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भारतीय सांस्कृतिक निधि दुर्ग भिलाई अध्याय एवम शाश्वत संगीत अकादमी का विश्व संगीत दिवस पर अभिनव कार्यशाला एवं परिचर्चा का आयोजन….

भारतीय सांस्कृतिक निधि दुर्ग भिलाई अध्याय एवम
शाश्वत संगीत अकादमी का विश्व संगीत दिवस पर अभिनव कार्यशाला एवं परिचर्चा का आयोजन….

भिलाई। विश्व संगीत दिवस पर हुआ अभिनव कार्यशाला एवं परिचर्चा।
विश्व संगीत दिवस पर नेल्सन कला गृह में संपन्न हुआ “गुरु शिष्य परंपरा हमारी धरोहर” विषय पर परिचर्चा एवं कार्यशाला। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद एवं संगीत शिक्षिका श्रीमती शारदा रामटेके थी। कार्यक्रम अध्यक्षता डॉ.रजनी नेल्सन संगीत विषारद ने की।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में इंटैक दुर्ग भिलाई चैप्टर की संयोजक डॉ. हंसा शुक्ला उपस्थित थी। गुरु शिष्य परंपरा पर अपनी बात रखते हुए शारदा रामटेके जी ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में गुरु शिष्य परंपरा विलुप्त होती जा रही है जबकि यह भारत की सबसे प्राचीन परंपरा हैI बिन गुरु ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता। उन्होंने संगीत के इतिहास पर भी प्रकाश डाला एवं आयोजन को सराहा।डॉ हंसा शुक्ला ने राष्ट्रीय सांस्कृतिक निधि के कार्यों के विषय में जानकारी दी एवं भारतीय परंपराओं,परिधानों, संस्कृतियों आदि धरोहरों को सहेजने के लिए सभी का आह्वान किया।
दुर्ग भिलाई अध्याय की सदस्य डॉ.सोनाली चक्रवर्ती ने कार्यशाला की प्रतिभागियों को राग यमन के स्वरों की जानकारी दी एवं सरगम गीत,छोटा ख्याल आदि के अभ्यास के साथ राग यमन पर आधारित ठुमरी एवं अन्य गीतों का प्रशिक्षण दिया।
इज़ा मारिया नेल्सन ने राग यमन पर आधारित बड़ा ख्याल, डॉ रजनी नेल्सन ने राग भूपाली पर छोटा ख्याल एवं गीत की प्रस्तुति दी उनके साथ ही देवयानी मजूमदार, डॉ. नीता तिवारी, रीता वैष्णव,अनीता चक्रवर्ती, नीरा लखेरा,रंजना सूरज, ने भी विभिन्न रागो पर आधारित सुमधुर प्रस्तुतियां दी।
कार्यशाला में 50 से अधिक महिलाओं ने भाग लेकर इसे सफल किया जिनमें संगीता जायसवाल, वंदना नाडंबर, शीला प्रकाश,पुनीता कौशल, अर्चना सेनगुप्ता, सरोज टहनगुरिया, सीमा कनोजे, हैलेन धर, रत्ना दुफारे, रुमा दे, बनानी मैती आदि उपस्थित थी।

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