स्वरूपानंद महाविद्यालय में ऊर्जा संरक्षण पर विविध प्रतियोगिता का आयोजन’….
स्वरूपानंद महाविद्यालय में ऊर्जा संरक्षण पर विविध प्रतियोगिता का आयोजन’….
भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं क्रेडा के संयुक्त तत्वावधान में ‘ऊर्जा संरक्षण’ दिवस के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय विविध राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह श्री भानूप्रतात अधीक्षण अभियंता क्रेडा दुर्ग के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। विशेष अतिथि के रूप में श्री नीतिश बंछोर परियोजना अधिकारी उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने की। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. शिवानी शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा ऊर्जा के अंधाधूंध दोहन के कारण ऊर्जा के स्त्रोत कम होते जा रहे हैं। अगर हमने ऊर्जा का संरक्षण नहीं किया तो ऊर्जा संकट बनकर आयेगा। लोगों को ऊर्जा संरक्षण के लिये जागरूक करने के उद्देश्य से विविध कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी, रिलेपोस्टर, लघु नाटिका, कहानी सुनाओ एवं पावर पाइंट प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिता रखी गयी है।
ऊर्जा संरक्षण का महत्व को बताते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा भारत में ऊर्जा खपत में अभी पॉंचते स्थान पर है पर उत्पादन में अभी भी हम पीछे हैं और ऊर्जा के परंपरागत साधनों पर निर्भर हैं हमें नये-नये साधनों की खोज पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि श्री भानूप्रताप ने बताया कि लोगों को जानकारी नहीं होती है उन्हें कितनी बिजली की आवश्यकता है वे घर में ज्यादा पावर वाला हीटर लगा लेते हैं साथ ही पंप भी अधिक पावर वाला लगाते हैं। लाईट चालू रख कर भूल जाते हैं जिससे बिजली की खपत होती है। दूकानदार, कपड़े व सोने की दुकान में बहुत अधिक बिजली की खपत होती है। हम छोटे-छोटे प्रयास से बिजली बचा सकते हैं। पारंपरिक ऊर्जा के स्त्रोत कम है व खत्म होने के कगार पर है हमें ऊर्जा के गैर परंपरागत साधन, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि का प्रयोग करना चाहिए।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा पहले लोगों के पास सुविधा कम थी लोगों का घर छोटा होता था संयुक्त परिवार था बिजली की खपत कम थी अब घर बड़े हो गये हैं हर घर में प्रत्येक सदस्य के पास गाड़ी है इससे ऊर्जा का खपत बढ़ गया है। प्रत्येक व्यक्ति व्यक्तिगत प्रयासों से ऊर्जा का संरक्षण कर सकता है।
प्रथम दिवस ऊर्जा संरक्षण विषय पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के सभी संकाय के विद्यार्थियों ने भाग लिया जिसमें पहले सात ग्रुप बनाये गये। कौन सी लाईट के उपयोग से ऊर्जा खपत कम होती है, कौन सी संस्था ऊर्जा संरक्षण का प्रबंधन करती है, सबसे ज्यादा तेल के कूंए कहॉं हैं, व किस देश में है। भारत में गॉंवों में कौन सी ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। दो नवीनीकृत ऊर्जा के स्त्रोत क्या हैं? प्रश्नोत्तरी में प्रथम स्थान साक्षी उमेश कुमार, दीक्षा सेन बायोटेक तृतीय , अंष शर्मा बी.एस.सी. प्रथम वर्ष ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर षिल्पा यादव प्रियंका साहू बॉयोटेक तृतीय सेमेस्टर दिपांशु चन्द्राकर बी.सी.एस. प्रथम सेमेस्टर से प्राप्त किया। सांत्वना देविना यादव, के. जान्वही, केसर पटेल बी.एस.सी. द्वितीय वर्ष ने प्राप्त किया ।
निर्णायक के रूप में डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी व सहायक प्राध्यापक मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित उपस्थित हुईं। कार्यक्रम में मंच संचालन अपूर्वा शर्मा सहायक प्राध्यापक बायोटेक ने किया व धन्यवाद संजना सोलामन ने दिया। कार्यक्रम में सभी संकाय के प्राध्यापक व विद्यार्थी शामिल हुए।