• Uncategorized
  • इंटरनेशल स्कूल ऑफ डिजाईन चला रहा है ग्लोबल डिग्री प्रोग्राम – सीईओ अग्रवाल

इंटरनेशल स्कूल ऑफ डिजाईन चला रहा है ग्लोबल डिग्री प्रोग्राम – सीईओ अग्रवाल

इंटरनेशल स्कूल ऑफ डिजाईन चला रहा है ग्लोबल डिग्री प्रोग्राम- सीईओ अग्रवाल
अन्य देशों के कल्चर से हमारी संस्था के बच्चे इंटरनेशल डिजाईनर बने
मदर्स डे पर छात्राओं ने छत्तीसगढ़ महतारी सहित अन्य कलाकृतियों को बनाया

भिलाई। नेहरू नगर स्थित इंटरनेशल स्कूल ऑफ डिजाईन इंस्टूयूट का दो दिवसीय फैशन एवं इंटेरियर आर्ट पर 7 और 8 मई को सूर्या मॉल में सौ से अधिक छात्रों के द्वारा वेस्ट मटेरियल से बनाये गए। अलग अलग आर्ट की प्रदर्शनी इस संस्था के छात्रों के द्वारा बनाई गई है। जिसको आने जाने वाले सभी लोगों ने काफी सराहा है। आज इसका उद्घाटन इस संस्था के सीईओ सुजय अग्रवाल, प्रणव अग्रवाल एक्जक्टीव डायरेक्टर, नेहरू नगर संस्था के डायरेक्टर विनोद सोनी, व संस्था की डायरेक्टर संदीप कौर की मौजूदगी में इस प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन हुआ।

जिसमें संस्था में अध्यनरत छात्र एवं छात्राएं बड़ी संख्या में यहां मौजूद थे। आयोजित इस कार्यक्रम में एक पत्रकारवार्ता में इंटरनेशल स्कूल एण्ड डिजाईन के सीईओ सुजय अग्रवाल ने बताया कि पूरे देश भर में हमारे 57 सेंटर संचालित है जिसमें 15000 बच्चे पढ़ रहे है। हमारा हेड आफिस दिल्ली में भी है। नेहरू नगर स्थित इंटरनेशल स्कूल ऑफ डिजाईन इंस्टूयूट 5 में गिना जाता है। हम बच्चों को डिग्री व डिप्लोमा कोर्स संचालित करते है। 12 पास छात्र एवं छात्राएं इसमें प्रवेश ले कर अपना उज्जवल भविष्य तलाश सकते है। हमारी संस्था ग्लोबल डिग्री प्रोग्राम को भी चला रही है जिसमें अलग अलग देश में बच्चे जाकर वहां की संस्कृति वहां के पहनावा के अलावा अपना बेहतर भविष्य बना सके।

इसके लिए प्रवेश लेने वाले बच्चों को हम दुबई, यूएसये (वांशिग्टन), भारत व पेरिस भी भेजते है ताकि वह पढ़ाई करके अपना केरियर बना सके। उन्हें अच्छा एक्सपोजर मिले और वे अन्य देशों के कल्चर को समझ सके। और इंटरनेशल डिजाईनर बन कर अपने मां बाप व देश विदेश में कार्य करके अपना व देश व प्रदेश का नाम रौशन कर सके।

हमारे यहां एक वर्ष से लेकर चार वर्ष के कोर्स जिसकी फीस 50 हजार से लेकर साढ़े तीन लाख रूपये तक निर्धारित है। गरीब बच्चों के लिए भी हम विशेष रियायत बररते है। 8 मई को मदर्स डे है छात्राओं ने मां के पांच अलग अलग रूपो के तहत कलाकृतियों को वेस्ट मटेरियल से बनाया है जिसमें छत्तीसगढ़ महतारी, झांसी की रानी, मदर टेरेसा, जैसी अन्य कलाकृतिया जो कि एक मां अपने पूरे जीवन काल में बिताती है। कार्यक्रम स्थल में चार से छ: बजे पेंटिंग कॉम्पीटिशन का आयोजन रखा गया है। कार्यक्रम में प्रमुख भूमिका अजय रात्रे के अलावा उनकी टीम व छात्र छात्राओं का अपना विशेष योगदान रहा है।

ADVERTISEMENT