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​​​​​​​धनतेरस पर चिटफंड निवेशकों को दिलाया मुख्यमंत्री ने न्याय

फर्जी चिटफंड कम्पनी की सम्पत्ति कुर्क कर 16 हजार 796 निवेशकों को साढ़े सात करोड़ से ज्यादा वापस
छत्तीसगढ़ के साढ़े 13 हजार से अधिक निवेशकों के साथ ओड़िशा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के निवेशकों को भी लौटाई गई राशि
रायपुर.  निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाली एक चिटफंड कम्पनी याल्स्को रियल स्टेट एण्ड एग्रो फार्मिंग लिमिटेड पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी सम्पत्ति कुर्क करके निवेशकों को 7 करोड़ 33 लाख रूपए आज लौटा दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में निवेशकों के खाते में ऑनलाईन राशि अंतरित की। इस अवसर पर विधायक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री दलेश्वर साहू और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा और श्री रूचिर गर्ग, अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू, विशेष पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल पहले ही कह चुके थे कि फर्जी चिटफंड कम्पनियों पर केवल एफआईआर करना पर्याप्त नहीं है। हम उनकी सम्पत्ति कुर्क करके निवेशकों के पैसे लौटाने की दिशा में काम करेंगे। आज धनतेरस के अवसर पर मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर भी अमल के साथ निवेशकों को न्याय मिलना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने फर्जी चिटफंड कम्पनियों पर कार्रवाई कर  निवेशकों को उनकी जमा राशि दिलाने के विषय को अपनी प्राथमिकता में रखा। ऐसे प्रकरणों में प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री स्वयं लगातार करते हैं। बीते दो वर्षो के कार्यकाल के दौरान शासन ने धोखाधड़ी के मामलों की जांच शुरू करते हुए फर्जी कम्पनियों के खिलाफ एफआईआर करने तथा निवेशकों को राशि लौटाने का सिलसिला शुरू किया था। साथ ही कम्पनी में काम करने वाले स्थानीय युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए गए। इसी दौरान जन घोषणा पत्र में किए गए वादों से भी आगे बढ़कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा था कि निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए फर्जी कम्पनियों पर कानूनी शिकंजा कसने के साथ-साथ उनकी सम्पत्तियां भी कुर्क करके राशि लौटाई जाएगी।
राजनांदगांव की चिटफंड कम्पनी याल्स्को रियल स्टेट एण्ड एग्रो फार्मिंग लिमिटेड के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होने पर राजनांदगांव कलेक्टर ने सम्पत्तियों की जानकारी प्राप्त की थी, जिसमें डायरेक्टरों के स्वामित्व की कुल 292.36 एकड़ अचल सम्पत्ति पाई गई। इस भूमि की कुर्की का अंतिम आदेश विशेष न्यायालय द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा कुर्क-सम्पत्तियों की नीलामी कराई गई। इस नीलामी से अब तक 8 करोड़ 15 लाख 34 हजार 345 रूपए प्राप्त हुए हैं। राजनांदगांव एवं छुरिया तहसीलों की एक-एक सम्पत्ति की नीलामी अभी शेष है।
27 जुलाई 2020 से 20 अगस्त 2020 तक कम्पनी के निवेशकों से दावा आपत्ति प्राप्त की गई। कुल 17 हजार 171 निवेशकों ने 24 करोड़ 75 लाख 47 हजार 337 रूपए का दावा प्रस्तुत किया। आवेदनों की समीक्षा के बाद 16 हजार 796 निवेशकों ने पूरी जानकारी के साथ  दावा प्रस्तुत किया। अब तक सम्पत्तियों की नीलामी से जो राशि प्राप्त हुई है, वह दावा राशि का केवल एक तिहाई। जिला स्तरीय पांच सदस्यीय समिति ने 16 हजार 796 निवेशकों द्वारा प्रस्तुत दावे की राशि का 30 प्रतिशत यानी 7 करोड़ 32 लाख 95 हजार 528 रूपए लौटाने का निर्णय लिया है। अब नीलामी की बचत राशि 82 लाख 38 हजार 817 रूपए शेष रहेगी।
जिन 16 हजार 796 निवेशकों को राशि लौटाई जा रही है, उनमें 13 हजार 586 छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के हैं। इसी प्रकार 197 ओड़िशा के, 2971 महाराष्ट्र के और 42 निवेशक मध्यप्रदेश के हैं। इन निवेशकों के खाते में एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से राशि स्थानांतरित की गई।
विगत दो वर्षों में चिटफण्ड कंपनियों से वसूली गई 9 करोड़ से अधिक की राशि
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा चिटफंड कंपनी संचालकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। इसी क्रम में विगत 02 वर्षों में कुल 34 कंपनियों के विरूद्ध धोखाधड़ी की शिकायत प्राप्त होने पर 63 प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्यवाही करते हुये 43 डायरेक्टरों, 08 पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर तत्काल न्यायालय प्रस्तुत किया गया। विगत 02 वर्षों में वर्ष 2018 के पूर्व के प्रकरणों में से कुल 43 प्रकरणों के 80 आरोपियों को अन्य राज्यों से गिरफ्तार कर लाया गया है, जिनमें मध्यप्रदेश के 39 आरोपी, महाराष्ट्र के 09 आरोपी, राजस्थान के 05 आरोपी, ओड़िशा के 09 आरोपी, दिल्ली के 07 आरोपी, पश्चिम बंगाल के 02 आरोपी, उत्तर प्रदेश के 07 आरोपी, बिहार के 02 आरोपी शामिल हैं।
राज्य में वर्ष 2018 तक किसी भी कंपनी की संपत्ति की नीलामी नहीं किया गया था और न ही कोई राशि जप्त की गई थी। वर्ष 2019 में पुलिस द्वारा चिटफण्ड कंपनियों एवं उनके डायरेक्टरों की चल-अचल सम्पत्ति के पहचान की लगातार कार्यवाही करके कुल 123 प्रकरणों मंे कुर्की की कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा गया। जिला कलेक्टरों द्वारा 29 अनियमित वित्तीय संस्थानों, डायरेक्टरों की सम्पत्ति को कुर्की का अंतिम आदेश हेतु न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें से अब तक 17 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा कुर्की का अंतिम आदेश पारित कर नीलामी, वसूली की कार्यवाही कर 09 करोड़ 04 लाख 40 हजार 220 रूपये शासन के खाते में जमा की गई। कुल 10 निवेशकों को कुल 22 लाख 94 हजार 243 रूपये वापस की गई। 02 प्रकरणों में नीलामी वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।  84 प्रकरणों में जिला कलेक्टर द्वारा कुर्की का अंतरिम आदेश हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

एजेंटों को राहत-

एजेंटों के प्रति शासन पूर्ण संवेदनशील है। पूर्व में स्थानीय एजेंटों को अपराधी बना दिया था, परन्तु वर्ष 2019 के बाद गिरफ्तार किये गये स्थानीय एजेंटों को 59 प्रकरणों में 104 एजेंटों को न्यायालय में शासकीय गवाह बनने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कराया है। विवेचनाधीन प्रकरणों में 42 प्रकरणों में 130 एजेंटों को शासकीय गवाह बनाया गया है।

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