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केन्द्रीय जेल दुर्ग का जिला न्यायाधीश, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक दुर्ग, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने किया औचक निरीक्षण…

केन्द्रीय जेल दुर्ग का जिला न्यायाधीश, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक दुर्ग, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने किया औचक निरीक्षण…

दुर्ग – राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा केन्द्रीय जेल दुर्ग का औचक निरीक्षण किया गया। केन्द्रीय जेल के निरीक्षण में पुरूष एवं महिला बैरक में जाकर विचाराधीन बंदियों एवं सजायाफ्ता बंदियों से मुलाकात की गई तथा उनकी समस्या सुनी गई। केन्द्रीय जेल से बंदियों के द्वारा बताई गई समस्या के संबंध में पुछताछ की गई। निरीक्षण में यह विशेष रूप से देखा गया कि -’’ केन्द्रीय जेल में बंदियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई है। नवीन बंदी जो जेल में प्रवेश करते है उनके लिए कोविड-19 के संबंध में स्वास्थय चिकित्सा परीक्षण की क्या व्यवस्था है। बंदियों के मध्य सोशल डिस्टेसिंग रखा जा रहा है अथवा नही। बंदियों को शासन के नियमानुसार कोविड संक्रमण के संबंध में टीकाकरण समय-समय पर करवाया जा रहा है अथवा नहीं। केन्द्रीय जेल के निरीक्षण में यह पाया गया कि ’’बंदियों के सामान का निरीक्षण किया गया, जिसमें कोई आपत्तिजनक वस्तु अथवा नशा से संबंधित वस्तु नहीं पाई गई । बंदियों केा दिये जाने वाले भोजन सामग्री की गुणवत्ता देखी गई जो उचित पाई गई । निरीक्षण के दौरान ऐसे बंदी जिन्हें 432(2) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत् परिहार पर रिहा किया जा सकता है, के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई । बंदियों को परिहार पर रिहा किये जाने के संबंध में 01 अगस्त 2021 से प्रायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है जिसमें सजायाफ्ता बंदियों को परिहार का लाभ समयावधि में प्रदान किया जाना है। कैदियों को अपने परिवार जनों से संपर्क हेतु कॉलिंग की व्यवस्था की भी जांच की गई, जेल में स्थित लीगल एड क्लीनिक कि निरीक्षण भी किया गया जेल में कुल सात आरोपी पैरा लीगल वालंटियर रूप के रूप में कार्य कर रहे हैं। बंदियों को जानकारी दी गई कि कोविड संकम्रण अवधि में विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्मय से की जा रही है। जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया कि जिन बंदियों की पेशी हो उन्हें आवश्यक रूप से विडियो कान्फेंसिंग के माध्मय से न्यायालय के समक्ष उपस्थित रखा जाये। श्री राजेश श्रीवास्तव, जिला न्यायाधीश/अघ्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, बद्री नारायण मीणापुलिस अधीक्षक दुर्ग, संतोष ठाकुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दुर्ग,  राहूल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरा दुर्ग के द्वारा केन्द्रीय जेल दुर्ग के अधीक्षक के साथ बैठक ली तथा उन्हें केन्द्रीय जेल दुर्ग के निरीक्षण में पाई गई कमियों एवं अव्यवस्थाओं से अवगत कराया गया तथा तत्काल कार्यवाही करते हुए बंदियों के स्वास्थय एवं अन्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। जेल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिये जाने का निर्देश जेल प्रशासन को दिया गया। महिला जेल में कुल 7 नाबालिक बच्चे है, जो महिला कैदी के संरक्षण में है। उन बच्चों की पढाई एवं स्वास्थय का विशेष रूप से ध्यान रखे जाने हेतु सभी आवश्यक कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया गया। स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से पढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया।

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