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  • सबसे अच्छे स्कूलों का भ्रमण कर इंग्लिश मीडियम स्कूल को बनाएं सबसे उम्दा, कलेक्टर ने प्राचार्यों एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को दिये संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के दिये निर्देश….

सबसे अच्छे स्कूलों का भ्रमण कर इंग्लिश मीडियम स्कूल को बनाएं सबसे उम्दा, कलेक्टर ने प्राचार्यों एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को दिये संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के दिये निर्देश….

*सबसे अच्छे स्कूलों का भ्रमण कर इंग्लिश मीडियम स्कूल को बनाएं सबसे उम्दा*

*- कलेक्टर ने प्राचार्यों एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को दिये संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के दिये निर्देश*

*- इसके साथ ही स्कूल के जीर्णोद्धार या अधोसंरचना के संवर्धन का प्राचार्य एवं नगरीय निकाय के अधिकारी करें संयुक्त निरीक्षण, इससे निगम अधिकारी स्कूल की जरूरत के मुताबिक अधोसंरचना को और बेहतर करने की दिशा में कर पाएंगे कार्य*

*- कहा तय समयावधि में पूरा करें निर्माण कार्य*

दुर्ग, शासन की मंशा है कि जिले में आरंभ होने वाले इंग्लिश मीडियम स्कूल हर मायने में सबसे उम्दा हों। चाहे शैक्षणिक गुणवत्ता का विषय हो अथवा अधोसंरचना का स्तर हो, किसी भी मायने में गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। यह निर्देश कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्राचार्यों एवं नगरीय निकाय के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दीगर स्कूलों में प्रचलित सबसे अच्छी प्रैक्टिस अपनाना है। इसके लिए निजी प्राइवेट स्कूलों का भी निरीक्षण करें। इनमें से हर स्कूल में कुछ अनूठा प्रयोग दिख जाता है। जब हम मुकम्मल रूप से पूरा स्कूल अधोसंरचना के मामले में तैयार कर लें तो इन विशेषताओं को भी शामिल करें।

*कलेक्टर ने दिये ये निर्देश रीडिंग कार्नर हो हवादार-* कलेक्टर ने कहा कि रिनोवेशन के वक्त कुछ बुनियादी बातें ध्यान रहें। हम लाइब्रेरी पर काफी जोर दे रहे हैं। इनमें  टैक्स्ट बुक के अलावा अन्य ज्ञानवर्धक पुस्तकें रख रहे हैं। इसका मकसद यह है कि बच्चों की रुचि पढ़ने में बढ़े। इससे उनकी कल्पनाशीलता का विस्तार होगा। इसके लिए लाइब्रेरी की वास्तु उसी तरह से होनी चाहिए। यह काफी खुली-खुली हवादार होनी चाहिए। इससे लागत भी घटती है। कमरा अधिक रौशन हो जाता है। खुले-खुले वातावरण में पढ़ना ज्यादा रोचक हो जाता है। इसके मुताबिक ही फर्नीचर आदि का चयन भी करें। कोशिश यह हो कि टैक्स्ट बुक के साथ ही बच्चों को ऐसी किताबें भी उपलब्ध कराएं जो उन्हें बाल साहित्य की दुनिया की समृद्धि को दिखाये। वे साइंस में हो रहे कमाल भी इन किताबों के माध्यम से जान सकें।

*इसी तरह का हो प्ले कार्नर भी -* कलेक्टर ने कहा कि प्राइमरी लेवल से यह कक्षाएं शुरू होंगी। बच्चों को स्कूल को सीखने का बेहतरीन स्थान बनाने और खुश रहने की जगह बनाने के लिए बच्चों की स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी रखनी जरूरी है। इसके लिए प्ले कार्नर जैसे जगह भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में देखें कि निजी स्कूल किस तरह से यह कार्य कर रहे हैं।

*लैब भी उम्दा -* कलेक्टर ने कहा कि साइंस लैब में अब काफी सारी नई चीजें जुड़ चुकी हैं। प्रायोगिक रूप से सैद्धांतिक बातों को समझना दिलचस्प अनुभव होता है। दुर्ग जिले में वैसे भी साइंटिफिक माडल को लेकर बच्चों ने कमाल का प्रदर्शन किया है। जितने अच्छे लैब होंगे, उतना ही बच्चों को साइंस की समझ बढ़ेगी। इसके लिए किस तरह के प्लेटफार्म आदि तैयार करना है। इस संबंध में प्राचार्य निगम अधिकारियों को फीडबैक दें।

*अब आनलाइन क्लास दुर्ग से केंद्रीकृत-* फिलहाल इंग्लिश मीडियम स्कूलों में आनलाइन क्लास चलाई जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि इसे दुर्ग से केंद्रीकृत करें। इसकी गुणवत्ता के संबंध में लगातार मानिटरिंग करते रहे। उन्होंने बच्चों को दिये जाने वाले टैक्स्ट बुक आदि की जानकारी भी ली। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि आनलाइन पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को टैक्स्टबुक का वितरण किया गया है।

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