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विश्व पर्यटन दिवस पर सांस्कृतिक धरोहर और विविधता का उत्सव इंटेक तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन…

विश्व पर्यटन दिवस पर सांस्कृतिक धरोहर और विविधता का उत्सव इंटेक तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन…

भिलाई। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर इंटेक दुर्ग भिलाई अध्याय द्वारा स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के वाणिज्य और प्रबंधन विभाग सहयोग से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इंटेक दुर्ग भिलाई अध्याय की संयोजिका डॉ. हंसा शुक्ला एवं इंटेक दुर्ग-भिलाई अध्याय के सदस्य श्री रविंद्र खंडेलवाल, श्री एम.एल. देवांगन और श्री विश्वास तिवारी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शर्मिला सामल ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनकी संस्कृति और धरोहरों के प्रति जागरूक करना और धरोहर संरक्षण के प्रति उनका दृष्टिकोण विकसित करना है। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य विद्यार्थी भारत के विविध पर्यटन स्थलों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक धरोहरों से परिचित हो सके।
‘टूरिज्म बूथ’ प्रतियोगिता में छात्रों ने देश के विभिन्न राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित किया। बंगाल बूथ में वहां की पर्यटन स्थल जैसे हावड़ा ब्रिज, सुंदरवन, शान्तिनिकेतन, बैलूर मठ, कालीघाट मंदिर, विक्टोरिया मेमोरियल तथा वहा की संस्कृति, खानपान, रहन-सहन और पारंपरिक पहनावे को प्रस्तुत किया गया। राजस्थान बूथ में गणगौर जैसे प्रमुख तीज-त्यौहारों का वर्णन किया गया, जबकि कश्मीर बूथ में छात्रों ने कश्मीरी पेय पदार्थ ‘कहवा’, कश्मीरी केसर और नवरत्न पुलाव की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ बूथ में छात्रों ने पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों जैसे साटीं, सूता, कलगी और नागमोरी का प्रदर्शन किया।
पारंपरिक खाद्य स्टॉल’ प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के व्यंजन प्रस्तुत किए गए। बंगाल की पारंपरिक मिठाई ‘रसगुल्ला’ और ‘संदेश’, महाराष्ट्र का ‘पूरणपोली’, पंजाब का ‘सरसों का साग और मक्के की रोटी’, राजस्थान का ‘दाल बाटी चूरमा’, और छत्तीसगढ़ की ‘फरा’, ‘चीला’ और ‘ठेठरी’ जैसे व्यंजन प्रमुख आकर्षण रहे।
‘नृत्य प्रतियोगिता’ में भारतीय लोकनृत्यों की जीवंत प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया। बंगाल के धुनुची नृत्य से लेकर पंजाब के भांगड़ा, राजस्थान के घूमर और छत्तीसगढ़ के कर्मा नृत्य तक, विभिन्न राज्यों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया गया।
रैंप वॉक’ प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य भारत और विश्व की विभिन्न संस्कृतियों को प्रदर्शित करना था। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने पारंपरिक मराठी, बंगाली, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, दक्षिण भारतीय, अरबी और केरल, गोवा, कर्णाटक, बिहार, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर के वेशभूषा में रैंप पर अपनी अद्भुत प्रस्तुतियां दीं।
‘टूरिज्म बूथ’ प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में श्री रविंद्र खंडेलवाल और अंग्रेजी विभाग के स.प्रा. श्री हितेश सोनवानी शामिल थे। ‘पारंपरिक खाद्य स्टॉल’ प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष जैव प्रौद्योगिकी और श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी थीं। ‘नृत्य प्रतियोगिता’ में निर्णायक डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित और श्रीमती श्रीलता के. नायर सहायक प्राध्यापक कंप्यूटर साइंस थीं। ‘रैंप वॉक’ प्रतियोगिता श्रीमती एन. बबीता विभागाध्यक्ष भौतिकी और श्रीमती कामिनी वर्मा स.प्रा. गणित थीं।
‘टूरिज्म बूथ’ प्रतियोगिता में नंदिनी कर और यामिनी धुर्वे बी.कॉम द्वितीय वर्ष व नैना नाग, भूमिका जैन और आदित्य पांडे बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि मरीना, अनामिका व कल्पना एमएससी रसायन ने द्वितीय स्थान और तान्या एवं लोकेश बी.कॉम द्वितीय वर्ष, रश्मि तथा जिया बी.कॉम द्वितीय वर्ष ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
‘पारंपरिक खाद्य स्टॉल’ प्रतियोगिता में आदित्य पांडे और मोनाल साहू बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि लाक्क्षी और साहिल बी.कॉम तृतीय वर्ष ने द्वितीय और नैल्षी एवं साक्षी बीबीए पंचम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
‘नृत्य प्रतियोगिता’ में बीबीए प्रथम सेमेस्टर की कल्पना और तेजस्विनी ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि बीबीए तृतीय सेमेस्टर की तान्या और अनन्या ने द्वितीय और खुशबू दास बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
‘रैंप वॉक’ प्रतियोगिता में छात्राओं की श्रेणी में बी.कॉम अंतिम वर्ष की पायल वर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि बीबीए तृतीय सेमेस्टर की अनन्या ताम्रकर ने द्वितीय और बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर की डॉली चंद्राकर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। छात्र श्रेणी में बी.कॉम अंतिम वर्ष के शाहिद ने प्रथम, बी.ए प्रथम वर्ष के यश राज ने द्वितीय और बी.कॉम प्रथम वर्ष के चाहत परिहार ने तृतीय स्थान हासिल किया।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजन हेतु शुभकामनाये दी। इंटेक दुर्ग भिलाई अध्याय की संयोजिका डॉ. हंसा शुक्ला ने इस कार्यक्रम के आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “इस तरह के आयोजन न केवल छात्रों के ज्ञानवर्धन का माध्यम बनते हैं, बल्कि उन्हें भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के महत्व से भी अवगत कराते हैं।” श्री रविंद्र खंडेलवाल ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “इस कार्यक्रम ने छात्रों के बीच संस्कृति, धरोहर और पर्यटन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और हमें गर्व है कि हमारे छात्रों ने इसमें पूरे उत्साह और समर्पण से भाग लिया।”
कार्यक्रम के सफल आयोजन में वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के स.प्रा. अमरजीत सिंह, स.प्रा. विजय मिश्रा, स.प्रा. श्रुति कन्नौजिया और स.प्रा. रश्मि बनाज एवं महाविद्यालय के सभी शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ का विशेष सहयोग रहा।

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