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‘स्वरूपानंद महाविद्यालय में ‘‘एमपावरमेंट आफ फेकल्टीस फाॅर काम्पिटेंस एण्ड एक्सपर्टाइस’’ विषय पर पाच दिवसीय फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम’….
भिलाई – ‘स्वरूपानंद महाविद्यालय में ‘‘एमपावरमेंट आफ फेकल्टीस फाॅर काम्पिटेंस एण्ड एक्सपर्टाइस’’ विषय पर पाच दिवसीय फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम’
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में ‘‘एमपावरमेंट आॅफ फेकलटीस फाॅर काम्पिटेंस एण्ड एक्सपर्टाइस’’ विषय पर फेक्ल्टी एमपावरमेंट के लिए आईक्यूएसी सेल द्वारा फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। काय्रक्रम में मुख्य अतिथि डाॅ. अरूणा पल्टा कुलपति हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ,दुर्ग थी। पहले सत्र के मुख्य वक्ता प्रो.जी.ए. घनश्याम ओ.एस.डी., उच्च शिक्षा निदेशालय रायपुर, छत्तीसगढ़ थे।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की संयोजिका डाॅ. शमा ए. बेग ने कहा पाॅच दिवसीय फेक्ल्टी डेवलवमेंट प्रोग्राम का आयोजन इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि प्राध्यापकों में नई उर्जा का संचार हो और शिक्षा जगत लाभान्वित हो।
शिक्षक को शिक्षा क्षेत्र में नयी तकनीक एवं परिवर्तन को आत्मसात् करना होगा जिससे वह विद्यार्थी,शिक्षण संस्थान एवं समाज को एक नयी दिशा दे सकें। इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
महाविद्यालय के सीओओ डाॅ. दीपक शर्मा ने फेकल्टी को नये शिक्षण पध्दति एवं रिसर्च के क्षेत्र में समयानुसार होने वाले परिवर्तन को समझने के लिए इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन को आवश्यक बताया एवं महाविद्यालय परिवार को फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के आयोजन हेतु बधाई दी।
महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. हंसा शुक्ला ने कहा कि फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम कि सार्थकता हेतु आवश्यक है कि प्राध्यापक कार्यक्रम के दोैरान जिन विचारों को सुने उसे आत्मसार कर उसका क्रियान्वयन आवश्यक है प्राध्यापक कि जिम्मेदारी केवल दिये गये पाठ्यक्रम को पढ़ाने तक सीमित नही होती बल्कि उसे विद्यार्थियों के कौशल का विकास कर उन्हे आत्मनिर्भर बनाना होता है तथा अपने कार्य एवं शोध से समृध्द समाज का निर्माण करना होता है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ. अरूणा पल्टा ने स्वरूपानंद महाविद्यालय को फेक्ल्टी डेवलवमेंट प्रोग्राम के लिए बधाई एवं शुभकामनाए दी। उन्होने अपने उद्बोधन में कहा कि हम जो सीखते है उसे समय पर क्रियान्वित करना आवश्यक होता है। वर्तमान समय में हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क आवश्यक है। स्मार्ट का अर्थ आपके कार्य का उद्देश्य विशिष्ट, मापनीय, प्राप्त करने योग्य, वास्तविक एवं निर्धारित समय सीमा में परिणाम देने वाला होना चाहिए। जैसे सफर में मंजिल पा लेने पर सफर का अंत नही होता वैसे ही उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के एक स्तर पर पहुचने के बाद आप उसी स्तर पर नही बने रह सकते बल्कि उच्च गुणवत्ता के लिए निरंतर कार्य और प्रयास आवश्यक है।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता मुल्यांकन हेतु नैक असेसमेंट आवश्क है अतः इसमें अच्छा ग्रेड प्राप्त करने के लिए फेक्ल्टी समर्पण एवं समसामयिक मांग अनुरूप शिक्षण द्वारा महाविद्यालय को गुणात्मक रूप से बेहतर बना सकते है। जब तक आप उच्च शिक्षा मंे जुड़े है आपको इंटेलिजेन्ट एवं स्मार्ट वर्क करना आवश्यक है।
उन्होने अल्बर्ट आइंस्टीन के कथन ‘‘जिस दिन हम सीखना बंद कर देते है उस दिन हमारा जीवन खत्म हो जाता है’’ का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षकों को भी बेहतर शिक्षक बनने के लिए रोज नया सीखने की आवश्यकता है।
मुख्य वक्ता प्रो. जी.ए. घनश्याम ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुणवत्ता में सुधार जीवन भर किया जा सकता है इसका कोई अंत या समय सीमा नही है यह एक अनवरत यात्रा है। हमे अपने आपको हमेशा अभिप्रेरित करते रहना चाहिए क्योंकि जब हम स्वयं आनंदित होते है तभी अपने आस-पास खुशियाॅ बिखेरते है। स्वयं को आलोकित कर लेने से बाहरी शक्ति या उर्जा की आवश्कता नही होती शिक्षक जलता हुआ दीपक है इसके लिए उसे स्वयं को शसक्त करना जरूरी है तभी वह विद्यार्थियों को सशक्त बना सकता है। आप स्वयं को पहचाने इसके लिए लर्न करें, रिलर्न करें और हयूमेन बिंग से बिंग हयूमेन बने जिस दिन आप अवसाद मे अवसर खोज लेगे उस दिन आपका आत्म आंकलन पूर्ण होगा। उन्होने उदाहरण देते हुए बताया कि इम्पावर का अर्थ आई एम पावर है अर्थात् सभी शक्ति आपके अंदर निहित है इसे पहचान कर आपको स्वयं शसक्त बनना होगा।
सेल्फडिस्कवरी एवं सेल्फएसेसमेंट से अपने आपको बेहर बनायें और अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाये।
कार्यक्रम में देवसंस्कृति महाविद्यालय,खपरी के प्राचार्य डाॅ. कुबेर गुरूपंच, श्री जगद्गुरू शकाराचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. व्ही.सुजाता, डाॅ. बी.पी. देवंागन प्राचार्य अशोका महाविद्यालय उमेदपुर, डाॅ. पुष्पा देवागन प्राचार्य के. पी. काॅलेज बंधापली तथा शासकीय व्ही.वाय.टी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय,दुर्ग, खुबचंद बघेल स्नातकोत्तर महाविद्यालय,भिलाई-3, शासकीय डी.बी. काॅलेज, रायपुर, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय,राजनांदगाव, दुर्गा काॅलेज,रायपुर, मैत्री महाविद्यालय भिलाई, शासकीय महाविद्यालय बोरी, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय,रायपुर, शासकीय बिलासा महिला महाविद्यालय, बी.आई.टी. दुर्ग, सेंट विंसेेट पालोटी महाविद्यालय, अपोलो महाविद्यालय,दुर्ग, संस्कार सिटी महाविद्यालय, राजनांदगाव, सेंट थामस महाविद्यालय, प्रिज्म स्कूल आॅफ एजुकेशन, साई महाविद्यालय, भारती महाविद्यालय, केे प्राध्यापक आॅनलाईन उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का संचालन सण्प्राण्पूजा सोढ़ा वाणिज्य विभाग ने किया डाॅ शैलजा पवार शिक्षा विभाग, श्रीमती निशा पाठक, सुश्री शिरिन अनवर, सुश्री राखी अरोरा ने विषेश सहयोग प्रदान किया