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छठ पर्व को लेकर प्रशासन करें पुनर्विचार कोविड गाइडलाइन के तहत मिले अनुमति – अरुण सिंह सिसोदिया
छठ पर्व मनाने व धार्मिक भावना को ध्यान में रख कर आयोजन पर ना लगे रोक…अरुण सिंह सिसोदिया
दुर्ग – बिहार,उत्तर प्रदेश व विश्व प्रसिद्ध सूर्य देव की आराधना तथा संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए समर्पित छठ पूजा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होनी है। इस वर्ष छठ पूजा 20 नवंबर दिन शुक्रवार को है। किन्तु ज्ञात है की covid-19 कोरोना के कारण दुर्ग प्रशाशन ने समाज के प्रमुखों के साथ बैठक की थी जिसमें निर्णय लिया गया की इस बार तालाब व घाटों में सामूहिक स्तर पर छट का आयोजन नही होगा बल्कि लोग अपने अपने घरों में प्रतिकात्मक तालाब बनाकर भगवान सूर्य की आराधना करेंगे!
इसी निर्णय पर पुनः विचार करने के लिए कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे से फ़ोन पर चर्चा उपरांत जिला प्रशाशन दुर्ग में ADM प्रकाश सर्वे से मुलाकात की!
तिथि के अनुसार, छठ पूजा 4 दिनों की होती है।
पहला दिन: नहाय-खाय
दूसरा दिन: लोहंडा और खरना
तीसरा दिन: छठ पूजा, सन्ध्या अर्घ्य
छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है। इस दिन ही छठ पूजा होती है। इस दिन शाम को पानी में उतर कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है
चौथा दिन: सूर्योदय अर्घ्य, पारण का दिन
छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है।
उपरोक्त विधि को घरों में रहकर कर पाना संभव नही है और और घरों में प्रतिकात्मक तालाब भी बनाना असंभव है प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशाशन से मांग की है सोशल डिस्टनसिंग व मास्क की अनिवार्यता व कोरोना दिशानिर्देशों के साथ छठ मैया की पूजा को सामूहिक रूप से तालाब व घाटों पर आयोजित करने का विचार करे ताकि छठ पूजा से आस्था रखने व मनाने वालों की पूजा विधि सम्पूर्ण हो!और किसी प्रकार का प्रतिबंध ना हो नियम व शर्तों के साथ मिले अनुमति ताकि कम्युनिटी स्प्रेडिंग का खतरा ना हो।
इस प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से कांग्रेस प्रदेश महासचिव अरुण सिंह सिसोदिया ,वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन लाल गुप्ता, ज्ञानेश्वर सिंह, ख्वाजा अहमद सरसिज घोष, ओम प्रकाश सिंह, फारूख खान, राजू पाल आशिफ अंसारी , उपस्तिथ थे।