- Home
- Chhattisgarh
- ‘लॉकडाउन में पढ़ाई कैसे करें‘ विषय पर ऑनलाइन विशेष कक्षा : हजारों बच्चे, शिक्षक और पालक शामिल हुए
‘लॉकडाउन में पढ़ाई कैसे करें‘ विषय पर ऑनलाइन विशेष कक्षा : हजारों बच्चे, शिक्षक और पालक शामिल हुए
कोरोना संकट में मिली इस कीमती समय को अवसर में बदलें: श्री पाण्डेय
रायपुर. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा “पढ़ई तुंहर दुआर” अंतर्गत आज रविवार को ‘लॉकडाउन में पढ़ाई कैसे करें‘ विषय पर ऑनलाइन विशेष कक्षा का आयोजन किया गया। विशेष ऑनलाइन कक्षा में हजारों बच्चे, शिक्षक और पालक शामिल हुए। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक और राज्य स्तरीय प्रशिक्षक श्री प्रशांत कुमार पाण्डेय ने बच्चों और शिक्षकों से कहा कि कोरोना संकट में मिले इस कीमती समय को अवसर में बदलें। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जहाँ पूरी दुनिया एक तरफ जूझ रही है, वहीं बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कैसे हो यह चिंतनीय है।
लॉकडाउन की अवधि में खाना, पीना, सोना सब कुछ अनिश्चित सा हो गया है। क्या तो हम ऐसे समय में सीखना बंद कर दें, हम कुछ नया करने की सोचें। ऐसे कीमती समय को अवसर में बदलने शिक्षकों और पालकों को जहां रचनात्मक कार्य करना चाहिए वहीं बच्चों को सुव्यवस्थित प्लानिंग कर पढ़ाई करनी चाहिए।
सबसे पहले हमें अपने को स्वस्थ्य रखने, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से यथासंभव काढ़ा आदि का सेवन करना चाहिए। यदि पढ़ाई में मन नहीं लगता तो आसपास के उन सफल व्यक्तियों को देखें, जिन्होंने लगन और मेहनत से पढ़ाई कर सफलता का मुकाम हासिल किया है। बच्चें अपनी पढ़ाई-लिखाई के लिए समय-सारणी बनाएं। ब्रम्ह मुहूर्त में कम से कम दो घण्टे अवश्य पढ़ाई करें। बीच-बीच में मनोरंजन भी करें, जिससे आप चार्ज होते रहेंगे। लगातार पढ़ाई न करें, पढ़ाई के बाद अन्य कार्य करें और फिर पढ़ाई करें। पढ़ाई के लिए घर में एक स्थान का चयन करें। पढ़ाई में ध्यान केन्द्रित हो इसलिए उस कमरे से अनावश्यक सामान को हटा दंे। परिवार के सदस्यों के साथ चाय, नास्ता, भोजन इत्यादि करें। चाय, कॉफी का अधिक सेवन न करें तथा सुपाच्य भोजन करें।
श्री पाण्डेय ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें। रटने के बजाय स्पष्ट समझ के साथ पढ़ाई करें। यदि आवश्यक हो तो नोट्स बनाए। दिनभर किए गए पढ़ाई का स्व-मूल्यांकन करें, जहाँ कमियाँ है, उसे सुधारे और आगे बढ़े। भले ही घर में रहकर ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई कर रहे हो, फिर भी स्कूल जैसे ही अनुशासन का पालन करें। पढ़ाई के अलावा रूचि अनुसार गाना, पेंटिंग, डांसिंग के अलावा अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ भी कर सकते हैं। श्री पाण्डेय ने पालकों से बच्चों की पढ़ाई के लिए सकारात्मक वातावरण निर्माण करने में सहयोग प्रदान करने की अपील की। शिक्षा सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर ने बताया कि आज की यह विशेष कक्षा यू-ट्यूब में पीटीडी छत्तीसगढ़ में हमेशा उपलब्ध रहेगा।