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500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली मैग्लेव ट्रेन को भारत में लाने का किया अनुबंध

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने मैग्लेव ट्रेन को भारत में लाने के लिए SwissRapide AG के साथ हाथ मिलाया है। मैग्नेटिक फील्ड की मदद से नियंत्रित ये ट्रेन पटरी की बजाए हवा में दौड़ती है और इसे 500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है। BHEL की तरफ से ट्रांसपोर्टेशन बिजनेस ग्रुप के हेड एसवी श्रीनिवासन और SwissRapide AG के प्रेसीडेंट और सीईओ Niklaus H Koenig ने बुधवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। भेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया है।

SwissRapide AG के साथ किए गए इस समझौते से BHEL इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी को भारत में लाएगा और उसका निर्माण करने में सक्षम बनेगा। इस कंपनी की अल्ट्रा हाई स्पीड मैग्लेव रेल सिस्टम में खास पहचान है। भेल पिछले पांच दशकों से भारतीय रेलवे के विकास में योगदान दे रहा है। भेल लंबे समय से रेलवे को इलेक्ट्रिकल एवं डीजल लोकोमोटिव्ज, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट और प्रपल्शन सिस्टम सेट्स प्रदान कर रहा है। इंदौर के राजा रमन्ना प्रौधोगिकी केंद्र (RRCAT) में फरवरी 2019 में मैग्लेव ट्रेन का मॉडल तैयार किया गया था। RRCAT के वैज्ञानिक आरएन शिंदे के नेतृत्व में 50 लोगों की टीम ने यह मॉडल तैयार किया था। 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह मॉडल तैयार हुआ था। इसमें मैग्नेटिक फील्ड की वजह से यह ट्रेन पटरी के उपर हवा में दौड़ती हुई नजर आई थी।

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