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विशेष लेख : ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘…खेल अकादमियों का गठन, बेहतर अधोसंरचना के निर्माण से खिलाड़ियों को मिल रही है बेहतर खेल सुविधाएं…

विशेष लेख : ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘

खेल अकादमियों का गठन, बेहतर अधोसंरचना के निर्माण से खिलाड़ियों को मिल रही है बेहतर खेल सुविधाएं

खेलों के सफलतापूर्वक आयोजनों से छत्तीसगढ़ को मिली अंतर्राष्ट्रीय ख्याति

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन से पारंपरिक खेलों को मिला मंच

रायपुर। छत्तीसगढ़ खेल की दुनिया में छाने के लिए अब पूरी तरह से तैयार है। यहां पर हो रहे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों के साथ ही पारंपरिक खेलों के आयोजनों से राज्य की एक नई पहचान बनी है। cm भूपेश बघेल की पहल और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल के निर्देशन में नई खेल अकादमियों का निर्माण, नए खेल मैदान का निर्माण एवं उन्नयन, खिलाड़ियों को मिल रही बेहतर सुविधाओं ने खेलों के लिए एक बेहतर महौल तैयार किया है। पिछले दिनों शतरंज और बैडमिंटन के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामंेट का आयोजन राजधानी रायपुर में किया गया। जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय  स्तर के खिलाड़ियों ने भाग लिया। खिलाड़ियों को यहां पर अपनी रैंकिंग मजबूत करने का मौका भी मिला। खिलाड़ियों ने यहां की व्यवस्थाओं की तारीफ की और दुबारा आयोजन होने पर फिर से शामिल होने की बात कही। इसके साथ ही राज्य में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इसमें सभी आयु वर्ग के लोग बढ़-चढ़ के शामिल हो रहे हैं। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, क्या महिलाएं सभी का अपनी लोक संस्कृति में रचे-बसे पारंपरिक खेलों में भाग लेने को लेकर उत्साह देखते ही बनता है।
बेहतर अधोसंरचना का निर्माण, बढ़ती सुविधाएं

      राज्य में खेल अकादमियों के संचालन, खेल अधोसंरचनाओं का विकास एवं समुचित उपयोग तथा खेलों के समग्र विकास हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। खिलाड़ियों को बेहतर वैज्ञानिक तरीकों से आधुनिक खेल प्रशिक्षण देकर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से खेल अकादमियों का निर्माण किया जा रहा है। इन अकादमियों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अधोसंरचना, मानक खेल सामग्री के साथ बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। स्व. बी.आर. यादव राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाजी एवं एथलेटिक की आवासीय अकादमी की स्थापना की गई है, जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा खेलो इण्डिया स्टेट सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की मान्यता दी गई है। इस अकादमी में हॉकी की आवासीय अकादमी संचालित है जिसमें 36 बालक एवं 24 बालिकाएं कुल 60 खिलाड़ी प्रशिक्षणरत् है। तीरंदाजी तथा एथलेटिक खेल की अकादमी एवं आवासीय बालिका कबड्डी अकादमी में प्रवेश हेतु खिलाड़ियों के चयन ट्रायल लिए जा चुके हैं। रायपुर में एनएमडीसी लिमिटेड के सहयोग से आवासीय तीरंदाजी अकादमी की स्थापना की गई है। इसी तरह प्रदेश में चार गैर अवासीय अकादमी संचालित हैै। जिसमें शिवतराई बिलासपुर में गैर अवासीय अकादमी तीरंदाजी प्रशिक्षण उपकेन्द्र, रायपुर के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में गैर आवासीय हॉकी एवं तीरंदाजी अकादमी, रायपुर के स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम कोटा में गैर आवासीय बालिका फुटबॉल अकादमी और रायपुर के ही स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम कोटा में गैर आवासीय बालक एवं बालिका एथलेटिक अकादमी संचालित है। टेनिस खेल के लिए लाभांडी रायपुर मंे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टेनिस स्टेडियम एवं अकादमी का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक जिले में खेल अकादमियां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत सरकार की खेलो इण्डिया योजना अंतर्गत 07 लघु केन्द्र स्वीकृत है। जिसमें जशपुर में हॉकी, बीजापुर में तीरंदाजी, राजनांदगांव में हॉकी, गरियाबंद में व्हॉलीबॉल, नारायणपुर में मलखम्ब, सरगुजा में फुटबॉल एवं बिलासपुर में तीरंदाजी खेल की स्वीकृति मिली है। खेलो इण्डिया लघु केन्द्र के माध्यम से स्थानीय सीनियर खिलाड़ी को प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। भारत सरकार की खेलो इण्डिया योजना अंतर्गत जशपुर में सिंथेटिक टर्फ युक्त हॉकी मैदान, अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल, जगदलपुर बस्तर में सिंथेटिक फुटबॉल ग्राउण्ड विथ रनिंग ट्रैक ,महासमुंद में सिंथेटिक सतह युक्त एथलेटिक ट्रैक निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसमें जशपुर और जगदलपुर बस्तर में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक ने राज्य के पारंपरिक खेलों को दिया मंच

छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देेने के उद्देश्य के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। पारंपरिक खेलों में शामिल होने को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। घरेलू महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस ओलंपिक में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेलों को शामिल किया गया है। इसके तहत दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ तथा लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जा रही हैं। 6 चरणों में आयोजित किए जा रहे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में लेवल-01 राजीव युवा मितान क्लब  एवं  लेवल- 02 जोन स्तर के सफल आयोजन के बाद लेवल-03 विकासखंड एवं नगरीय क्लस्टर स्तर और इसके बाद जिला, संभाग और राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं होंगी।

हो रहें अंतर्राष्ट्रीय आयोजन, मिल रही है ख्याति

राजधानी रायपुर में 19 से 28 सितंबर तक छत्तीसगढ़ चीफ मिनिस्टर ट्राफी इंटरनेशनल ग्रैंड मास्टर चेस टूर्नामेंट का आयोजन हुआ। जिसमे भारत के 21 राज्यों सहित विश्व के 15 देशों के 500 से भी अधिक शतरंज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। टूर्नामेंट में ग्रैंडमास्टरर्स, इंटरनेशनल मास्टर्स, वीमेन ग्रैंडमास्टरस, वीमेन इंटरनेशनल मास्टरर्स, फीडे मास्टर्स एवं ईलो रेटेड खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसी तरह छत्तीसगढ़ में पहली बार बैडमिंटन का अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेला गया। राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री ट्राफी इंडिया  इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के नाम से  आयोजित इस टूर्नामेंट में भारत सहित 12 अन्य देशों के 550 से अधिक खिलाड़ियों ने सिरकत की। गुजरात में आयोजित 36 वें नेशनल गेम में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अपना उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन कर 13 मैडल जीते। जिसमें 02 गोल्ड, 5 सिल्वर और 06 सिल्वर मैडल शामिल है।

रविन्द्र चौधरी, सहायक सूचना अधिकारी

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