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केन्द्रीय वन मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वनों तथा वनवासियों की सुरक्षा के कार्याें की सराहना की…

रायपुर  – छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण एवं संवर्धन सहित वनवासियों की सुरक्षा को महत्व देते हुए प्राथमिकता से कार्य कराए जा रहे हैं। इसकी सराहना आज केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के वन मंत्रियों की समीक्षा बैठक में की। केन्द्रीय वन मंत्री श्री जावडे़कर ने सभी राज्यों को कैम्पा मद के अंतर्गत आबंटित राशि में से 80 प्रतिशत वृक्षारोपण और 20 प्रतिशत अधोसंरचना निर्माण संबंधी कार्याें में खर्च करने को कहा है।
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास से  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रदेश में वन विभाग के कार्याें की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वनों के सरंक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय वन नीति के तहत चालू वर्ष 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 5 करोड़ पौधों के रोपण का कार्य पूर्णता की ओर है। इसके तहत अब तक 21 हजार 963 हेक्टेयर में 4 करोड़ 79 लाख पौधों का रोपण हो चुका है। इसमें विभागीय रोपण के अंतर्गत 2 करोड़ 81 लाख पौधे तथा स्थानीय लोगों को वितरित 1 करोड़ 98 लाख पौधे शामिल है। साथ ही प्रदेश की 18 नदियों के तटों पर 10 लाख 34 हजार पौधों और राम वन गमन पथ पर 1 लाख 70 हजार पौधों का रोपण किया गया है।
वन मंत्री अकबर ने राज्य में वनवासियों के हित और उनकी सुरक्षा के लिए संचालित कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 5 अगस्त 2020 से  शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है। इस योजना में राज्य के 12.50 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को शामिल किया गया है। इसी तरह राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2018 में संग्रहित तेंदूपत्ता के लिए 238 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का प्रोत्साहन पारिश्रमिक के वितरण का भी निर्णय लिया गया है। इसके तहत राशि का वितरण शीघ्र शुरू किया जाएगा। वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक देश में सर्वाधिक 74 प्रतिशत तक लघु वनोपजों की खरीदी वनवासियों से की गई। जिसमें संग्राहकों को 124 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इस तरह राज्य में कोरोना संकट के विषम परिस्थिति में भी आदिवासी-वनवासी संग्राहकों को रोजगार और आय के लिए बहुत बड़ी सुविधा उपलब्ध हुई।
वन मंत्री श्री अकबर ने केन्द्रीय वन मंत्री श्री जावड़ेकर से चर्चा के दौरान राज्य के वन क्षेत्रों में बड़े-बड़े तालाबों के निर्माण तथा जल संवर्धन आदि कार्याें के लिए कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के अतिरिक्त वार्षिक कार्ययोजना में 424 करोड़ रूपए की राशि की शीघ्र मंजूरी के लिए भी आग्रह किया। राज्य के वन क्षेत्रों में जल संवर्धन संबंधी कार्य को बढ़ावा देने के लिए इस प्रस्ताव पर खुशी जाहिर करते हुए श्री जावड़ेकर ने वन मंत्री श्री अकबर को इसकी शीघ्र स्वीकृति के लिए आश्वस्त किया। श्री अकबर ने यह भी अवगत कराया कि प्रदेश में कैम्पा मद के वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 के तहत वर्तमान में 137 नालों के  4.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जल संवर्धन संबंधी कार्य प्रगति पर है। उन्होंने वन विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में वर्तमान में नदी पुनरोद्धार कार्य योजना के तहत 13 नदियों के प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। साथ ही राज्य में स्थानीय स्तर पर 11 हजार 301 इकाईयों में जैव-विविधता प्रबंधन समिति का भी गठन हो चुका है। इसके अलावा गौठान अथवा आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत 690 इकाई गठित कर 1400 हेक्टेयर में विकास कार्य किया जा रहा है।
वन मंत्री श्री अकबर ने आगे एजेंडा के निर्धारित बिन्दुओं पर चर्चा के दौरान बताया कि राज्य में नगर वन योजना के लिए पांच जगहों को चयनित कर लिया गया है। इनमें भिलाई के लगभग 35 हेक्टेयर, दल्लीराजहरा के 20 हेक्टेयर, अंबिकापुर, बिलासपुर तथा रायगढ़ के 50-50 हेक्टेयर क्षेत्र को नगर विकास योजना के तहत विकसित किया जाएगा। इसी तरह स्कूल नर्सरी योजना के तहत राज्य के 16 जिलों में 50 स्कूलों का चयन किया गया है। इसमें आबंटित 17 लाख 50 हजार रूपए की राशि में से 8 लाख रूपए से अधिक व्यय हो चुके हैं। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के. मुरूगन तथा कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्री निवास राव उपस्थित थे।

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