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CM साय अखिल भारतीय निर्धन दिव्यांग सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में शामिल हुए.. दिव्यांग नव दंपत्तियों को दिए आशीर्वाद… 250 दिव्यांग जोड़े बंधे परिणय सूत्र में…

 

CM साय अखिल भारतीय निर्धन दिव्यांग सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में शामिल हुए..

दिव्यांग नव दंपत्तियों को दिए आशीर्वाद…

250 दिव्यांग जोड़े बंधे परिणय सूत्र में…

आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान का आयोजन…

दुर्ग, 16 जून 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अखिल भारतीय निर्धन दिव्यांग सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। दुर्ग के अग्रसेन भवन में समाजसेवी संस्था आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित इस सामूहिक आदर्श विवाह में सभी समाज के 250 दिव्यांग जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। समारोह में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, झारखंड के अलावा अन्य राज्यांे के दिव्यांगजन शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं अन्य अतिथियों ने परिणय सूत्र में बंधे दिव्यांग नव दंपत्तियों को उनके सुखमय दाम्पत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिए। समारोह में सांसद श्री विजय बघेल, विधायक श्री ललित चंद्राकर और नगर निगम दुर्ग के महापौर श्री धीरज बाकलीवाल भी मौजूद थे।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि दिव्यांगजन भाई बहनों के विवाह कार्यक्रम में शामिल होने का मुझे अवसर मिला है। यह मेरे लिए सौभाग्य एवं बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान का यह आयोजन पुण्य का कार्य है। यह संस्था लगातार जनकल्याण का कार्य कर रही है। चाहे वह लावारिश लाशों को सद्गति देेने का कार्य हो, रक्तदान कार्य हो या दिव्यांग जनों का वैवाहिक कार्यक्रम हो। संस्था से जुड़े सभी पदाधिकारी पुण्य के कार्य में लगे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शारीरिक रूप से विकृत लोगों को पहले विकलांग के नाम से जाना जाता था, जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सम्मान-जनक नाम दिव्यांग दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न योजना संचालित कर हर संभव सहयोग का प्रयास कर रही है। उन्होंने आदर्श विवाह में सम्मिलित होने पहुंचे हुए नवदम्पत्तियों के परिजनों को भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अपनी करकमलों से आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान के विकास में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान के संरक्षक सांसद श्री विजय बघेल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अवगत कराया कि यह संस्था विगत 19 वर्ष से दिव्यांग आदर्श विवाह करते आ रही हैं। अब तक 1890 दिव्यांग जोड़े का विवाह संपन्न करायी जा चुकी है। आज यहां पर लगभग 250 से अधिक जोड़ों का विवाह कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह संस्था अब तक 1789 लावारिश लाशों को सद्गति प्रदान कर चुकी हैं। सांसद श्री बघेल ने संस्था के कार्यों को विस्तारपूर्वक रेखांकित करते हुए संस्था से जुड़े सभी लोगों कोे साधुवाद दिया। कार्यक्रम में आस्था संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रकाश गेडाम और संयोजक प्रहलाद गुप्ता तथा विवाह आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री रामफल शर्मा और संयोजक श्री सुरेन्द्र शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक तथा दिव्यांगजनों के परिजन एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

*विभिन्न जिलों से आए दिव्यांग युवक-युवतियों का आस्था संस्थान द्वारा कराया गया सामूहिक आदर्श विवाह*
आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सेवा भारती से सम्बद्ध संस्था) द्वारा आज अखिल भारतीय निर्धन दिव्यांग सामूहिक आदर्श विवाह समारोह का आयोजन दुर्ग स्थित अग्रसेन भवन में किया गया। सर्व जाति व धर्म के 250 से अधिक दिव्यांग युवक-युवतियों ने निःशुल्क सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए और शादी के पवित्र बंधन में बंधे। आस्था बुहुउद्देशीय संस्था द्वारा पिछले 20 वर्षों से लगातार सामाजिक सेवा कार्य किया जा रहा है। अब तक 1890 निर्धन दिव्यांग युवक-युवतियों का सामूहिक विवाह कराया है, जो कि निरंतर प्रगति पर है। राजनांदगांव, कोरबा, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा जिलों से आए युवक-युवतियों ने संस्था द्वारा कराए जा रहे आदर्श सामूहिक विवाह को सराहा। विवाह करने आए नवदम्पत्तियों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थित कमजोर होने के कारण विवाह मंे होने वाले खर्चे का वहन करने में परिवार वाले सक्षम नही थे। निःशुल्क सामूहिक आदर्श विवाह में हम बेटियों की शादी होने से घर वालों की चिंता अब दूर हो जाएगी। उन्होंने इस विवाह के लिए राज्य सरकार और संस्था को धन्यवाद दिया। सामूहिक विवाह में युवतियों को संस्था द्वारा गृहस्थी का सामान थाली, चम्मच, गिलास, पानी टंकी, लोटा, कटोरी उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। साथ ही मंगलसूत्र, पायल, बिछिया, साड़ी उपहार के रूप में दिया गया।

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