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  • भिलाई के युवक ने घर पहुंच दवा की सुविधा देने वाला मेडिशटर एप बनाया, कोविड काल में लोगों के लिए हो रहा काफी उपयोगी….

भिलाई के युवक ने घर पहुंच दवा की सुविधा देने वाला मेडिशटर एप बनाया, कोविड काल में लोगों के लिए हो रहा काफी उपयोगी….

भिलाई के युवक ने घर पहुंच दवा की सुविधा देने वाला मेडिशटर एप बनाया, कोविड काल में लोगों के लिए हो रहा काफी उपयोगी….

मेडिकल स्टोर में जाने की झंझट नहीं, केवल एप में डाक्टर का प्रिस्क्रिप्शन अपलोड कर मरीज मंगवा रहे दवाई, कोविड काल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने एवं मरीजों को सुविधा देने यह एप काफी उपयोगी….

दुर्ग – भिलाई के युवा हर्षित ताम्रकार ने आज की हाईटेक दुनिया के अनुरूप आउट आफ बाक्स आइडिया निकालते हुए स्टार्टअप आरंभ किया और कोविड काल में उनका यह एप लोगों के लिए वरदान की तरह साबित हो रहा है। उनके एप का नाम मेडिशटर है। इस एप की विशेषता यह है कि इसमें आप अपने डाक्टर के प्रिस्क्रिप्शन को अपलोड कर दो, दवाएं आपके घर में मुफ्त डिलीवर्ड कर दी जाएंगी। कोरोना काल में जहाँ लोगों को लगता है कि भीड़ से बचें, विशेषकर मेडिकल स्टोर में लोग जाने से हिचकते हैं तो मेडिशटर उपयोगी साबित हो रहा है। श्री हर्षित ने बताया कि इस स्टार्टअप के लिए इनक्यूबेशन आइडिया उन्हें राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे ओरिएंटेशन कार्यक्रमों से मिला। राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह के वर्कशाप और अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों में मेरी उपस्थिति रही और वहाँ पर मैंने समझा कि टेक्नालाजी के माध्यम से काफी बड़े बाजार तक पहुँच बनाई जा सकती है। इसके बाद मेडिशटर एप का ध्यान आया। हर्षित ने बताया कि एप में यह भी जानकारी है कि किन दवा दुकानों में दवा पर डिस्काउंट भी प्राप्त किया जा सकता है। कई बार यह होता है कि दवा की उपलब्धता किसी एक मेडिकल दुकान में नहीं होती और ग्राहक को तीन-चार दुकानों में भटकना पड़ता है। एप के माध्यम से दवा की उपलब्धता के बारे में तुरंत जानकारी हो जाएगी। श्री ताम्रकार ने बताया कि उनके महानगरों में भी दवा विक्रेताओं से सीधे संबंध है जिसके माध्यम से कोई भी दवा मंगवाने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। जुनवानी के रहने वाले डॉ. शशांक कटियार ने बताया कि अब वे मेडिशटर के माध्यम से ही दवाइयां मंगवाते हैं। पहले उन्हें मेडिकल स्टोर्स के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब एप पर दवाई का नाम लिखकर डाल देते हैं। थोड़ी देर बाद घर में दवाइयां मिल जाती है। इंदिरा मार्केट दुर्ग के रहने वाले श्री राजीव गुप्ता व्यावसायी है। कहते हैं, भीड़ से बचना जरूरी है। मेडिकल स्टोर्स में अलग-अलग जगहों से लोग आते हैं। इसलिए एप के माध्यम से ही दवाई मंगवा रहा हूं। डिलीवरी के बाद भी पेमेंट कर सकते हैं इसकी वजह से ये अच्छी सुविधा है।

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