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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में महिला सशक्तिकरण का उत्सव…

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में महिला सशक्तिकरण का उत्सव…

भिलाई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, जब पूरी दुनिया जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना रही है, वहीं सेल-भिलाई स्टील प्लांट पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान रहे इस स्टील उद्योग में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। भिलाई न केवल अपने इस्पात उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां एक ऐसा वातावरण/संस्कृति विकसित किया गया है, जहां महिलाएं अपने पुरुष सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य करती हैं और संगठन के विकास, वृद्धि एवं सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ के रूप में मान्यता प्राप्त सेल-बीएसपी, विश्वास, सहयोग और कर्मचारी सशक्तिकरण पर आधारित कार्यस्थल बनाने की इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है और एक मजबूत संस्कृति का निर्माण करती है। सेल संगठन में महिलाओं को सिर्फ उनके कौशल और समर्पण के आधार पर उन्नति के अवसर और प्रतिभा को पोषित करने का मौका मिलता है, न कि किसी अलग मापदंड के आधार पर। ब्लास्ट फर्नेस जैसे खतरनाक विभागों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने से लेकर वित्त, इंजीनियरिंग, संचालन, योजना और अन्य विभागों में नेतृत्व की जिम्मेदारियां संभालने तक, सेल-बीएसपी की 237 अधिकारियों और 605 कार्मिकों सहित कई ठेका श्रमिक महिलाओं ने असाधारण क्षमता और नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।
भले ही स्टील उद्योग शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण और तकनीकी दृष्टि से जटिल हो, भिलाई स्टील प्लांट ने न केवल महिलाओं को रूढ़िवादिता तोड़ने के लिए प्रेरित किया, बल्कि उन्हें अपने करियर में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक समर्थन भी प्रदान किया है, जिससे वे अपने कार्य और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बना सकें। सेल-बीएसपी में कई प्रेरणादायक महिलायें हैं, जिन्होंने यह साबित किया है कि ताकत, लचीलापन, दृढ़ता और समर्पण, लैंगिक सीमाओं को पार कर सकते हैं। इस महिला दिवस पर हम उन्हीं में से कुछ चुनिन्दा कहानियां साझा कर रहे हैं।
शक्ति और दृढ़ संकल्प की कुछ चुनिन्दा कहानियाँ
मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन-एलडी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी, जिन्होंने 1984 में सेल में अपने करियर की शुरुआत की थी, और अपने 29 वर्षीय सफर का श्रेय सेल की लिंग-निरपेक्ष और सहायक संस्कृति को देती हैं। उनका मानना है कि प्रोफेशनल महत्वाकांक्षाओं और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखना महिलाओं को सपनों से समझौता किए बिना उसे साकार करने में मदद करता है। कार्य-जीवन संतुलन के लिए उनका अनुशासित दृष्टिकोण – कार्यालय में अपने काम के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित करना और घर पर परिवार पर ध्यान केंद्रित करना उनकी सफलता की आधारशिला रहा है। उनकी कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे एक संयुक्त परिवार का समर्थन और एक संतुलित दृष्टिकोण महिलाओं को व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं से समझौता किए बिना अपने प्रोफेशनल या करियर सम्बंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
महाप्रबंधक (इंस्ट्रूमेंटेशन-बीएफ) सुश्री सिम्मी गोस्वामी, जो 1993 में बीएसपी में जुड़ीं, अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताती हैं, वे उस समय ब्लास्ट फर्नेस में अकेली महिला थीं। वह उस समावेशी और सहायक वातावरण को याद करती हैं जिसने उन्हें कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद की, और पारंपरिक बाधाओं को तोड़कर सफलता की उचाईयों को छुआ। उनका संदेश महिलाओं को प्रेरित करता है कि वे “फर्स्ट एमंग द इक्वल” बनने की कोशिश करें, और इनकी यह सोचा दर्शाती हैं कि प्रयास और दृढ़ता से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
महाप्रबंधक (परियोजनाएं) श्रीमती बोन्या मुखर्जी, जो 1992 से सेल-भिलाई स्टील प्लांट का हिस्सा रहीं हैं, कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए विशेष टैग की आवश्यकता नहीं मानतीं। उनका मानना है कि महिलाओं को उनकी कड़ी मेहनत और गुणों के आधार पर ही महत्व मिलना चाहिए। सेल-बीएसपी के विभिन्न विभागों में उनकी यात्रा चुनौतियों से भरी थी, लेकिन उन्हें हर कदम पर विविध अवसरों के लिए अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों से पूरा समर्थन मिला। उनका मानना है कि महिलाओं को मानसिक अवरोधों को दूर करना चाहिए, चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना चाहिए। विभिन्न प्रतियोगिताओं, शोध पत्रों और संगठनात्मक पहलों में उनकी भागीदारी, बाधाओं को तोड़ने और नए मानक बनाने के उनके सक्रिय दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।
महाप्रबंधक (एमडब्ल्यूआरएम) श्रीमती अनुपमा कुमारी, जो 1993 से सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत हैं, दृढ़ता और समर्पण की मिसाल हैं। अपना पूरा प्रोफेशनल लाइफ कार्यशाला में बिताते हुए, उन्होंने चुनौतियों का डटकर सामना किया और चुनौतियों को अपनी कार्य उत्कृष्टता से अवसरों में बदल दिया और सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंची। अपने प्रबंधन प्रणाली, वरिष्ठों और टीम से अपार समर्थन के साथ, उन्होंने महत्वपूर्ण कौशल में महारत हासिल की और अपने कर्तव्यों को शालीनता से निभाया। महिलाओं के लिए उनका संदेश वास्तव में प्रेरणादायक है: वे कहती हैं कि “बाधाओं को चुनौती के रूप में लें, दृढ़ता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें और मुस्कुराते हुए दुनिया को मात देते हुए अपनी एक नई पहचान बनाएँ।” उनकी यह यात्रा एक सशक्त उदाहरण है कि सही दृष्टिकोण और समर्थन के साथ, महिलाएं सबसे कठिन वातावरण में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
महाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस) श्रीमती नीना राठौर, सेल-बीएसपी में नेतृत्व और शक्ति का एक और प्रेरणादायक उदाहरण हैं। महिला दिवस पर उनका संदेश संगठन में महिलाओं की सहनशक्ति, कठिन परिश्रम और अग्रणी भावना को रेखांकित करता है। वह महिलाओं के योगदान को केवल कर्मचारियों के रूप में नहीं, बल्कि लीडर, मार्गदर्शक और रोल मॉडल के रूप में भी महत्वपूर्ण मानती हैं और उनके उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डालती हैं। आत्मविश्वास, आपसी समर्थन और उत्कृष्टता की ओर प्रयास करने पर उनका जोर महिलाओं के सशक्तिकरण की भावना को प्रदर्शित करता है और दूसरों के लिए एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
महिला दिवस पर आयोजित ‘शक्ति-2024’ जैसे कार्यक्रमों में विभिन्न प्रतियोगिताएं और गतिविधियां शामिल हैं, जो नारीत्व का जश्न मनाती हैं और महिलाओं की भागीदारी, सहयोग और सक्रीय योगदान को मान्यता देने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। संयंत्र की ये संस्कृति यह सुनिश्चित करती है कि महिलाएं सुरक्षित, मूल्यवान और प्रेरित महसूस करें और अपनी पूरी क्षमता तक तक पहुंच सकें। संगठन के समग्र दृष्टिकोण में ऐसी पहल शामिल हैं, जो निरंतर सीखने, कौशल विकास और विकास के नए रास्ते तलाशने के अवसरों को बढ़ावा देती हैं।
आन्या जैसे कार्यक्रम से भिलाई इस्पात संयंत्र अपनी कई महिला सशक्तिकरण पहलों के माध्यम से, एक ऐसा माहौल तैयार करता है जहाँ महिलाएँ सिर्फ़ भागीदार नहीं बल्कि लीडर के रूप में नेतृत्व गुण भी सीखतीं हैं। इस बात से स्पष्ट है कि महिला कर्मचारियों को शोध में शामिल होने, नवाचार में योगदान देने और संगठनात्मक प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए कैसे प्रोत्साहित किया जाता है।
आशा और प्रेरणा का संदेश: इस महिला दिवस पर, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र न केवल अपनी महिला वर्कफोर्स की उपलब्धियों का जश्न मनाता है, बल्कि एक समावेशी कार्यस्थल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करता है। सेल-बीएसपी की श्रीमती निशा सोनी, श्रीमती बोन्या मुखर्जी, श्रीमती अनुपमा कुमारी सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से श्रीमती विनीता द्विवेदी, मानव संसाधन से सुश्री शीजा मैथ्यू और सुश्री आर रंजनी, परियोजना विभाग से रूपम कक्कड़, शिक्षा विभाग से श्रीमती शिखा दुबे, स्टील मेल्टिंग शॉप से श्रीमती पुष्पा एम्ब्रोस, अग्निशमन विभाग से सुश्री सारिका गहने और कई अन्य महिलाओं की कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि सही समर्थन और अवसरों के साथ, महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। ये महिलाएँ रोल मॉडल हैं जो दूसरों को अपने सपनों को आगे बढ़ाने, चुनौतियों से पार पाने और समाज और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं।
सेल-बीएसपी का यह दृष्टिकोण सभी उद्योगों के लिए एक आदर्श है, जो यह दिखाती है कि एक सहायक और समावेशी कार्यस्थल महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता का एहसास करने में कैसे मदद कर सकता है और उन्हें सशक्त बना सकता है। हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस अवसर पर सभी के जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए समानता, समर्थन और सम्मान को बढ़ावा देने का संकल्प लें और उन्हें प्रोत्साहित कर।

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