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छत्तीसगढ़ की पहली महिला अधिकारी जो कोऑपरेटिव बैंक के उच्च पद पर रहकर कर रहीं है कार्य…बेहतर टाइम मैनेजमेंट को बनाया अपने जीवन का हिस्सा….

दुर्ग – मिलिए छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी महिला से जो कोऑपरेटिव बैंक के उच्च पद पर रहकर कर रहीं है बेहतर कार्य… बेहतर टाइम मैनेजमेंट को बनाया अपने जीवन का हिस्सा….

देश में अब महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ते देखा जा सकता है । देश की महिलाएं लगातार अलग-अलग क्षेत्र में नए आयाम लिख रही है ,इंजीनियरिंग डॉक्टरी से लेकर खेलकूद ,शिक्षा , डिफेंस, प्रशासनिक ,बैंकिंग या अन्य क्षेत्रों में देश की महिलाएं लगातार अपने आत्मविश्वास से नए नए मुकाम हासिल कर रही है ,और अपने क्षेत्र में अपने राज्य व देश का नाम रोशन कर रही है।

महिला दिवस से पूर्व  “बेहतर संवाद” के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान महिला अधिकारी ने अपने कार्य क्षेत्र एवं व्यक्तिगत जीवन के बारे में कुछ अंश हमसे साझा किया…

आज हम बात कर रहे हैं जिले की एक सशक्त महिला की जो अपने कार्यों से समाज की उन महिलाओं की लिए जरूर प्रेरणा का रूप बनी हुई है । जो कुछ बेहतर करने की चाह रख रही हो अपने अंदर ,जी हां हम बात कर रहे हैं दुर्ग जिले में पदस्थ जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक दुर्ग की सीईओ अपेक्षा व्यास कि जिनके कंधों पर परिवार के साथ साथ बैंक की जिम्मेदारी भी कंधों पर है दुर्ग बालोद बेमेतरा तीनों जिले के उच्चतम पद पर बैठी श्रीमती अपेक्षा व्यास ने कहा बेहतरीन टाइम मैनेजमेंट की योजना से जिम्मेदारी निभा रही हु।

श्रीमती व्यास ने आगे बताया कि उनका जन्म भिलाई में हुआ बीएसपी के स्कूल मैं 12वीं तक पढ़ाई की उसके बाद दुर्ग के गर्ल्स कॉलेज से बीकॉम किया उसके बाद कैट के एग्जाम के माध्यम से एमबीए करने का अवसर मिला छत्तीसगढ़ के बेहतरीन कॉलेजों में से एक भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए मार्केटिंग व फाइनेंस में किया।

वहीं पढ़ाई के दौरान कंपटीशन एग्जाम की तैयारी भी साथ ही साथ जारी रही ,एमबीए के बाद 1 वर्ष तक भिलाई के रुंगटा कॉलेज में फैकेल्टी के रूप में कार्य किया उसके बाद व्यापम का एग्जाम आया जिसमें
कैडर अफसर के पद पर केवल 6 पदों की वैकेंसी निकली जिसमें भी 5 पद पुरुषों के लिए व एक पद महिलाओं के लिए था।

एग्जाम को मैंने पास कर सफलता हासिल की उसके बाद सीधे जॉइनिंग मिली जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक दुर्ग में जहां पर ट्रेनिंग के रूप में बहुत कुछ करने व सीखने को मिला धीरे-धीरे अनुभव की प्राप्ति भी यहीं से हुई काफी लंबा अनुभव यहां से मिला। उसके बाद दुर्ग से राजनांदगांव में पोस्टिंग हुई चीफ अकाउंटेंट के पद पर जहां पर कुछ समय कार्य करने का अनुभव मिला उसके बाद नया रायपुर अपेक्स बैंक में कैडर अफसर के रूप में कार्य कर अनुभव प्राप्त किया। फिर एक बार पोस्टिंग दुर्ग जिले में हुई सीईओ के पद पर जहां पर दुर्ग के अलावा बालोद, बेमेतरा जिले की 62 ब्रांच ,311 सोसाइटी ,355 धान खरीदी केंद्र व सवा चार लाख ग्राहको की जिम्मेदारी सरकार द्वारा दी गई जिसको वर्तमान में अपना बेस्ट देने की कोशिश हमेशा करते रहती हूं।

श्रीमती व्यास ने अपने परिवार के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे पिताजी भिलाई इस्पात संयंत्र में थे माता हाउसवाइफ रहकर हम सभी का देखभाल किया करती माता और पिता लगातार हमको मोटिवेट करते रहे और आगे बढ़ने में मदद करते। अपेक्षा व्यास ने बताया पति डॉ रोहिताश व्यास जो कि डॉक्टर है ,एक बेटा जो अभी डीपीएस रिसाली में पढ़ाई कर रहे हैं।

अपने 12 वर्षों के कार्यकाल के दौरान श्रीमती व्यास ने बताया कि जहां पर भी वे पदस्थ रही हमेशा कुछ ना कुछ सीखने को मिला वरिष्ठ के निर्देशों का हमेशा पालन कर उनसे कुछ ना कुछ सीखने को हमेशा मिला । साथ ही कर्मचारियों के साथ सदैव एक पारिवारिक वातावरण बनाकर कार्य करने का प्रयास किया ताकि कार्य को अच्छे से किया जा सके।

वही बैंकिंग के बारे में बताते हुए श्रीमती व्यास ने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक में शासन की योजनाओं का अच्छे से प्रचार व प्रसार करना ताकि जुड़े हुए किसान को सरकार की योजनाओं के बारे में अच्छे से पता चले ।बैंक से जुड़े हुए ग्राहकों की समस्याओं को त्वरित निराकरण करने का हमेशा प्रयास रहता है योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ हमारे लोगों को मिली यही प्रयास रहता है।

महिलाओं के लिए अपने संदेश में श्रीमती व्यास ने कहा कि महिलाएं अपने आप में आत्मविश्वास जगाएं जब महिलाएं घर का कार्य बखूबी ढंग से करती है तो बाहर भी महिला बेस्ट कर सकती है महिलाएं हर कार्य को चुनौती की तरह लें ताकि बेहतर कार्य सके। आत्मविश्वास बनाए रखें लगातार चुनौतियों का सामना करना इससे ना घबराना जिससे महिलाएं आगे बढ़ सकेंगी।

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