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स्वामी स्वरुपानंद महाविद्यालय हस्थशील्प प्रदर्शनी से साकार हुआ लोकल फॉर वोकल“…

”स्वामी स्वरुपानंद महाविद्यालय हस्थषिल्प प्रदर्शनी से साकार हुआ लोकल फॉर वोकल“

भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में रंगबिरंगे मिट्टी के दिये जिसमें आकार लेती कल्पनायें पानी में तैरने वाले दीये, घर को रोशनी से सराबोर करने के लिये तैयार दिये, बधाई संदेश वाले ग्रिटिंग कार्ड, रंगबिरंगे सजावटी फूल, जूट से बने पैन होल्डर, सुंदर बस्तर कला से सजा कलश, ब्लाक प्रिंट से तैयार वस्त्र हस्तनिर्मित आभूषण और न जाने कितने दर्जन भर से ज्यादा सजावटी चीजें व सृजनात्मकता व्यंजनों की भीनी-भीनी खूशबू, मुंह में पानी लाते व्यंजन की खूशबू, जिसे देखकर अंदाज लगाना मुश्किल था यह सारी वस्तुयें विद्यार्थियों ने तैयार किया है। यह नजारा था आईक्यूएसी व उद्यमिता सेल द्वारा स्वरुपानंद महाविद्यालय में आयोजित ‘कलाविथिका’ दीपावली एग्जीबिशन कम सेल के आयोजन का विद्यार्थियों ने हस्तनिर्मित चीजों की प्रदर्शनी विविध व्यंजनों के स्टॉल लगाये और उनका विक्रय भी किया।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुये प्रभारी डॉ. शिवानी शर्मा ने बताया विद्यार्थियों में कलात्मकता एवं सृजनात्मकता की अपार क्षमता होता है परन्तु ये छुपा हुआ होता है महाविद्यालय के छात्रों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ कलात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहित कर उनकी रचनात्मक क्षमता को विकसित कर उसे रोजगारोन्मुकी बनाने का प्रयास करना है।
प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला ने बताया विद्यार्थियों का रुझान उद्यमिता की ओर अधिक दिखाई दे रहा है ये अपनी रुचि, कौशल, बुद्धि का प्रयोग स्वरोजगार के लिये कर सकते है। महाविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत् विद्यार्थियों को किताबी शिक्षा के साथ-साथ उनके कौशल विकास के लिए भी मंच प्रदान करता है जिससें विद्यार्थी भविष्य में सफल उद्यमी बन सकें।
विभागाध्यक्ष प्रबंधन खुशबू पाठक ने बताया इस आयोजन से विद्यार्थी लागत और लाभ का अंदाज लगा सकते है स्वयं का रोजगार के साथ अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकते है।
मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती मंजू वोरा, श्रीमती श्रुतिका ताम्रकर यादव, श्रीमती रितु पाल, डॉ.मोनिषा शर्मा उपस्थित थे। श्रीमती मंजू वोरा ने कहा महाविद्यालय का यह प्रयास अनुकरणीय है जो पढ़ाई के साथ कमाई को साकार कर रहा है। श्रीमती श्रुतिका ताम्रकर यादव ने कहा विद्यार्थियों के रचनात्मक क्षमता को देख कर मैं अभिभूत हूॅं। इस तरह के मंच से विद्यार्थी शिक्षा के साथ अपने कला को स्वरोजगार का माध्यम बना सकते है। श्रीमती रितु पाल ने कहा विद्यार्थियों की रचनात्मक क्षमता को महाविद्यालय के अलावा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्लेटफार्म मिलना चाहिए। शंकराचार्य एजुकेशन कैम्पस हुडको की डायरेक्टर, डॉ.मोनिषा शर्मा ने विद्यार्थियों की हौसला अफजाई करते हुये कहा ‘कलाविथिका’ आयोजन करने का उद्देश्य विद्यार्थियों में स्वरोगार की भावना प्रेरित करना है। इससे विद्यार्थियों का कौशल विकसित होता है लागत, लाभ और हानि के बारे में जानकारी हासिल होती है वे भविष्य में अच्छे व्यवसायी बन सकते है।
विषिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्रीमती चंद्रिका चंद्राकर, डॉ.सोनाली चंक्रवर्ती, श्रीमती प्रीति मिश्रा, श्रीमती नीति बल्लेवार, श्रीमती अनिता पाण्डेय, श्रीमती मोनिका खेतान, श्रीमती प्रीति अजय बेहरा उपस्थित थे। सभी ने कलाविथिका के आयोजन से विद्यार्थियो के सृजनात्मक व रचनात्मक क्षमता को मंच मिलने की बात कही तथा कहा कि लोकल फॉर वोकल इसके माध्यम से साकार होते नजर आ रहा है।
विषेष अतिथि के रूप श्रीमती वाय.पूर्णिमा, सीजी एंथोनी, श्रीमती सीमा पंकज पाल एवं श्रीमती फरीदा बेगम उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों द्वारा लगाये गये हस्थशिल्प प्रदर्शिनी से खरीदी कर विद्यार्थियांे की हौसला अफजाई की तथा विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये व्यंजनों को खा कर कहा कि आप भविष्य में इसे व्यवसाय के रूप में अपना सकते है।
कलात्मकता से सजा दीया, रंगबिरंगे तोरण, आकर्षक बाल हैंंिगग सहज ही दिवाली की याद दिला रहा था साथ ही विद्यार्थियों की कलात्मकता विविधता और मौलिकता की छाप स्पष्ट दिखलाई दे रही थी। विद्यार्थियों ने लजीज व्यंजन बना कर सिद्ध कर दिया पढ़ाई ही नहीं अपितु कुकिंग में भी बेस्ट है। लड़के भी पाक कला दिखाने में पीछे नहीं रहे वे 10 का चार 10 का चार गुपचुप की आवाज की आवाज लगाते दर्शकों का अपने स्टॉल की ओर आकर्षित करते नजर आये। फन फेयर में गुपचुप, पापड़ी, समोसा, चाट, सेंडवीच, ढोकला, खांडवी, लिट्टी मोखा, कम केप, मिच्चर, गुजिया, चिप्स, श्रीखण्ड, मंचुरियन आदि के स्टॉल लगाये विद्यार्थियों के साथ प्राध्यापकों ने कार्यक्रम को बहुत एन्ज्वाय किया व दीपावली की जमकर खरीदारी की। सभी संकायों के विद्यार्थियों ने भाग लिया जिसके नाम इस प्रकार है – बीएससी से दीपिका पटेल, पलक तिवारी, अरचिता देवनाथ, कंचन प्रसाद, दामिनी नेताम, गिरिश कुर्रे, प्रियंका साहू, रीतिका ताम्रकार, रीतिका सिंह, हिमांशु, प्रणय, देविना, वेदेही, दीक्षा, साक्षी, शिल्पा, सोनिया, प्रियंका, अनिशा, रितु, थ्रीहा, अद्दविती सोनी। वहीं एमएससी से शुभम पाण्डेय, उसमा सेन, नोजेन्द्र, लकी शर्मा, राची वैष्णव, रितु साहू, रानु यादव, सृष्टि सोनी, जीनत अंजुम, सपना, शिवानी दुबे, साक्षी योगी, ज्योति ठाकुर, रिंकी, हिरती वर्मा, दर्शना गजभिये, निधि चौरसिया। बीकॉम से हिमांशु सेन, कवलजीत सिंह, पीएम डेजी, आस्था महादिक, सेजल चन्द्राकर, एल अन्न्या। बीबीए से साक्षी जैन, संजना महतो, करन जैन, नैन्सी जैन, स्नेहा नाईक, अंजली रजक, अफिफा तैययना। वहीं बीसीए से स्नेहा गुहे, आस्था उइके ने स्टॉल लगाया।
कलाविथिका को सफल बनाने में महाविद्यालय समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों सहयोग दिया।

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