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  • जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार का अहम योगदान…विधायक अरुण वोरा ने मुख्य अतिथि के रूप में संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता के अवसर पर कहा…

जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार का अहम योगदान…विधायक अरुण वोरा ने मुख्य अतिथि के रूप में संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता के अवसर पर कहा…

जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार का अहम योगदान…

विधायक अरुण वोरा ने मुख्य अतिथि के रूप में संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता के अवसर पर कहा

दुर्ग । संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन बीआईटी आडिटोरियम में आज हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक अरुण वोरा मौजूद रहे। अपने संबोधन में विधायक ने कहा कि जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने पिछले वर्ष जनजातीय नृत्य महोत्सव का आयोजन रायपुर में किया। इस आयोजन में न केवल लोगों ने देशविदेश के जनजातीय नृत्य देखे अपितु छत्तीसगढ़ में प्रचलित जनजातीय नृत्यों का सुंदर नमूना भी देखा। श्री वोरा ने कहा कि इस तरह का बड़ा मंच प्रदान करने से इन प्रतिभाओं को आगे आने में मदद मिलती है। साथ ही दुनिया भर को पता लगता है कि कितनी अद्भुत प्रतिभाएं हमारे प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि आज दुर्ग में आयोजित संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य स्पर्धा के आयोजन में प्रतिस्पर्धियों के नृत्य देखे। सब एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं, निर्णायकों को निश्चय ही इनमें से सर्वश्रेष्ठ चुनने में दुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से कलाजगत को बड़ा लाभ मिलता है। हम अपनी सांस्कृतिक पहचान के प्रति जागरूक होते हैं और इसकी सुंदरता के प्रति भी जागरूक होते हैं। इस मौके पर अपने संबोधन में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी रिवेंद्र यादव ने कहा कि आज जनजातीय नृत्य के सुंदर कार्यक्रम देखे। नृत्य तो सुंदर थे ही, इनके साथ ही आदिवासी वेशभूषा में जिस तरह श्रृंगार किया गया। चटख रंगों के वस्त्रों और उनके सुंदर विन्यास के साथ आये इन प्रतिभागियों ने सचमुच ही मन जीत लिया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई भी मौजूद रहीं। उन्होंने कार्यक्रम में आये सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और उनकी नृत्य विधा के बारे में विस्तार से जानकारी ली। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती प्रियंवदा रामटेके ने विस्तार से कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप हमारे लोकधरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए इसे निरंतर प्रोत्साहित करना आवश्यक है। आज जिस तरह से संभाग के सभी जिलों से आये लोककलाकारों ने प्रस्तुति दी है उससे यह उद्देश्य पूरा होता दिख रहा है।

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