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क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी डॉक्टर अनीता सावंत से “बेहतर संवाद” की बातचीत…..

महिला दिवस से पूर्व क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी डॉक्टर अनीता सावंत “बेहतर संवाद” की बातचीत…..

भिलाई – अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जैसा कि हम जानते हैं हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए इस दिन महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक, या अन्य क्षेत्रों में कार्य करते हुए विशेष उपलब्धि के उपलक्ष में एक उत्सव के तौर पर यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बनाया जाता है… “बेहतर संवाद” भी महिलाओं के सम्मान में दुर्ग जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत उन महिलाओं को इस दिवस की शुभकामनाएं बधाई देते हुए विशेष बातचीत प्रस्तुत कर रहा है… विशेष बातचीत कार्यक्रम में हम बात कर रहे हैं दुर्ग जिले में पदस्थ एक ऐसी ऊर्जावान अधिकारी की जिनको हम विशेष कार्यक्रमों के दौरान मंच का संचालन करते हुए भी हमने देखा. जी हां हम बात कर रहे हैं पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई दुर्ग. क्षेत्रीय अधिकारी के बारे में बेहतर संवाद से बात करते हुए डॉक्टर अनीता सावंत ने बताया की स्कूल समाप्त होने के बाद ग्रेजुएशन, फिर एमएससी, पीएचडी रसायन शास्त्र में पीएचडी
विषय स्टडी ऑफ सम टॉक्सिक मेटल्स इन सरफेस सायल्स इन रिलेशन टू एनवायरमेंटल फैक्टर्स….

डॉक्टर सावंत बताती हैं रिसर्च पेपर्स के बारे में कई रिसर्च पेपर्स राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय जरनलों प्रकाशित एवं राष्ट्रीय वैज्ञानिक कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुतीकरण…

वहीं अन्य उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहां की राष्ट्रीय स्तर पर इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स नई दिल्ली, जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी नई दिल्ली, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ़, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, भोपाल विश्वविद्यालय भोपाल, सहित रायपुर एवं बिलासपुर आदि स्थानों पर अंतरविश्व – विद्यालयीन अखिल भारतीय तथा अंतरविश्व विद्यालयीन राज्य स्तरीय भाषण, वाद विवाद, निबंध आदि प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार…

डॉक्टर सावंत अपनी रूचि के बारे में बताती हैं पर्यावरण विषयक एवं अन्य समसामयिक विषयों पर पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेखों का प्रकाशन तथा आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी. आकाशवाणी नई दिल्ली द्वारा अखिल भारतीय रूपक प्रतियोगिता में वर्ष 1991 में आकाशवाणी रायपुर की प्रस्तुति नूपुर कंदन को राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया. रूपक मैं नरेटर के रूप में भागीदारी. आकाशवाणी हेतु रूपक हेतु लिखित बढ़ते जन घटता जल अभिषेक रूपक का जुलाई 2009 मैं अखिल भारतीय स्तर पर प्रसारण किया गया….

वही कुछ विशेष डॉक्टर सावंत ने कहा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा हिंदी में मौलिक लेखन को प्रोत्साहन करने हेतु पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विषय पर लिखी गई पुस्तक को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया. सितंबर 2009 को दिल्ली में यह आयोजित समारोह में ₹20 हजार नगद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. पुस्तक का प्रकाशन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा किया गया है. इस प्रतियोगिता हेतु पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य के किसी लेखक को पुरस्कृत किया गया. यू एस ए से प्रकाशित अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टिट्यूट के जर्नल “Who is Who” मैं जीवन परिचय का प्रकाशन….

इसके अतिरिक्त जिला साक्षरता समिति दुर्ग के तत्वाधान में नव साक्षरो हेतु पर्यावरण विषयक जन जागरूकता हेतु पुस्तकों का लेखन किया गया. का जिला साक्षरता समिति द्वारा प्रकाशन किया गया. यह उपलब्धियां जो मिला…

डॉक्टर सावंत ने पर्यावरण अधिकारी होने के नाते पर्यावरण से संबंधित विषय पर चर्चा करते हुए कहां की 5 जिलों की जिम्मेदारी क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी होने के नाते हैं. उद्योगों से पर्यावरण के नियमों एवं अधिनियम का पालन करवाया जाता है. वही निर्देश का भी उद्योग संचालक पालन कर सहयोग रहता है. जब भी कहा जाता है किसी भी गाइड लाइन के बारे में तत्काल उद्योग संचालक उस नियम का पालन सुनिश्चित करते हैं. प्रशासन का भी सहयोग सदैव बना रहता है. 26 साल बीत गए इस विभाग में कार्य करते एक स्थान से दूसरे स्थान कार्य करते हुए. पर्यावरण के बारे में आगे डॉक्टर सावंत कहती है पर्यावरण के प्रति सभी को सचेत रहना चाहिए प्राकृतिक संसाधन जैसे पानी, बिजली जितनी आवश्यकता हो उतना ही इन संसाधनों का उपयोग करना चाहिए. पर्यावरण से हर एक इंसान को लाभ होता है. वही डॉक्टर सावंत एक महिला अधिकारी होने के नाते उन तमाम महिलाओं के लिए संदेश देकर कहा की महिलाओं को सशक्तिकरण पर ध्यान शिक्षा, आत्मनिर्भर की तरफ ध्यान देना चाहिए. किसी भी शोषण पर चुपचाप रहने की बजाए आवाज उठाई जानी चाहिए समाज के लिए कार्य करें. अपने दायित्वों को हमेशा याद रखें…

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