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  • 66 एमएलडी का जल हुआ पीने योग्य, पीएचई की जांच में सब कुछ मानक स्तर का, अमृत मिशन के टंकी और डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से सप्लाई के लिए कराई सैंपल की जांच….

66 एमएलडी का जल हुआ पीने योग्य, पीएचई की जांच में सब कुछ मानक स्तर का, अमृत मिशन के टंकी और डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से सप्लाई के लिए कराई सैंपल की जांच….

 

*66 एमएलडी का जल हुआ पीने योग्य, पीएचई की जांच में सब कुछ मानक स्तर का, अमृत मिशन के टंकी और डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से सप्लाई के लिए कराई सैंपल की जांच*

भिलाई नगर – नेहरू नगर क्षेत्र के बटालियन के समीप निर्मित 66 एमएलडी फिल्टर प्लांट के क्लीयर वाटर (शिवनाथ नदी के उपचारित जल) को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग की प्रयोगशाला से हरी झंडी मिल गई है। जांच में प्लांट से पाइप लाइन के जरिए सर्विस में होने वाली सप्लाई को पीने योग्य पाया गया है। बहुत जल्द 66 एमएलडी नए प्लांट से अमृत मिशन के अंतर्गत निर्मित टंकियों के जरिए शिवनाथ नदी का शुद्ध पानी घरों तक सप्लाई किया जाएगा। फिलहाल हाउसिंग बोर्ड और छावनी की नवनिर्मित टंकी में पुराने 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट से पानी सप्लाई किया जा रहा है। खमरिया एवं कुरूद के क्षेत्र में ओवरहेड टैंक बनकर तैयार है खमरिया में तो पानी की टेस्टिंग भी प्रारंभ कर दी गई है! निगम प्रशासन ने अमृत मिशन के अंतर्गत नेहरू नगर में निर्मित 66 एमएलडी फिल्टर प्लांट का पानी जिसे टंकियों के माध्यम से डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन में सप्लाई किया जाएगा। वह पूरी तरह से पीने के पानी का स्तर का है या नहीं इसका पता लगाने के लिए सैंपल जल संसाधन विभाग की प्रयोगशाला भेजा गया था। जहां से रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में पाानी में किसी भी प्रकार की टर्बिडिटी बैक्टीरिया और जीवाणु नहीं है। पाइप लाइन के अंतिम छोर तक सप्लाई होने वाले पानी का पीएच मान, 66 एमएलडी फिल्टर प्लांट में उपचारित पानी के पीएच मान के बराबर ही है। फिल्टर प्लांट में उपचारित क्लीयर वाटर के बराबर ही पाइप लाइन के अंतिम छोर तक सप्लाई होने वाली पानी में मिनरल पाया गया है।
*पानी के सैंपल की कई चरण में जांच*
फिल्टर प्लांट , टंकियों और पाइप लाइन की सफाई के बाद भी धूल मिट्टी के साथ कंकड़, पत्थर की संभावना अधिक रहती है। इसे दूर करने के लिए पाइप लाइन में पानी सप्लाई कर सफाई की गई है और इंड कैप के माध्यम से पानी को बाहर निकाला गया है। इसके बावजूद पाइप लाइन में जीवाणु रहने की आशंका बनी रहती है। पानी में उपस्थित जीवाणु और हानिकारण रसायन लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इसे पता लगाने के लिए तीन से चार चरण में पानी में मौजूद खनिज की मात्रा, पीएच मान, चालकता, रंग और गंदलेपन की जांच किया गया। सभी स्तर की जांच में सब कुछ मानक स्तर का और पीने योग्य पाया गया! इसके अतिरिक्त निगम के जल शोधन संयंत्र के लैब में तीन बार पानी के सैंपल की जांच की जाती है!
*चार महीने से चल रहा था सफाई कार्य*
अमृत मिशन के अंतर्गत बटालियन के समीप 66 और मोरिद में 6 एमएलडी क्षमता की दो फिल्टर प्लांट बनाई गई है। इसके अलावा भिलाई निगम क्षेत्र एवं रिसाली निगम क्षेत्र में 12 स्थानों पर नई ओवरहेड टंकियों में से सभी बनकर तैयार है। हर घर को शिवनाथ नदी का शुद्ध जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राइजिंग के इंटरकनेक्शन का कार्य पूर्ण हो गया है पिछले चार महीने से टंकी और डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की सफाई का कार्य चल रहा था। जुलाई में महापौर व भिलाई नगर विधायक श्री देवेन्द्र यादव और निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने निरीक्षण कर अगस्त तक बाकी कार्यों को कंप्लीट करने के निर्देश दिए थे। महापौर के निर्देश अनुसार पुरानी और नई डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन को आपस में जोडऩे का कार्य भी अंतिम चरण की ओर है।

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