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खादी तथा ग्रामोद्योग के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए मोबाइल वैन का शुभारंभ…

छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से उत्पादित सामग्रियों की मार्केटिंग के लिए आज यहाँ मोबाइल वैन का विधिवत शुभारंभ किया। इस मोबाइल वैन के माध्यम से खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों का प्रचार-प्रसार और विक्रय को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री राजेश राणा उपस्थित थे।

बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश के ग्रामीण अंचल में लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से वृहद पैमाने पर कुटीर उद्योग की स्थापना का लक्ष्य है। इसके लिए ग्रामीण अंचल के युवक-युवतियों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित एवं उनके द्वारा उत्पादित सामग्रियों को मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इसी कड़ी में खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों को जन-जन तक पहुंचाने तथा लोगों के बीच इसको लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से मोबाइल वैन शुरू की गई है, जो शहर-शहर, गांव-गांव जाकर बोर्ड के उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार और विक्रय करेगी।

राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामोद्योग बोर्ड के 9 उत्पादन केंद्र हैं। विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत स्व-वित्तपोषित, वित्त पोषित एवं महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पादित ग्रामोद्योग सामग्रियों का प्रचार-प्रसार एवं विक्रय खादी ग्रामोद्योग भंडार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना के प्रकोप के चलते लोग खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों को क्रय करने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग भंडार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि मोबाइल वैन के माध्यम से ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों को लोगों तक घर बैठे पहुंचाया जाए। खादी ऑन मोबाइल वैन इसी कड़ी में एक प्रयास है। श्री राजेन्द्र तिवारी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 26.61 करोड रुपए की अनुदान सहायता प्रदाय कर 833 इकाइयों की स्थापना कर, इसके जरिए 7096 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। इसी तरह मुख्यमंत्री स्व-रोजगार कार्यक्रम के तहत 6 करोड़ 94 लाख 83 हजार रुपये की अनुदान सहायता मुहैया कर राज्य में 661 इकाइयों की स्थापना के माध्यम से 3966 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि विभागीय मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में बोर्ड के इन प्रयासों से खादी वस्त्रों एवं ग्रामोद्योग के उत्पाद के प्रति लोगों की रूचि बढ़ेगी। ग्रामीण अंचल के युवक और युवतियों को रोजगार मुहैया होगा। वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की भावना के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे न केवल ग्रामीण अंचल के लोगों की रोजी-रोटी की समस्या का समाधान होगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी। उन्होंने बताया कि खादी उत्पाद के विक्रय हेतु 5 करोड़ तथा ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री हेतु 5 करोड़ का लक्ष्य है।

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