• Chhattisgarh
  • politics
  • स्वरूपानंद महाविद्यालय में गीता प्रेरणा महोत्सव का आगाज….

स्वरूपानंद महाविद्यालय में गीता प्रेरणा महोत्सव का आगाज….

स्वरूपानंद महाविद्यालय में गीता प्रेरणा महोत्सव का आगाज….


भिलाई । स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कला विभाग द्वारा गीता प्रेरणा महोत्सव का शुभारंभ हुआ l कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा, प्रोफेसर, शिक्षा विभाग एवं प्रभारी कला विभाग ने बताया कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को गीता के बहुमूल्य सिद्धांतों की समसामयिक प्रासंगिकता से अवगत कराना है l कर्म की अवधारणा को अभिव्यक्त करती तथा कर्तव्य बोध का ज्ञान करवाती गीता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी अपने रचनाकाल में थी l प्रमाण रूप में आज भी गीता की सौगंध खाई जाती है l
कार्यक्रम का प्रारंभ श्री कृष्ण, व्यास देव एवं श्रीमद् भागवत गीता पूजन से हुआl महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया l इसके पश्चात स्वागत सत्र में समस्त अतिथियों एवं उपस्थित प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थियों का स्वागत रोचक तरीके से तिलक लगाकर एवं मोर पंख भेंट करके किया गया l
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने कहा कि गीता सदियों से मानवता का मार्गदर्शन करती आई हैl अध्यात्म और जीवन दर्शन से जुड़ा यह महान ग्रंथ हर युग में पद प्रदर्शन बना रहेगा l गीता मानव जीवन के लिए सर्वश्रेष्ठ उपहार है l महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह मंगलमय जीवन ग्रंथ है l जीवन के कई आयामों को लिए एक व्यवहारिक मार्गदर्शन गीता की शिक्षाओं को विश्व स्तर पर गूंजते देखकर प्रसन्नता होती है l वर्तमान संदर्भ में विद्यार्थी जीवन के लिए गीता अत्यंत प्रासंगिक है lयह सफल जीवन शैली की नींव है, जिसके माध्यम से मनुष्य जाति के जीवन की सफलता का संदेश दिया गया है l

अतिथि व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए डॉ श शमा बैग, विभाग अध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी ने कहा की गीता धर्म ज्ञान के साथ-साथ विज्ञान भी हैl गीता सभी समस्याओं का समाधान कर सभी कष्टो को हरने वाली कामधेनु हैl गीता में कर्म योग, ज्ञान योग एवं भक्ति योग का अद्भुत समावेश है lकर्म, कर्तव्य, ज्ञान और विवेक की दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण है lजिसमें श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन के मन का भय दूर करके कर्तव्य बोध कराया गया हैl गीता हमें अपने अधिकारों को प्राप्त करने की शक्ति देती है lगीता मानव मात्र की प्रेरणा का ग्रंथ है ,जो लक्ष्य और कर्तव्य का बोध कराती हैl
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थेl कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती ज्योति तिवारी ,डॉ अभिलाषा शर्मा श्री गोल्डी राजपूत का विशेष योगदान रहाl

ADVERTISEMENT