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राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर कान्फ्यूलेंस कॉलेज के महिला प्रकोष्ठ सेल द्वारा गोलमेज चर्चा का आयोजन किया…

राजनांदगांव – राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर कान्फ्यूलेंस कॉलेज के महिला प्रकोष्ठ सेल द्वारा गोलमेज चर्चा का आयोजन किया गया जिसका विषय भारत की कोकिला प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवियत्री एवं आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल ’’सरोजनी नायडू’’ के जन्मदिवस पर अपने विचार प्रस्तुत करना है।
कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती गौतमा रामटेके ने कहा कि देश की आजादी और महिलाओ के अधिकारो के लिए सरोजनी नायडू जी को पहली महिला राज्यपाल बनने का मौका मिला। उनके कार्याे और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी भूमिका को देखते हुए सरोजनी नायडू के जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है।
महाविद्यालय के डायरेक्टर श्री संजय अग्रवाल जी ने राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि सरोजनी नायडू के जीवन से महिलाओ को आज भी प्रेरणा मिलती है उन्होने महिलाओं की शिक्षा और समाज में उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया।
प्राचार्य डॉ. रचना पाण्डेय ने कहा कि हम महिलाओं के लिए ये बहुत गर्व की बात है कि सरोजनी नायडू के जन्मदिन पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जिन्होने हमेशा से ही देश सेवा के कार्यो में हिस्सा लिया और महिलाओं का नेतृत्व कर उन्हें देश के कार्य में भागीदारी के लिए प्रेरित भी किया। उनके अतुलनीय योगदान को हम हमेशा प्रेरणा के रूप में प्राप्त करेंगे और आगे बढ़ने की ओर अग्रसर रहेंगे।
श्रीमती रूबी दान प्राचार्य नंर्सिग कॉलेज ने कहा कि महिलाये मल्टी टैलेंटेड होती है जो घर एवं बाहर दोनो को अच्छी तरह से मैनेज करती है और हर क्षेत्र में अपना एक स्थान बनाती है।
श्रीमती प्रीति इन्दोरकर विभागाध्यक्ष शिक्षा ने कहा कि प्राचीनकाल में महिलाओ को चार दीवारी में रखा जाता था किन्तु सरोजनी नायडू ने शिक्षा को बढ़ावा दिया और महिलाओ का चार दीवारी से बाहर निकाला।
श्री विजय मानिकपुरी सहायक प्रध्यापक शिक्षा ने कहा कि महिलाओ का स्थान भगवान के स्वरूप होता है सरोजनी नायडू के संघर्ष का प्रतिफल है कि आज महिलाएं समाज में अपना स्थान बना पाई है।
श्रीमती रूपा मानकर सहायक प्रध्यापक नर्सिंग कालेज ने कहा कि प्राचीनकाल में महिलाओं ने जितना बलिदान दिया है वर्तमान समय में उन्ही बलिदान को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा महिलाओं के लिए अनेक योजनाए चलाई जा रही है।
कु. ममता साहू सहायक प्रध्यापक वाणिज्य ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए अपनी सोच को बदलना होगा।
कु. गायत्री केवट विभागाध्यक्ष वाणिज्य ने कहा कि पुराने समय में लड़कियो के लिए पाबंदिया थी और लड़किया भी सुरक्षित भी नही थी किन्तु शिक्षा के द्वारा आज लड़किया हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
श्रीमती मैरी ग्रेस प्रधान ने कहा कि जब भारत अंग्रेजो का गुलाम था उस समय महिलाओ की स्थिति बहुत दयनीय थी किन्तु सरोजनी नायडू के नेतृत्व ने महिलाओ का आत्मसम्मान बढ़ा और सरकार की बहुत सारी योजनाओं के द्वारा आज महिलाओं की स्थिति पुरूषों के बराबर है।
श्री राधेलाल देवांगन सहायक प्राध्यापक शिक्षा ने कहा कि शिक्षा के द्वारा ही महिलाएं आगे बढ़ रही है और विचारो में परिवर्तन के द्वारा ही उन्हें और आगे बढ़ाया जा सकता है।
कु. उर्वशी कड़वे ने सहायक प्राध्यापक प्रबधंन ने कहा कि मेरी सुपर मॉडल मेरी मम्मी है जिस तरह वो संघर्ष करके आगे बढ़ी है मैं भी उन्हीं की तरह बनना चाहती हँू।
श्री देवराज साहू सहायक प्राध्यापक नर्सिंग ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के द्वारा आज लड़किया सुरक्षित है एवं आगे बढ़ रही है।
श्रीमती रश्मि नंदेश्वर सहायक प्राध्यापक नर्सिंग ने कहा कि विचारो मंे परिवर्तन के द्वारा ही महिलाएं आगे बढ़ सकती है।
श्री राजकिरण बिकायी सहायक प्रध्यापक नर्सिंग ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं को हर क्षेत्र मंे समान अधिकार है यहां तक कि माता पिता की सम्पति में भी लड़कियों का समान अधिकार है।

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