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जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 सालों में स्वीकृत आवासों में सत्रह हजार से अधिक घरों का काम पूरा…

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 सालों में स्वीकृत आवासों में सत्रह हजार से अधिक घरों का काम पूरा

– पीएम आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत शेष आवासों पर तेजी से हो रहा कार्य

दुर्ग। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले चार सालों में स्वीकृत किये गये 23 हजार से अधिक आवासों में अब तक 17 हजार से अधिक आवास पूर्ण हो चुके हैं। शेष आवासों में अधिकांश प्रगतिरत हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इनकी प्रगति की लगातार मानिटरिंग जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने बताया कि पीएम आवास का क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हितग्राहियों को समय पर किश्त मिल जाए और उनका घर जल्द से जल्द पूरा हो पाए, इसकी प्रशासन ने लगातार मानिटरिंग की है। इसमें सफलता मिली है और अधिकांश मकान पूरे हो चुके हैं। पिछले वर्ष के अक्टूबर महीने से अब तक 11 करोड़ रुपये की किश्त राशि हितग्राहियों के खाते में भेजी जा चुकी है।

कैसे एक गांव में पूरी बस्ती बन रही इन आवासों की- दुर्ग से लगे मोहलाई को देखें। यहां पर ग्रामीणों ने पट्टे की भूमि पर अपने मकान बनाये हैं। अधिकांश मामलों में पुराने कच्चे मकान जर्जर हो चले थे। परिवार बढ़ता जा रहा था लेकिन घर में सीमित सदस्य थे। पीएम आवास बना तो लोगों को राहत मिली। हर घर की अपनी खुशियां हैं। यहां 218 मकान स्वीकृत हुए हैं जिनमें 163 मकानों का काम पूरा हो चुका है।

तीन कमरों में 12 सदस्य रहते थे साल का किराया था 8 हजार रुपए, अब अपना घर बना रहे- कीर्तन यादव के मकान की किश्त पहले ही आ चुकी थी लेकिन स्वास्थ्यगत दिक्कतों की वजह से वे अपना मकान आरंभ नहीं करा सके। वे किराये के घर में रहते हैं तीन कमरों का मकान था और बारह सदस्य थे। आठ हजार रुपए किराया देना पड़ता था। अब अपना मकान बना रहे हैं। दो किश्त अब तक मिल चुकी है। अपनी राशि भी लगा रहे हैं। जैसाकि होता है और अच्छी बात है कि गांव में अधिकांश लोग अपना मकान स्वयं बनाते हैं। कीर्तन भी अपना मकान बना रहे हैं। पड़ोस के गांव से उनकी बिटिया तोमेश्वरी और दामाद रवि भी उनके सहयोग के लिए आये हैं। कीर्तन का बेटा भी उनके साथ जुटा हुआ है। पूरा परिवार घर के सपने को पूरा करने में मुस्तैदी से लगा है। कीर्तन बताते हैं कि थोड़ा सा बड़ा घर बनाऊंगा ताकि सभी को रहने की पर्याप्त जगह मिल सके। अपना घर अपना ही होता है और इसके लिए पसीना बहा रहे हैं तो बहुत सुख भी मिल रहा है। अधिकारियों ने किश्त दिलाने और योजना का लाभ दिलाने पूरी मदद की है जिससे मकान का सपना पूरा करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। पीएम आवास योजना के जिला समन्वयक श्री वेद देवांगन ने बताया कि हितग्राहियों को योजना से जुड़ी हुई किश्त समय पर मिलती रहे, इसकी हम लगातार मानिटरिंग करते हैं।

सुन नहीं सकती घसिया, अब खुद का मकान – पीएम आवास बुजुर्ग लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त कर रहा है। घसिया निषाद ने भी अपना मकान बनवाया है। वे अपने बेटे बहू के साथ रहेंगी। घसिया सुन नहीं पातीं। अक्सर कई बार बुजुर्गों को आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होने पर दिक्कत का सामना करना पड़ता है और दिक्कत नहीं भी होती तो भी उन्हें महसूस होता है कि घर के लिए उनका योगदान नहीं है। यह आवास घसिया का है इसलिए उसे आत्मगौरव भी है। रोजगार सहायक जानकी ने बताया कि उनके परिवार को इस योजना की जानकारी दी गई। अब मकान भी तैयार हो गया है तो ये परिवार बहुत खुश है।

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