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सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…
सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…
दुर्ग – आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल, दुर्ग एवं मेसर्स ए.सी.सी. लिमिटेड, जामुल सीमेंट वर्क्स, जामुल, दुर्ग द्वारा श्रम निकेतन उच्चतर माध्यमिक शाला, जामुल, जिला- दुर्ग में आज सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन हेतु स्कूली छात्र-छात्राओं के मध्य पर्यावरणीय जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती में दीप प्रज्जवजीत कर, स्वागत गीत के साथ किया गया। स्कूल की छात्रा दिव्याश्नी मेश्राम द्वारा विषय- ‘‘से नो टू प्लास्टिक’’ पर अपने उद्बोधन में मुख्यतः सिंगल यूज प्लास्टिक की वर्तमान में अधिक उपयोग हो होने, जिससे प्लास्टिक की मात्रा बढ़ने, जो मानव जीवन व जीव जन्तु के स्वास्थ्य को प्रभावित करने की जानकारी दी गई। स्कूल प्रबंधन द्वारा विषय- ‘‘से नो टू प्लास्टिक’’ पर बनाने गये नाटक का मंचन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से मानव व जीव जन्तु प्रभावित होने, जल एवं जमीन प्रदूषित होने, प्लास्टिक में भरे हुए सामान को खाने से जानवर की आकस्मिक मृत्यु होनेे की जानकारी नाटक के माध्यम से प्रस्तुति दी। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े व जूट के थैले का उपयोग करने, तरल पदार्थ को बर्तन व बॉटल में लाने, दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग नही करने हेतु बैनर, पोस्टर के माध्यम से आव्हान किया गया। स्कूल के प्राचार्य श्री प्रशांत चौबे द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन हेतु कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए मानव जीवन में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग नही करने, उपयोगित प्लास्टिक का पुर्नउपयोग करने के बारे जानकारी दी गई। डॉ. अनीता सावंत क्षेत्रीय अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल, भिलाई द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक का विलोपन क्या है ? जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं। ऐसा प्लास्टिक का कोई भी पदार्थ जिसे हम केवल एक ही बार इस्तेमाल करते है वह सिंगल यूज प्लास्टिक है। आज हमारे पर्यावरण के समक्ष बहुत सी चुनौतियाँ हैं और आप सब जानते हैं कहने का तात्पर्य यह है कि आज हम जिन पर्यावरणीय चुनौतियों से गुजर रहे हैं, उसमें सबसे प्रमुख पर्यावरणीय चुनौती जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण के अतिरिक्त प्लास्टिक अपशिष्ट का व्यवस्थापन, मैनेजमेंट और उसका निष्पादन है। आप सब जानते हैं कि प्लास्टिक ऐसे पदार्थों से मिलकर बनता हैं जिसे अगर जलाकर नष्ट करना चाहें तो ऐसी हानिकारक गैसें निकलती है जो न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करती है बल्कि मानव स्वास्थ्य एवं जीव-जन्तुओं के भी स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। इसमें बहुत सारे अवयव ऐसे हैं जो कैंसर कारक हैं। जैसे आप अगर किसी प्लास्टिक के कंटेनर में गरम-गरम किसी चीज को रख दें, तो उसमें ऐसे केमिकल्स निस्त्राव होते हैं जो बहुत ही कैंसर कारक होते हैं। आप पेय पदार्थ स्ट्रॉ के माध्यम से पीते हैं तो वह स्ट्रॉ दोबारा यूज नहीं होता, बहुत से कैरी बैग्स जिसको हम इस्तेमाल करने के बाद फेंक देते है ये सभी सिंगल यूज प्लास्टिक है। मैं आपको बताना चाहूंगी कि हमारे छत्तीसगढ़ में किसी भी प्रकार का प्लास्टिक कैरी बैग्स प्रतिबंधित है, चाहे वह मोटा या पतला हो। हर तरह का प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग नहीं करना है। जिनको हम एक बार इस्तेमाल करने के बाद दुबरा इस्तेमाल नहीं करते ऐसे प्लास्टिक सिंगल यूज प्लास्टिक कहलाती हैं। इसका डिस्पोजल एक बहुत बड़ी चुनौती है। उक्त कार्यक्रम में मेसर्स ए.सी.सी. लिमिटेड, जामुल सीमेंट वर्क्स, के श्री अनिल कुमार (हेंड एच.आर.), डॉ. व्ही.एस. कपूर, (हेड पर्यावरण) श्री हरवीर सिंह (इंचार्ज सिक्यूरिटी) व क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के श्री शिव प्रसाद, श्री नन्दकुमार पटेल, श्री पंकज प्रधान, श्री हरकिरत सिंह, श्री घनश्याम भोई, श्री एस.के. चौरासिया, श्री हेमशंकर उमरे तथा श्रम निकेतन स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाएं व स्कूली छात्र-छात्राओं रिया मेश्राम, भूमिका देवांगन, तिनू देवांगन, मिनाक्षी यादव, काजल वर्मा, विवेक महेतो, गुलाब वर्मा, शोभा शर्मा, ईशा पाण्डेय व लक्लीन कौर उपस्थिति थे। क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अनीता सावंत द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु मेसर्स ए.सी.सी. प्रबंधन, स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाओं, समस्त छात्र-छात्राओं को धन्यवाद दिया गया। कु. व्ही. साहू (कार्यक्रम प्रभारी) के कुशल मार्गदर्शन में विषय ‘‘से नो टू प्लास्टिक’’ पर स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा नाटक का मंचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन स्कूल के शिक्षिका श्रीमती चित्रा देवांगन द्वारा किया गया।