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सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं से कराया अवगत…
भिलाई – सामाजिक कार्यकर्ता सुमन शील ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर कहां है कि पेयजल प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक एवं विधिक मौलिक अधिकार है तथा साथ ही स्वच्छता बनाए रखने के लिए पानी निकासी के लिए नाली का निर्माण तथा अंधेरे से उजाला देने के लिए सड़कों तथा गलियों में पोल स्ट्रीट में लाइट की व्यवस्था कराना निगम की प्रमुख जिम्मेदारी है । शहरी विकास शहर के प्रत्येक परिवार एवं नागरिक को पेयजल एवं स्वच्छता को निजी अथवा सार्वजनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु संवैधानिक एवं कानूनी रूप से वाद्य है व पेयजल को अनिवार्य नागरिक उपलब्धि से इनकार नहीं कर सकता । भारत शासन की अमृत मिशन जल योजना इसी अनिवार्य संविधानिक पालन के लिए प्रदेश के नगर निगमों को उपलब्ध कराई गई है ताकि शहर के संपूर्ण नागरिक प्रत्येक परिवार को एवं प्रत्येक नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने की अनिवार्य कर्तव्य पालन का कार्य नगरी निकाय पूरा करें , इस प्रकार भारत शासन और राज्य शासन द्वारा इन बड़ी योजनाओं के तहत उपलब्ध कराई गई वृहत राशि से संपूर्ण आवासीय क्षेत्रों में पानी की टंकिया एवं पाइप लाइनों के माध्यम से सभी के लिए पेयजल की उपलब्धता तथा पानी निकासी के लिए नाली निर्माण अनिवार्यता सुनिश्चित करने के लिए नगरी निकाय बाध्य है एवं या उनका अनिवार्य नागरिक दायित्व है । सुमन शील ने बताया कि वार्ड 38 आशीष होटल के पीछे स्थित श्रमिक बस्ती , बैरागी मोहल्ला , शक्तिनगर से लेकर पंडित रविशंकर शुक्ल मार्केट में निवासरत परिवारों एवं नागरिकों की मांग पर शुद्ध पेयजल , पानी निकासी के लिए नाली का निर्माण , अंधेरे से बचने के लिए पोल स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था उपलब्ध कराना नगर पालिक निगम भिलाई की विधि एवं संवैधानिक अनिवार्य जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी से भिलाई निगम अपने इस जिम्मेदारी से हट नहीं सकता है क्षेत्र के नागरिक पेयजल कनेक्शन हेतु एवं नाली निर्माण के लिए कई बार निगम को आवेदन दिए हुए हैं एवं रसीद जमा किए हुए हैं इसके बाद भी लगभग 2 वर्षों से अधिक समय हो चुका है नागरिकों को पेयजल एवं नाली जैसे नैसर्गिक अधिकार हेतु भटकना एवं तंग करना नागरिकों के संवैधानिक एवं कानूनी अधिकार का ना केवल उल्लंघन है बल्कि नगर निगम व उसके अधिकारियों के अक्षमता का भी जीवंत प्रमाण है । सुमन शील ने कहा कि इस पर जल्द ही निगम प्रशासन अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करता है तो इसके लिए सड़क से लेकर उच्च न्यायालय तक की लड़ाई लड़ी जाएगी ।