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बोडोलैंड टेरिटोरियल कमेटी के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ के ‘रीपा’ को सराहा, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा से मुलाकात कर अनुभव साझा किए…

बोडोलैंड टेरिटोरियल कमेटी के सदस्यों ने छत्तीसगढ़ के ‘रीपा’ को सराहा, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा से मुलाकात कर अनुभव साझा किए

छत्तीसगढ़ रीपा मॉडल अपनाने में असम की हर तरह की करेगा मदद – प्रदीप शर्मा

रायपुर । छत्तीसगढ़ के एक दिवसीय अध्ययन भ्रमण पर आए बोडोलैंड टेरिटोरियल कमेटी (Bodoland Territorial Committee – BTC) के सदस्यों ने यहां के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (RIPA) को काफी सराहा है। कमेटी के सदस्यों ने आज रायपुर जिले के सेरीखेड़ी मल्टी यूटिलिटी सेंटर तथा लखोली और कोसरंगी रीपा का भ्रमण कर आजीविकामूलक गतिविधियों को देखा और इनके बारे में विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा से नवा रायपुर स्थित राज्य योजना आयोग के कार्यालय में मुलाकात के दौरान उन्होंने अपने भ्रमण के अनुभव साझा किए। बीटीसी के सदस्यों ने इस दौरान कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए रीपा बहुत अच्छा कदम है। हमने छत्तीसगढ़ के इन कार्यों के बारे में सुना था, आज इन्हें देख भी लिया है।

बोडोलैंड टेरिटोरियल कमेटी के सदस्यों ने कहा कि रीपा में उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक सुव्यवस्थित ढंग से काम किया जा रहा है। वहां ऐसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं जो रोजमर्रा के जीवन में काम आते हैं। ग्रामीणों के कौशल विकास और उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह बहुत अच्छी योजना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मॉडल को एडॉप्ट करना हमारे लिए भी काफी उपयोगी हो सकता है। बोडोलैंड में भी गांवों में हैंडलूम एवं अन्य समानों का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। बीटीसी के सदस्यों ने श्री प्रदीप शर्मा और राज्य योजना आयोग के सदस्यों से चर्चा कर रीपा के बारे में अपनी जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान किया।

मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने बीटीसी के सदस्यों को राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा गरवा घुरवा बारी कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने गौठान और रीपा में संचालित रोजगारमूलक गतिविधियों के कारण मजबूत हो रहे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में भी बताया। उन्होंने जानकारी दी कि एक वर्ष के भीतर राज्य में 300 रीपा स्थापित किए गए हैं। यहां के हर विकासखंड में दो-दो रीपा संचालित हैं। इनमें फ्री वाई-फाई की भी सुविधा है। श्री शर्मा ने बताया कि राज्य के 300 रीपा में 1213 वर्किंग शेड बनाएं गए हैं। इनमें 1383 इंटरप्राइजेस संचालित हैं जिनसे 11 हजार हितग्राही जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से नालों के उपचार के कारण अब उनमें साल भर पानी रहने लगा है। इससे जलस्रोतों का स्तर ऊपर आया है जिससे खेती आसान होने लगी है।

श्री शर्मा ने कहा कि यदि असम अपने गांवों में रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए यहां के रीपा मॉडल को अपनाता है तो हम उन्हें हर तरह का मार्गदर्शन और जरूरी मदद उपलब्ध कराएंगे। बीटीसी और राज्य योजना आयोग के बीच चर्चा के दौरान राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह, सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, बीटीसी के उप प्रमुख श्री जी.सी. बासुमटरी, सचिव श्री जतिन बोरा, डेवलपमेंट एडवाइजर डॉ. सुनील कौल, बीटीसी प्रमुख श्री प्रमोद बोरो के ओएसडी श्री जी.डी, बरूआ, श्री चरणजीत बासुमटरी, श्री अर्पण भट्टाचार्जी, ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) के निदेशक श्री श्रीश कल्याणी, राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गोरदिया और रायपुर जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरिकृष्ण जोशी भी उपस्थित थे।

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