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“माई स्टील स्टोरी के विजेता पुरस्कृत

भिलाई. सेल-की कहानी लेखन प्रतियोगिता-2020, “माई स्टील स्टोरी के छत्तीसगढ़ राज्य के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लिए 03 नवम्बर, 2020 को भिलाई निवास में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में सेल-बीएसपी के मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन) पी के घोष मुख्य अतिथि एवं महाप्रबंधक (एलए एवं पीआर) जेकब कुरियन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर महाप्रबंधक (जनसम्पर्क) एस के दारिपा, उप महाप्रबंधक (जनसम्पर्क) प्रशान्त तिवारी एवं सहायक महाप्रबंधक (जनसम्पर्क) श्रीमती अपर्णा चन्द्रा उपस्थित रहे।
सेल अध्यक्ष, श्री अनिल कुमार चैधरी ने कम्पनी के “फेसबुक और यूट्यूब” सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर सेल कहानी लेखन प्रतियोगिता-2020, “माई स्टील स्टोरी (डल ैजममस ैजवतल) के विजेताओं की घोषणा की थी। सेल देश भर में स्टील के उपयोग को बढ़ाने और इस्पात उत्पादों को बढ़ावा देने के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई अभिनव कदम उठा रहा है। यह कहानी लेखन प्रतियोगिता कंपनी द्वारा स्टील के उपयोग पर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने की एक पहल थी। प्रतियोगिता का विषय “सेल लोगों के जीवन में एक सार्थक अंतर पैदा करता है” हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को सेल के बारे में अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। साथ ही इस्पात निर्माता लोगों के जीवन में बदलाव के साथ कैसे सार्थक अंतर पैदा कर रहा है, इस दिशा में जागरूकता जगाना है।
छत्तीसगढ़ के तरुण कुमार सोनी ने हिंदी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि अंग्रेजी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार ओड़िशा के श्री देवदत्त सत्पथी ने प्राप्त किया। हिंदी श्रेणी में प्रतियोगिता के छत्तीसगढ़ के विजेताओं की सूची इस प्रकार है-प्रथम पुरस्कार श्री तरूण कुमार सोनी, छत्तीसगढ़, द्वितीय पुरस्कार श्री लोकनाथ साहू, छत्तीसगढ। जहाँ मोहम्मद जाकिर हुसैन, श्री दानी प्रसाद शर्मा एवं सुश्री मनीषा नंदी को हिंदी श्रेणी में विशेष सांत्वना पुरस्कार मिला। वहीं सेल-बीएसपी के श्री मानश कुमार गुप्ता ने अंग्रेजी श्रेणी में विशेष सांत्वना पुरस्कार हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के कुल 6 प्रतिभागियों ने पुरस्कार जीते।
कहानी लेखन प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को सेल के ब्रांडेड सेलम स्टेनलेस स्टील के सेट से सम्मानित किया गया, जिसमें विभिन्न आइटम शामिल हैं। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों को प्रशंसा प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। उनकी पुरस्कृत कहानियों को सेल के प्रकाशनों में प्रकाशित की जाएंगी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री पी के घोष ने कहा कि टैगलाइन “हर किसी की जिन्द़गी से जुड़ा हुआ है, सेल” बहुत उपयुक्त है। विगत 60 वर्षों में भिलाई का विकास सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के विकास से जुड़ा है। बीएसपी ने आसपास या सहायक उद्योगों में रहने वाली आबादी के लाभ के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निरंतर योगदान दे रहा है।
तरूण कुमार सोनी, हिंदी श्रेणी के प्रथम पुरस्कार विजेता, जिन्होंने स्वयं बीएसपी द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ाई की है, ने कहा कि सेल-बीएसपी ने सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सेल द्वारा संचालित स्कूलों के सहयोग से आसपास के क्षेत्र में शिक्षा का उत्थान व विकास हो रहा है। इसके अलावा आदिवासी अंचलों के बच्चों हेतु छात्रावास और शिक्षा सुविधाएँ प्रदान कर उनके जीवन को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सेल-बीएसपी ने इस क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।

बाल्को के पूर्व कार्मिक श्री लोकनाथ साहू, हिंदी श्रेणी के द्वितीय पुरस्कार विजेता हैं, उन्हांेने छत्तीसगढ़ी भाषा में भिलाई का उल्लेख करते हुए एक लोक गीत सुनाया। उन्होंने कहा कि देश भर के लोग-चाहे वह गाँव हों, पहाड़ हों या दूर दराज के क्षेत्र, भिलाई में काम करने आते हैं और अपने आप को संतुष्ट महसूस करते हैं।

मोहम्मद जाकिर हुसैन, हिंदी श्रेणी में विशेष सांत्वना पुरस्कार विजेता हैं। वे हरिभूमि समाचार पत्र के अनुभवी पत्रकार और लेखक हैं। उन्होेंने कहा कि सेल स्टोरी लेखन प्रतियोगिता हमारे अपने विचारों को व्यक्त करने का एक अच्छा अवसर था।

श्री दानी प्रसाद शर्मा, बीएसपी स्कूल के प्राचार्य हैं एवं हिंदी श्रेणी में विशेष सांत्वना पुरस्कार के विजेता ने कहा कि सेल-बीएसपी ने उनके और उनके परिवार तथा कई अन्य लोगों की आर्थिक स्थिति को ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भिलाई की हरियाली, शैक्षिक और चिकित्सा सुविधाएंँ एक लघु-भारत के अनुभव के साथ-साथ यहाँं सम्पूर्ण भारत का एहसास दिलाता है।

इसी प्रकार सुश्री मनीषा नंदी, हिंदी श्रेणी में विशेष सांत्वना पुरस्कार विजेता ने अपने अनुभव को साझा किया कि उन्हें दूसरी पीढ़ी के भिलायंस होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव और शांतिपूर्ण जीवन भिलाई का मुख्य आकर्षण है।

संयंत्र के महाप्रबंधक (सतर्कता) श्री मानश कुमार गुप्ता एवं कहानी के अंग्रेजी श्रेणी में विशेष सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाले विजेता ने कहा कि भिलाई की बंजर भूमि से लेकर आज जो कुछ भी है वह मेरे दिमाग में है। उन्होंने कहा कि मैं भिलाई के समग्र विकास के लिए सेल का आभारी हूँं।

सभी पुरस्कार विजेताओं का मानना था कि उन्होंने प्रतियोगिता में विजयी होने के उद्देश्य से प्रतिभागिता नहीं की थी, बल्कि इसे अपने विचारों को सामने रखने के लिए एक अवसर के रूप में इस्तेमाल किया।

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