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दुर्ग जिले में 10th का रिजल्ट 100 परसेंट, स्टूडेंट्स की सफलता का श्रेय पेरेंट्स को – विभा झा
दुर्ग जिले में 10th का रिजल्ट 100 परसेंट,
स्टूडेंट्स की सफलता का श्रेय
पेरेंट्स को- विभा झा
भिलाई – सीबीएसई की सिटी कोऑर्डिनेटर एवं के एच मेमोरियल स्कूल की प्रिंसिपल विभा झा ने दुर्ग जिले में 10 वीं का रिजल्ट 100% आने पर हर्ष व्यक्त किया है और इसके लिए सभी स्कूल के प्राचार्य, टीचर्स, पेरेंट्स एवं स्टूडेंट्स को बधाई दी है. उन्होंने स्टूडेंट्स की इस सफलता का पूरा श्रेय पेरेंट्स को दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के इस पेनडेमिक समय में जो परिणाम आए हैं वह पेरेंट्स के सहयोग से ही आया है. क्योंकि ऑफलाइन पढ़ाई में पूरी जिम्मेदारी पेरेंट्स की ही थी.
सिटी कोऑर्डिनेटर विभा झा ने एक तरफ 10th के रिजल्ट पर खुशी जाहिर की है वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सवाल भी खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि रिजल्ट देखने के बाद स्पष्ट है कि जिले में 30-40% स्टूडेंट ऐसे हैं जिन्हें कुछ भी नहीं आता. हर स्कूल की यही हालत है. बोर्ड ने परीक्षा ना लिए जाने का किया तो स्टूडेंट्स ने किताबों को टच ही नहीं किया. ऐसे स्टूडेंट्स से क्या उम्मीद की जाए.
उन्होंने कहा कि पहले फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो में 3-4 चैप्टर ही होते थे जो अब बढ़कर 50-50 चैप्टर हो गए हैं. क्या स्टूडेंट से उम्मीद करें कि वह इतने चैप्टर कवर कर पाएगा ? हालांकि बोर्ड ने 30% कोर्स कम कर दिया है तब भी इतने सारे फार्मूले हैं इतने सारे डेफिनिशन हैं यदि स्टूडेंट्स रोज नियमित पढ़ेगा तभी वह पूरा कर सकेगा.
प्रिंसिपल विभा झा ने पेरेंट्स से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को कोचिंग के भरोसे ना छोड़े. 2 घंटे की कोचिंग में बच्चों का 5 घंटे खराब हो जाता है. इसलिए स्कूल में टीचर्स जो पढ़ाते हैं उसे ही स्टूडेंट अच्छी तरह रिवीजन कर ले तो उनकी सफलता निश्चित है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष से 2 सेमेस्टर होंगे. एमसीक्यू वाला भाग तो स्कोरिंग वाला है लेकिन स्टूडेंट जब तक पूरे चैप्टर को नहीं पढ़ेगा एमसीक्यू को नहीं कर पाएगा. इसलिए सभी टीचर्स से अनुरोध है कि वह स्टूडेंट्स को लाइन बाई लाइन हर चीज को समझाएं.
● एजुकेशन हब पतन के गर्त में
सिटी कोऑर्डिनेटर विभा झा ने कहा कि कल तक भिलाई को हब एजुकेशन के नाम से जाना जाता था लेकिन आज यह एजुकेशन हब पतन के गर्त में चला गया है. अब समय आ गया है कि टीचर्स, पेरेंट्स और स्टूडेंट पढ़ाई को लेकर गंभीर हो जाएं. स्कूल खुल गए हैं. पेरेंट्स स्टूडेंट को खुशी-खुशी स्कूल भेजें और अपने बच्चों को समझाएं कि उन्हें कैसे अपने ह्यूमिनिटी पावर को कवर करना है. स्टूडेंट्स को अब सेल्फ प्रिकॉशन लेना होगा तभी वह आगे बढ़ पाएंगे. ऐसी स्थिति में वह दिन दूर नहीं जब हमारा भिलाई एक बार फिर हब एजुकेशन बन जाएगा और वह भी पूरी परिपक्वता के साथ. क्योंकि अब स्टूडेंट्स टीचर्स, पेरेंट्स सब परिपक्व हो चुके हैं. जब जिंदगी में बहुत ज्यादा अप डाउन हो तो हमें पूरे धैर्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए.