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स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय में “ऑर्गेनिक होम गार्डनिंग ” विषय पर ऑनलाइन पंद्रह दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन…
स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय में “ऑर्गेनिक होम गार्डनिंग ” विषय पर ऑनलाइन पंद्रह दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन
भिलाई – स्वरूपानंद महाविद्यालय के वनस्पति विभाग द्वारा पंद्रह दिवसीय ऑनलाइन ऑर्गेनिक होम गार्डनिंग विषय पर सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम प्रभारी डॉ निहारिका देवांगन विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र ने बताया विद्यार्थियों को ऑर्गेनिक खाद उपयोग के लिए प्रेरित करने व घर के खाली जमीन में पेड़ पौधे सब्जियां आदि लगाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है इससे रसायनिक खादों के उपयोग कम होंगे और घरेलू कचरे का प्रयोग खाद के रूप में करने से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कोविड-19 के कारण घर में रहे विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग कर पाएंगे।
पंद्रह दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स में प्रशिक्षक डॉ. उत्कर्ष घाटे मैनेजर एग्रीरीसर्च वाधवानी, मुंबई डॉ प्रतीक्षा पांडे सहायक प्राध्यापक वनस्पतिशास्त्र महिला महाविद्यालय भिलाई, डॉ दीप्ति चौहान सहायक प्राध्यापक वनस्पतिशास्त्र महिला महाविद्यालय, डॉ त्रिलोक कुमार सहायक प्राध्यापक वनस्पतिशास्त्र राजनांदगांव, डॉ अलका मिश्रा सहायक प्राध्यापक जुलॉजी विद्यार्थियों को होम गार्डन के रख-रखाव, ऑर्गेनिक खाद बनाने पौधों को सुरक्षित रखने का उपाय बतायेंगे ।
सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ उन्हो ने वनस्पति विभाग की सराहना करते हुए कहा इस प्रकार के कोर्स करने से विद्यार्थियों में ना केवल गार्डनिंग के प्रति रुचि उत्पन्न होगी जो विद्यार्थी बागवानी में रूचि रखते है उनके लिए अपने स्किल को डेवलप करने का यह एक स्वर्णिम अवसर है । यह कोर्स उनके लिए एक एंटरप्रेन्योरशिप डेवलप करने में भी सहायक होगा। विद्यार्थी सिलेबस से पढ़ाई कर डिग्री प्राप्त करते हैं तथा शिक्षित होते हैं परंतु इसके डेवलपमेंट के कोर्स करने से वे सोसाइटी में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं। इसे व्यवसाय के रूप में भी अपना सकते हैं।
प्रथम दिन- डॉ दिप्ती चैहान ने आरनामेंटल प्लांट की देखभाल के बारे में जानकारी दी एवं बताया कैक्टस को कम पानी की आवष्यकता होती है अधिक पानी में सड़ जाता है अपराजिता का पौधे को लगाने से पूर्व बीज रात में भिगो देना चाहिये इन्डोर प्लान्ट को घर के अंदर रखना चाहिए व बीच-बीच में धूप दिखाते रहना चाहिये मिट्टी में छाछ डालने से पौधो का विकास अच्छा होता है।
द्वितीय दिवस- डा उत्कर्ष घाटे ने पौधे कैसे लगाना चाहिये के बारे में जानकारी देते हुए बताया पौधे के लिये अच्छे बीजों का चयन आवष्यक है। प्रकृति ने हमें जैसे दिया उसे वैसे ही रहने दे उसमें ज्यादा छेड़-छाड़ न करे प्रकृति से छेड़-छाड़ का नतीजा कोरोना वायरस है।
तृतीय दिवस- डॉ निहारिका देवांगन ने लिक्विड बायोफर्टिलाईजर बनाना व उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी।
डॉ प्रतीक्षा पांडे ने कमल के पौधे कैसे लगाये व उनकी देखभाल कैसे करें की विस्तृत जानकारी दी व बताया पानी में मिट्टी तेल की कुछ बूंद डालने से मच्छर के लारवा नही पनपते है। कमल के पौधे को बहुत देखभाल की आवष्यकता होती है।
कोर्स में 30 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद डॉ निहारिका देवांगन विभागाध्यक्ष वनस्पतिशास्त्र ने किया।