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स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई के स्पेक्ट्रम केमिकल सोसायटी तथा शासकीय मृदा परीक्षण केंद्र रूआबांधा भिलाई के संयुक्त तत्वाधान में 15 दिवसीय वैल्यू एडेड कोर्स का समापन…

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई के स्पेक्ट्रम केमिकल सोसायटी तथा शासकीय मृदा परीक्षण केंद्र रूआबांधा भिलाई के संयुक्त तत्वाधान में 15 दिवसीय वैल्यू एडेड कोर्स का समापन…

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई के रसायन शास्त्र विभाग के स्पेक्ट्रम केमिकल सोसायटी के अंतर्गत आयोजित 15 दिवसीय वैल्यू एडेड कोर्स का समापन समारोह मृदा परीक्षण अधिकारी श्रीमती पुष्पा राजेंद्रन के निर्देशन में संपन्न हुआ इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक विभागाध्यक्ष रसायन शास्त्र विभाग डॉक्टर एस. रजनी मुदलियार ने बताया कि प्रतिवर्ष रसायन शास्त्र विभाग द्वारा एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर रसायन के विद्यार्थियों हेतु विभिन्न प्रकार के ट्रेनिंग कोर्स का आयोजन किया जाता है । इस बार 15 दिवसीय वैल्यू एडेड कोर्स का आयोजन मृदा परीक्षण केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में किया गया इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में विद्यार्थियों ने मृदा में उपस्थित विभिन्न प्रकार के तत्व जैसे सल्फर, नाइट्रोजन , फास्फोरस, बोरोन , पोटाश आदि का परीक्षण करना सीखा तथा कहा कि इस प्रकार के प्रोग्राम विज्ञान की महत्ता को समझने के लिए आवश्यक है तथा इससे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का भी विकास होता है। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर दीपक शर्मा ने कहा की इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम रोजगारोन्मुखी होते हैं तथा भविष्य में विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाते हैं उन्होंने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर हंसा शुक्ला ने कहा कि इस तरह के वैल्यू एडेड कोर्स से विद्यार्थी दैनिक जीवन में मृदा से संबंधित विभिन्न परीक्षणों को करना सीखेंगे जो उनके भविष्य में रिसर्च तथा रोजगार में लाभदायक सिद्ध होंगे । महाविद्यालय की उप-प्राचार्या डॉक्टर अजरा हुसैन ने उपर्युक्त वैल्यू एडेड कोर्स की सराहना की तथा सभी विद्यार्थियों को इसमें भाग लेकर अपने प्रायोगिक ज्ञान को बढ़ाने की सलाह दी।
सहायक मृदा परीक्षण अधिकारी श्रीमती पी. राजेंद्रन बताया कि मृदा परीक्षण करने हेतु विभिन्न प्रकार के उपकरण जैसे डबल बीम एटॉमिक अब्जॉर्प्शन स्पेक्ट्रोस्कोपी, फ्लेम फोटोमीटर, पीएच मीटर, इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी मीटर आदि सभी उपकरण मृदा परीक्षण केंद्र में उपलब्ध है तथा उन्होंने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा की उपर्युक्त 15 दिनों के वैल्यू एडेड प्रोग्राम में विद्यार्थियों ने सभी परीक्षणों को अच्छी तरह से सीखा तथा अनुशासन का पालन किया । मृदा सैंपल के बारे में उन्होंने जानकारी दी की मृदा परीक्षण केंद्र में दुर्ग ,बालोद समेत विभिन्न जिलों की मृदा का परीक्षण किया जाता है जो विद्यार्थियों द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। यह सारे परीक्षण विद्यार्थियों को भविष्य में कृषि से संबंधित तथा मृदा से संबंधित परीक्षणों को करने में लाभदायक सिद्ध होंगे तथा कृषि संबंधित विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के लिए उपयोगी होंगे ।
एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र शुभम पांडे ने उपरोक्त वैल्यू एडेड कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के द्वारा मृदा में जेन्डाल उपकरण की सहायता से नाइट्रोजन तत्व की उपस्थिति का पता किस प्रकार लगाया जाता है उस विधि को सीखा। इसके अलावा एटॉमिक अब्जॉर्प्शन स्पेक्ट्रोस्कॉपी के माध्यम से उन्होंने आयरन ,कॉपर ,मैंगनीज जिंक आदि तत्वों की उपस्थिति का पता लगाने की विधि सीखी, तथा फ्लेम फोटोमीटर के माध्यम से सोडियम तथा पोटेशियम तत्वों की उपस्थिति का पता लगाने की विधि को सीखा । एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र रामेश्वर ने जानकारी देते हुए यह बताया कि उपर्युक्त ट्रेनिंग प्रोग्राम से मृदा में किस प्रकार के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी है इसका पता लगाया जा सकता है तथा उस कमी को दूर करने के लिए हम उसे प्रकार के उर्वरक का उपयोग करते हैं जिससे मृदा में उपर्युक्त माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी दूर हो सके । एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा हेमलता ने बताया कि ट्रेनिंग के अंतर्गत उन्होंने मृदा के नमूने परीक्षण के लिए किस प्रकार लिए जाते हैं यह सिखाया गया तथा इसके लिए रेंडम सेंपलिंग विधि का उपयोग किया गया। उपर्युक्त परीक्षण भविष्य में कृषि संबंधित विभिन्न प्रकार के रिसर्च करने में कारगर सिद्ध होंगे।
ट्रेनिंग पूर्ण करने के पश्चात महाविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को मृदा परीक्षण केंद्र द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
उपर्युक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के सभी प्राध्यापकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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