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स्वरूपानंद महाविद्यालय रसायन शास्त्र विभाग द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया….

स्वरूपानंद महाविद्यालय रसायन शास्त्र विभाग द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया….

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग व स्पेक्ट्रम केमिकल सोसायटी द्वारा विद्यार्थियों हेतु भिलाई इस्पात संयंत्र का शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया। शैक्षणिक भ्रमण में भिलाई इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन एवं विकास विभाग के सदस्य श्री बलराम मेश्राम तथा श्री प्रवीण कुमार के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के विषय में जानकारी प्रदान की गई। सर्वप्रथम भिलाई इस्पात संयंत्र के भ्रमण के पूर्व भिलाई इस्पात संयंत्र के सुरक्षा नियम तथा कायदे की जानकारी हेतु एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई तत्पश्चात सभी विद्यार्थियों को हेलमेट प्रदान किया गया। सर्वप्रथम ब्लास्ट फर्नेस-8 ले जाया गया तथा इसकी प्रक्रिया को विस्तार पूर्वक समझाया गया व बताया ब्लास्ट फर्नेस की प्रक्रिया स्वचालित है तथा कंप्यूटर के माध्यम से संचालित की जाती है, भिलाई इस्पात संयंत्र की ब्लास्ट फर्नेस-8 को महामाया ब्लास्ट फर्नेस के नाम से भी जाना जाता है। ब्लास्ट फर्नेस लौह अयस्क कोक और अन्य सामग्रियों से गरम धातु या तरल लोहा बनाती है यह प्रतिवर्ष 2.8 मिलियन टन गरम धातु का उत्पादन करती है, इसके पश्चात स्टील मेल्टिंग शॉप- 3 का भ्रमण कराया गया। बीएसपी में स्टील मेल्टिंग शॉप- 3 एक मोडेक्स इकाई है जो बार और रौड मिल तथा यूनिवर्सल रेल मिल के लिए बुलेट और ब्लूम का उत्पादन करती है। एसएमएस-3 द्वारा उत्पादित कास्ट बिलेट्स का उपयोग टीएमटी बार व छड़ो को रोल करने के लिए किया जाता है। तीसरा विभाग जिसका विद्यार्थियों ने भ्रमण किया वह यूनिवर्सल रेल मिल था यह भारत के अलावा अन्य देशों में रेल पटरियों की सप्लाई करता है। डॉ. एस.रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायन शास्त्र ने बताया शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थियों का व्यावहारिक प्रायोगिक तथा सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त होता है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने कहा व्यवहारिक ज्ञान हेतु शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग है। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण द्वारा प्रायोगिक तथा व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने की सलाह दी। एमएससी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा चांदनी ने कहा शैक्षणिक भ्रमण की सहायता से उन्होंने सीखा की लौह अयस्क से किस प्रकार शुद्ध लोहे का पृथक्करण कैसे किया जाता है। यह प्रक्रिया भिलाई इस्पात संयंत्र में विस्तार पूर्वक दिखाई गई। एमएससी प्रथम सेमेस्टर रसायन शास्त्र की छात्रा मरीना ने कहा स्टील मेल्टिंग शॉप में शुद्ध लोहे से स्टील बनाने की प्रक्रिया को जाना। शैक्षणिक भ्रमण को सफल बनाने में रसायन शास्त्र विभाग के स.प्रा. श्रीमती मोनिका मेश्राम, स.प्रा. सीमा राठौर तथा स.प्रा. मोहिनी शर्मा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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