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देश के पर्यटन नक्शे पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा छत्तीसगढ़ का डोंगरगढ़: भूपेश बघेल
देश के पर्यटन नक्शे पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा छत्तीसगढ़ का डोंगरगढ़: भूपेश बघेल
प्रशाद योजना में स्वीकृत 43.33 करोड़ रूपए लागत की मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ विकास परियोजना का भूमिपूजन…
मुख्यमंत्री श्री बघेल और केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल भी वर्चुअल माध्यम से समारोह में जुड़े
डोंगरगढ़ पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर विकसित की जाएंगी विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री से किया आग्रह: चन्द्रगिरी तीर्थ को डोंगरगढ़ विकास परियोजना में किया जाए शामिल
अमरकंटक परिक्रमा परिपथ में आने वाले छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल भी शामिल हों अमरकंटक विकास परियोजना में
डोंगरगढ़ में श्रीयंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा
ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, लैंडस्केपिंग आदि सुविधा आरंभ होगी
पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होगी यह परियोजना
डोंगरगढ़ – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डोंगरगढ़ में पर्यटन सुविधाओं के विकास के स्वीकृत की गई 43.33 करोड़ रूपए की लागत की माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ विकास परियोजना के पूरा होने से छत्तीसगढ़ का डोंगरगढ़ देश के पर्यटन नक्शे पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा। इससे जहां पर्यटन विकास की संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री आज यहां विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से डोंगरगढ़ में आयोजित माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ विकास परियोजना के भूमिपूजन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की। श्री पटेल भी वर्चुअल माध्यम से समारोह में शामिल हुए। डोंगरगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने भूमिपूजन किया।रायपुर में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत भी उपस्थित थे I
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशाद योजना की इस परियोजना के पूरे होने से डोंगरगढ़ आने वाले पर्यटकों को यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलंेगी। इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी को शामिल किया गया है। यहां चन्द्रगिरी में जैन तीर्थ भी बन रहा है। उसे भी इस परियोजना में जोड़ा जाना चाहिए, ऐसा होने से डोंगरगढ़ जैन, बौद्ध और सनातन धर्म के केन्द्र के रूप में उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में हजारों लोग डोंगरगढ़ आते है। सालभर में यहां लगभग 50 लाख श्रद्धालु जुटते हैं। यहां जन सुविधाओं के विकसित होने से पर्यटकों को काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएं हैं। केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री पटेल से मुख्यमंत्री ने यह आग्रह भी किया कि प्रशाद योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे अमरकंटक की स्वीकृत विकास परियोजना में छत्तीसगढ़ के कबीर चबूतरा, राजमेरगढ़ और उस क्षेत्र के शिव मंदिरों को भी शामिल किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ से सबसे ज्यादा संख्या में पर्यटक अमरकंटक जाते है। नर्मदा परिक्रमा की भांति लोग अमरकंटक परिक्रमा भी करते है। अमरकंटक परिक्रमा का आधा क्षेत्र छत्तीसगढ़ में पड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में अलग-अलग पर्यटन परियोजनाओं के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा 80 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इस बार प्रशाद योजना में डोंगरगढ़ के लिए 43 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।