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हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली जो 500 वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम मंदिर बनता देख रही – प्रेम प्रकाश पाण्डेय

हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली जो 500 वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम मंदिर बनता देख रही – पाण्डेय

श्रीराम वन गमन पथ बनाने वाले प्रभु श्रीराम को नहीं मान रहे – पाण्डेय

राम नवमी के ध्वजवाहकों का राम जन्मोत्सव समिति ने किया सम्मान

38वें वर्ष की रामनवमी शोभायात्रा में भी शामिल होंगे 1100 से अधिक ध्वजवाहक

भिलाई। श्रीराम जन्मोत्सव समिति भिलाई द्वारा विगत 37 वर्षों से श्रीराम नवमी के पावन अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा के ध्वजवाहकों का सम्मान समारोह आज आयोजित किया गया। श्रीरामनवमी उत्सव के 38वें वर्ष के अवसर पर गुंडिचा मण्डप सेक्टर 10 में आयोजित इस सम्मान समारोह में 1100 से अधिक ध्वजवाहकों और झांकी प्रमुखों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप समिति के संरक्षक व पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय उपस्थित रहे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश में लोग श्रीराम वन गमनपथ बना रहे हैं लेकिन आज भी प्रभु श्रीराम को नहीं मानते हैं। इस दौरान उन्होंने समिति द्वारा चलाये जाने वाले “एक मुट्ठी दान- श्रीराम के नाम” अभियान की शुरूआत कर दान थैली का भी विमोचन किया एवं समस्त भिलाईवासियों से इस पुण्य अभियान में सहभागी बनने आह्वान किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि 37 वर्षों से श्रीराम जमोत्सव समिति लगातार शोभायात्रा निकाल रही है जो इनकी आस्था को दर्शाता है। उन्होंने ध्वजवाहकों के सम्मान में कहा कि ध्वज प्रमुख बनना अपने आप में गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि श्रीरामनवमी का इस 38वें वर्ष का आयोजन हम सभी के लिए बहुत ख़ास है, जिस स्वप्न के साथ श्रीराम जन्मोत्सव समिति की नींव रखी गई थी वह अब पूर्णतः की ओर है। श्री पाण्डेय ने कहा कि अयोध्या में रामलला के मंदिर के लिए 500 सालों से संघर्ष चल रहा था, हमारी पीढ़ि बुहत ही सौभाग्यशाली है जो मंदिर बनते हुए देख रही है। अयोध्या में हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम का दरबार सजकर तैयार हो रहा है। यह हर हिन्दू के लिए गौरव का विषय है, आइये हम सब मिलकर इसे हर्षोल्लास से मनाये। श्री पाण्डेय ने कहा कि कुछ लोग हैं जो आज भी प्रभु श्रीराम को नहीं मानते हैं। ये लोग श्रीराम वन गमन पथ तो जरूर बना रहे हैं लेकिन प्रभु श्रीराम को मानने से इंकार करते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित श्री राम जन्मोत्सव समिति युवा विंग के अध्यक्ष मनीष पाण्डेय ने कहा कि 37 वर्षों से श्री राम जन्मोत्सव समिति भिलाई की जनआस्था की कहानी बताता है। मनीष पाण्डेय ने कहा कि सन 1986 से यह आयोजन हो रहा है और अब तक यह अनवरत जारी है। मनीष पाण्डेय ने मंच से सभी युवाओं से कहा कि आने वाले समय में हमें और आगे हमारे आने वाली युवा पीढ़ी को यह जिम्मेदारी संभालनी है। 37 वर्षों से यह आयोजन हो रहा है आगे इस आयोजन के लिए कोई गिनती बाकी न रहे। समारोह में सभी ध्वजवाहकों व झांकी प्रमुखों को केसरिया गमछा देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर श्री राम जन्मोत्सव समिति के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश माने ने कहा कि आज मध्य भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के रूप में श्री राम जन्मोत्सव समिति के श्रीरामनवमी उत्सव ने अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। यह समस्त भिलाइवासियों के बहुमूल्य सहयोग एवं हमारे ध्वज प्रमुखों की अगुवाई में सार्थक हुआ है। प्रांतीय महामंत्री बुद्धन ठाकुर ने कहा कि श्रीरामनवमी का यह उत्सव करोड़ों देशवासियों के आस्था एवं प्रभु श्रीराम के प्रति अनन्य आस्था का प्रतीक है जो हमारी गौरवशाली सनातन परंपरा को जीवंत रखे है। समिति के जिला अध्यक्ष सेवकराम साहू ने कहा कि अयोध्या में पूर्णतः की ओर अग्रसर श्रीराम मंदिर करोड़ों रामभक्तों और धर्मप्रेमियों के आस्था का केंद्र है। इसके लिए कई वर्षों का संघर्ष रहा है और आज उस संघर्ष का प्रतिफल पूरे भारतवर्ष को अभिभूत करने वाला है। हमारी संत व सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर इसी तरह राम नाम का नारा गुंजायमान करते रहना होगा।

समिति ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका – पाण्डेय
समिति के संरक्षक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि 80 के दशक में जब लोग तिलक लगाने और मौली बांधने वालों को रूढ़िवादी मानते थे। इस दौर में श्रीराम जन्मोत्सव समिति ने न केवल हिन्दुत्व का ध्वज लहराया बल्कि भिलाईवासियों को धर्म के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समिति ने श्रीरामनवमी के आयोजन के साथ ही हिन्दू परंपरा को गौरव से मनाने में सक्रिय रूप से अपनी सहभागिता दी।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से लालचंद मौर्य, अरविंद वर्मा, तिलकराज यादव, रविन्द्र भगत, रविन्द्र राउल, अरूण सिंह, मदन सेन, विष्णु पाठक, केके तिवारी, संजय दानी, श्यामसुंदर राव, धर्मेंद्र भगत, श्रीमती ईश्वरी नेताम, श्रीमती वीणा चंद्राकर, श्रीमती रश्मि सिंह, श्रीमती उपासना साहू, श्रीमती रीना नैय्यर, जोगिंदर शर्मा, रिंकू साहू, मुकेश सिंह, शिवप्रकाश शिबू, जे. श्रीनिवास राव सहित हजारों की संख्या में श्रीरामभक्त उपस्थित थे।

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