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संदिग्ध परिस्थिति में महिला की मौत, आरोपियों पुलिस ने किया गिरफ्तार….

 

मचांदूर चौकी के ग्राम खोपली में पति और सास ने मिलकर महिला को जिंदा फांसी में लटकाया, आरोपी पति अपनी पत्नी के मोबाइल में बात करने को लेकर करता था पत्नी से मारपीट..

दुर्ग – पुलिस ने बताया की थाना उतई के चौकी मचांदुर के ग्राम खोपली में प्रातः सूचना मिली की ग्राम खोपली में रहने वाली लोकेश्वरी साहू नामक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है और उसके परिजन बिना पुलिस को बताए अंतिम संस्कार करने की तैयारी में हैं। इस पर तत्काल चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक श्याम सिंह नेताम व थाना प्रभारी उतई उप निरीक्षक सतीश पुरिया पुलिस टीम के साथ ग्राम खोपली पहुंचे तथा मृतिका के शव का अवलोकन करने पर मृतिका के गले पर निशान दिखने पर उनके द्वारा तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।

पुलिस अधीक्षक दुर्ग प्रशांत ठाकुर के द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण दुर्ग लखन पटेल पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पाटन आकाश राव गिरिपुंजे एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ पंकज ताम्रकार की टीम को घटनास्थल पहुंचने निर्देशित किया। जिनके द्वारा मृतका की मृत्यु के कारणों को संदेहजनक पाए जाने पर तत्काल मृतिका के मायके पक्ष के परिजनों एवं पति खुमान साहू एवं सास रोहिणी साहू से गहन पूछताछ की गई. घटना की सूचनाप्रदाता मृतिका के भाई योगेश साहू एवं उसकी बहनों ने पूछताछ पर बताया कि एक दिन पूर्व 26 जुलाई को मृतिका और उसके पति के बीच बेहद झगड़ा हुआ था और उसके पति और सास के द्वारा मृतिका को बेहद मारा पीटा गया था यह बात मृतका ने स्वयं फोन पर रोते हुए अपनी बहन को बताई थी और कहा था कि मुझे यहां से ले जाओ वरना यह लोग मुझे मार डालेंगे इसके बाद शाम पुनः मृतिका की अपनी बहन से बात हुई थी जिस पर उसकी बहन ने बताया था कि कल उसको लेने हम लोग आएंगे। मृतिका के पति और सास से गहन पूछताछ करने पर उनके द्वारा मृतिका के साथ मारपीट की बात कबूली गई उन्होंने बताया कि मृतिका के किसी अन्य व्यक्ति से हमेशा फोन पर बात करने से क्षुब्ध होकर अक्सर मृतिका और उसके पति के बीच लड़ाई हुआ करती थी और कल यही बात बढ़ गई थी जिस पर 26 तारीख को पहले सुबह लगभग 11 बजे और फिर शाम को पुनः मृतिका और उसके पति के बीच में झगड़ा हुआ जिसमे शाम लगभग 8 बजे आरोपी खुमान साहू और उसकी मां रोहिणी साहू ने मृतिका को हाथ मुक्के चप्पल से मारा और जिस पर वह थोड़ी बेसुध सी हो गई तो घर के ही कमरे में लगे पंखे पर फांसी का फंदा बनाकर आरोपी खुमान साहू और उसकी मां ने लोकेश्वरी साहू को उठाकर जीवित उस फंदे में लटका कर फांसी पर झूला दिया। जिससे मृतिका की मृत्यु हो गई।

फांसी में प्रयुक्त किए गए फंदे को काटने में प्रयोग किये गए हंसिए और फांसी लगाने में प्रयोग किए गए फंदे दोनों को ही आरोपी के द्वारा छुपाने और नष्ट करने का प्रयास किया गया था जिसकी सघन पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि अपनी पत्नी की हत्या करने के उपरांत वह डर गया था और इसके लिए उसने गांव के ही अपने परिचित पुरेंद्र वर्मा को फोन कर झूठ बताया कि मेरी पत्नी आत्महत्या कर ली है आज ही उससे मेरा झगड़ा हुआ था और वह अपने परिवार वालो को हमारे झगड़े के बारे में बताई है मैं बिना वजह अपनी पत्नी की हत्या में फस जाऊंगा जबकि मेरी पत्नी आत्महत्या की है। इस पर पुरेंद्र वर्मा और नवीन चंद्राकर खुमान साहू के घर पहुंचे और खुमान वहां से उनकी गाड़ी में बैठकर फंदे को काटने में प्रयुक्त हँसिये को नाली में और फंदे के लिए प्रयुक्त टॉवल को गांव से कुछ दूर ले जाकर जला दिया।

प्रातः जब मृतिका का भाई योगेश साहू अपनी बहन को लेने घर पर पहुंचा तो मृतका की सास और उसके पति खुमान साहू ने मृतिका की मौत के बारे में बीमारी से मृत्यु होना बताया लेकिन मृतिका के भाई को अपनी बहन की मौत संदिग्ध प्रतीत होने पर उसके द्वारा तत्काल थाने में सूचित किया गया.

पुलिस ने मृतिका के भाई की सूचना पर तत्काल मर्ग कायम कर मौके पर ही मृत्यु के कारणों की जांच शुरू कर दी तथा मृतिका के परिजनों के लिए गए कथन और मृतिका के पति और उसकी सास के स्वीकारोक्ति के उपरांत उनसे हत्या में प्रयुक्त फंदे के जले अवशेष और फंदा काटने में प्रयुक्त हसिया बरामद होने पर तत्काल प्रकरण हत्या का पाते हुए भारतीय दंड विधान 302, 201 की धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया।

मृतिका के पति खुमान साहू और उसकी सास रोहिणी साहू को मृतिका की हत्या का आरोपी पाते हुए तत्काल विधिवत गिरफ्तार किया गया जिन्हें की न्यायिक रिमांड में भेजा गया। प्रकरण में घटना का साक्ष्य छुपाने में सहयोग करने के कारण दो अन्य आरोपी पुरेंद्र वर्मा एवं नवीन चंद्राकर को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया तथा घटना में उनकी संलिप्तता और मदद के कारणों के संबंध में पूछताछ की जा रही है तथा प्रयुक्त वाहन को जप्त किया जा रहा है। जिन्हें की गिरफ्तार किया जा कर अग्रिम कार्यवाही की जाती है।

उक्त प्रकरण के तत्काल निराकरण में थाना प्रभारी उतई उपनिरीक्षक सतीश पूरिया चौकी प्रभारी मचांदूर उपनिरीक्षक श्याम सिंह नेताम उपनिरीक्षक भूपेंद्र ओगरे समेत चौकी मचंदूर और थाना उतई के स्टाफ की सक्रिय भूमिका रही।

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