- Home
- Chhattisgarh
- crime
- social news
- SSP बद्रीनारायण मीणा ने “बेहतर संवाद” से चर्चा के दौरान कहा देश का युवा देश के निर्माण में अपना योगदान जरूर दें…
SSP बद्रीनारायण मीणा ने “बेहतर संवाद” से चर्चा के दौरान कहा देश का युवा देश के निर्माण में अपना योगदान जरूर दें…
दुर्ग जिले में पदस्थ एसएसपी बद्रीनारायण मीणा ने “बेहतर संवाद” से कहा देश का युवा देश के निर्माण में अपना योगदान जरूर दें…
दुर्ग – देश का एक राज्य राजस्थान जिसका एक शहर जयपुर देशभर में पिंक सिटी के नाम से जाना भी जाता है. जिला जयपुर के एक गांव में जन्मे ऐसे बालक की कहानी जो बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी तेज रहा .बचपन मे अपने कार्यों से सबको प्रभावित करता रहा. उनके परिवार मे पापा एक सरकारी कर्मचारी के रूप में जनगणना विभाग में कार्यरत रहे व अपने कार्य से रिटायर हुए. माता-पिता सहित पांच भाई बहनो का भरा पूरा परिवार… ऐसे ही मिलनसार हसमुख शांत स्वभाव व व्यक्तित्व के धनी एसएसपी बद्रीनारायण मीणा ने “बेहतर संवाद” से खुलकर बातचीत की… प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश….
“बेहतर संवाद” के सुपर एक्सक्लूसिव चर्चा के दौरान दुर्ग के नवपदस्थ एसएसपी ने अपने कार्य क्षेत्र एवं व्यक्तिगत पहलुओं को हमसे साझा की…
“बेहतर संवाद” को एसएसपी श्री मीणा ने बताया कि उनका जन्म राजस्थान के जयपुर जिला के बस्सी तहसील चैनपुरा गांव में हुआ. दसवीं तक की पढ़ाई गांव व शहर मे रहकर पूरी की वही 11वी, 12वीं की पढ़ाई राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोद्दा से पुरी हुई. उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई राजस्थान कॉलेज से आर्ट्स इंग्लिश लिटरेचर, पॉलीटिकल साइंस से पूरी कर यूपीएससी की तैयारी में जुटे. क्योंकि परिवार में पापा गवर्नमेंट विभाग में कार्यरत रहे पापा को देख कर यूपीएससी की सेवा में जाने का मन में जज्बा जगा व तैयारी शुरू की यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज की परीक्षा में पहली बार श्री मीणा को इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सर्विसेज मैं चयन हुआ जहां उन्होंने लगभग डेढ़ वर्ष नागपुर में ट्रेनिंग के रूप में कार्य किया.
उसके बाद तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस बनने का अवसर मिला हैदराबाद में ट्रेनिंग के बाद छत्तीसगढ़ कैडर अलाट हुआ जहां ट्रेनी के रूप में सरगुजा में पहली पोस्टिंग हुई. उसके बाद एसडीओपी वाड्रफनगर, एएसपी बिलासपुर, उसके बाद वह समय आ गया जब जिले की कमान एक एसपी के रूप में संभाली. बतौर एसपी पहला जिला बलरामपुर रहा यहां लगभग डेढ़ साल का बेहतर कार्यकाल रहा. उसके बाद पुलिस अधीक्षक के रूप में कवर्धा जिले की कमान मिली 1 वर्ष रहकर कार्य किया. उसके बाद पुलिस अधीक्षक के रूप में राजनांदगांव नक्सल प्राभवित जिला में कार्य करने का अवसर मिला जहां डेढ़ वर्ष का कार्यकाल रहा
उसके बाद एसपी जगदलपुर सुदूर नक्सल क्षेत्र, एसपी कोरबा, एसपी बिलासपुर, एसपी रायपुर, एसपी रायगढ़ फिर प्रमोशन हुआ डीआईजी बनकर पुलिस हेड क्वार्टर रायपुर में कुछ दिन पदस्थ रहा. तत्पश्चात डेपुटेशन पर मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के अंदर 3 वर्ष तक दिल्ली में रहकर अपनी सेवाएं दी. उसके बाद फिर छत्तीसगढ़ वापस आकर कुछ दिनों के लिए डीआईजी जांजगीर चांपा फिर बतौर एसएसपी दुर्ग जिले की कमान सरकार ने दिया जिसकी सेवाएं अब दे रहा हूं.
आम लोगों के बीच किस प्रकार से पुलिसिंग हो उसके जवाब मैं डीआईजी बद्रीनारायण मीणा ने आगे बताया कि पुलिस जनता की समस्याओं को अच्छे से सुने, अच्छे से व्यवहार करें. गलत कार्य करने वालों लोगों के मन में पुलिस का भय हमेशा व्याप्त रहना चाहिए जिसमें आम लोगों के बीच में पुलिस की एक बेहतर छवि बनती है. लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है अपराध करने वालों के मन में यह बात हमेशा रहना चाहिए अपराध करेंगे तो पुलिस कार्रवाई जरूर करेगी.
वीवीआइपी जिला दुर्ग को लेकर श्री मीणा ने कहा जितनी बड़ी जिम्मेदारी इतनी ही ज्यादा मेहनत करना पड़ता है. लोगों की अपेक्षा के अनुरूप कार्य कर सकें. सामाजिक बुराई करने वाले लोगों पर पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है. अगर किसी भी प्रकार से थाना क्षेत्र अंतर्गत अवैध कार्यों का संचालन हो रहा है तो संबंधित थाने का थानेदार जिम्मेदार होगा. वहीं पुलिस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करेगी.
आगे श्री मीणा अपने पुराने दिन गांव के बारे में बताते हुए कहते हैं कि सालों में कभी कभार पुलिस गांव के आसपास दिख जाती थी क्योंकि वहां पर अपराध का नाम ही नहीं है. क्योंकि नशे का प्रचलन ना के बराबर था. गांव के सब लोग अपने अपने दायित्वों को खुशी निभाते. इससे समाज में बुराई का जन्म ना के बराबर हो. ऐसी कोशिश वहां के लोग करते थे. काफी दिन हो गए गांव गए. आज भी हमारी स्पोर्ट्स ग्रुप गांव आसपास के क्षेत्रों में बेहतर खेल, स्वास्थ्य व जागरूक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते आ रहे हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री मीणा ने युवाओं को संदेश दिया कि युवा 12वीं व कॉलेज के बाद पूरा फोकस कैरियर पर करें. स्किल डेवलपमेंट करें नया अच्छी चीजे सीखने का प्रयास करें. 5 साल उस कार्य पर लगाएं जो आपने अच्छे से सीखे हैं निश्चित ही सफलता आपको मिलेगी. नशे से दूर रहे नशा किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता है. स्वयं किसी भी नशे के खिलाफ रहा हूं. अच्छा यूथ हमेशा नशे से दूर रहकर देश के निर्माण में समर्पण दे….