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संयम,त्याग एवम आत्मशुद्धि के सबसे बड़े पर्व पर्युषण महापर्व का चौथा दिन…

संयम,त्याग एवम आत्मशुद्धि के सबसे बड़े पर्व पर्युषण महापर्व का चौथा दिन उत्तम शौच धर्म। शौच का अर्थ है पवित्रता या सफाई। मद, क्रोधादिक बढ़ाने वाली जितनी दुर्बलताएं है उनमें लोभ सबसे प्रबल है,इस लोभ पर विजय पाना ही उत्तम शौच है।

श्री 1008 मल्लिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, रिसाली में आज श्री जी का अभिषेक,शांतिधारा,आरती एवम पूजन किया गया। आज शांतिधारा करने का परम सौभाग्य श्रावक श्रेष्ठी डॉ हरिश्चंद जी जैन,श्रीमती सुषमा जैन,श्री सौरभ जैन,श्रीमती सीमा जैन एवम परिवार तथा श्रावक श्रेष्ठी श्री मोनू जैन, श्री सोनू जैन, श्रीमती ममता जैन एवम परिवार को प्राप्त हुआ।
परिवार के साथ आरती करने का सौभाग्य श्री अशोक जैन,श्रीमती अनुभा जैन एवम परिवार प्राप्त हुआ। पंडित शिखरचंद जी के सानिध्य में अत्यंत भक्तिभाव से सामुहिक पूजा एवम श्री शांति विधान किया गया।श्रीमती सुषमा जी ने तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया। आज बड़ी संख्या में भक्त जनों ने उपस्थित होकर धर्म लाभ लिया।
रात्रि में रोजाना दस दिन तक दशधर्म पर प्रवचन एवम त्रिशला महिला मंडल द्वारा सांकृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है इसी कड़ी में कल छोटे बच्चों की भजन प्रतियोगिता हुई।

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