी एड द्वितीय सेमेस्टर के छात्र दिनेश ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया गया बी एड द्वितीय सेमेस्टर के छात्र ताम्रध्वज ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा संयुक्त राष्ट्र का चार्टर महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता के सिद्धांत की पुष्टि करने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता बन गया था संयुक्त राष्ट्र ने अपना पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के अधिकारों और विश्व शांति के लिए आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र अवकाश के रूप में चिन्हित किया गया.
डी एल एड प्रथम वर्ष की छात्रा निधि मांडले ने नारी शक्ति है सम्मान है नारी गौरव अभिमान है नारी ने ही ये रचा विधान है हमारा शत-शत प्रणाम है इन पंक्तियों के द्वारा अपने विचारों को व्यक्त किया ।
डी एल एड प्रथम वर्ष की छात्रा प्रियंका निर्मलकर ने कहा दिल की रोशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई रात की नींद बच्चों को सुलाने में गुजर गई जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई इन पंक्तियों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए ।
महिला प्रकोष्ठ की सदस्य डॉक्टर अभिलाषा शर्मा ने कहा कि हर दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का मंतव्य यही था कि महिलाओं को उनकी क्षमता प्रदान की जाए तथा महिला को सशक्त किया जाए महिलाएं अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी पालन करें। डॉक्टर पूनम शुक्ला ने नारी सशक्तिकरण के विषय कहा जब भी हम भगवान से कुछ मांगते हैं तो शक्ति के लिए दुर्गामाता, धन वैभव के लिए माता लक्ष्मी एवं विद्या के लिए मां सरस्वती जी की आराधना करते हैं अपना स्थान बनाए रखने के लिए नारियों को अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी ज्ञान होना आवश्यक है । डॉ.शैलजा पवार ने कहा नारी के को सशक्त करने के लिए उसे शिक्षित करना जरूरी है जब वह आत्मनिर्भर होगी तब वह आर्थिक रूप से मजबूत होगी और अपने निर्णय स्वयं लेंगी।
डॉ मंजू कनौजिया ने कहा सामाजिक विकास के लिए पुरुषों के योगदान के साथ ही महिलाओं का योगदान बेहद महत्वपूर्ण होता है देश के विकास के लिए भी महिलाओं का योगदान उतना ही जरूरी है जितना कि पुरुषों का इस अवसर पर शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष , समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे मंच संचालन डॉ अभिलाषा शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती उषा साहू ने किया।

ADVERTISEMENT