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  • जापान के प्रोफेसर ने निकाली थी तकनीक, दुर्ग वनमंडल में अनूठा प्रयोग… पाटन के  ग्राम फूंडा  में बनेगा संभाग का पहला जैव विविधता पार्क…

जापान के प्रोफेसर ने निकाली थी तकनीक, दुर्ग वनमंडल में अनूठा प्रयोग… पाटन के  ग्राम फूंडा  में बनेगा संभाग का पहला जैव विविधता पार्क…

जापान की मियावाकी तकनीक से बनने वाले जैव विविधता पार्क का भूमि पूजन किया मुख्यमंत्री ने…

10 गुना तेजी से बढ़ते हैं पौधे, 30 गुना सघन होता है वन..
जापान के प्रोफेसर ने निकाली थी तकनीक, दुर्ग वनमंडल में अनूठा प्रयोग…
पाटन के  ग्राम फूंडा  में बनेगा संभाग का पहला जैव विविधता पार्क…
दुर्ग –  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पाटन विकासखंड के ग्राम फूंडा में  अरबोरिटम (वनस्पति वाटिका ) का भूमिपूजन किया। यह वाटिका जापान की मियावाकी तकनीक से बनाई जाएगी। इसमें 10 गुना तेजी से पौधे बढ़ते हैं और 30 गुना सघन वन तैयार होता है। फूंडा  के 20 एकड़ क्षेत्र में वनस्पति वाटिका का  विकास किया जाएगा।इसके द्वारा राज्य में जैव विविधता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
दुर्ग संभाग के पहले वनस्पति वाटिका में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा। ग्राम फूंडा के आंवले के बगीचे के पास बनने वाली  वनस्पति वाटिका में 100 से ज्यादा प्रजातियों  के लगभग 3000 पेड़ लगाए जाएंगे। वन विभाग ने बताया कि दो चरणों में इसका विकास किया जाएगा। वनस्पति वाटिका में स्थानीय प्रजातियों के पेड़  एवं पौधों को ज्यादा से ज्यादा प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसमें मुख्य रूप से  हल्दू, मुंडी, साल, साजा, सागौन,  खमार, सेमल, कुसुम, हर्रा ,बहेरा, पलाश, कौहा, जाम ,पीपल, बरगद, कटहल ,आम ,आंवला सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। वनस्पति वाटिका की खास बात यह होगी कि इसमें प्रत्येक प्रजाति के पेड़ पौधों की सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक पहलुओं को  वर्णित किया जाएगा। वर्चुअल कार्यक्रम को जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू एवं सचिव वन विभाग मनोज पिंगुवा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर आईजी विवेकानंद सिंहा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, डीएफओ धम्मशील गणवीर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
धम्मशील गणवीर ने  बताया कि इस वनस्पति वाटिका के लिए मियावाकी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है जिसमें पौधे की विभिन्न प्रजातियों को एक दूसरे के करीब लगाया जाता है जिससे पौधे केवल ऊपर से सूर्य का प्रकाश प्राप्त  कर, प्राकृतिक रूप से ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। वाटिका को पर्यावरण के लिए जागरूकता का केंद्र बनाया जाएगा। यह परियोजना 5 वर्षों की है एवं इसे 80 लाख रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा।
कार्यक्रम में “मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना” में प्रतीकात्मक रूप से पंजीयन भी  कराया गया। दुर्ग वन मंडल के अंतर्गत कृषक मोहन बघेल ग्राम-गब्दी, कौशल चंद्राकर ग्राम-आलामोरी, पुरुषोत्तम कश्यप ग्राम- अखरा, महेंद्र वर्मा ग्राम -देवादा और देवेंद्र चंद्रवंशी ग्राम- पाटन  को पंजीयन कराए जाने के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।

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