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स्वरूपानंद महाविद्यालय ने श्रमिक बस्ती में मनाया पतंग उत्सव…

स्वरूपानंद महाविद्यालय ने श्रमिक बस्ती में मनाया पतंग उत्सव…

भिलाई – स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंर्तगत कला विभाग द्वारा मकर सक्रांति पर्व (पतंग उत्सव) आमानाका श्रमिक बस्ती में मनाया गया। मकर संक्रांति के दिन पूजा, पाठ, स्नान, दान का जितना महत्व होता है उतना ही महत्व पतंग उड़ाने का भी है। इस लिए अनेक स्थानों में इसे पतंग पर्व भी कहा जाता है।
संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा, प्राध्यापक- शिक्षा विभाग ने कार्य के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा धार्मिक पौराणिक मान्यता के अनुसार मकर सक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम द्वारा शुरू की गई थी, एवं आज भी उत्साह के साथ इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। पतंग प्रेम, आजादी, खुशी और शुभ संदेश का प्रतीक माना जाता है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होने कहा कि पतंग उल्लास का प्रतीक है, क्योकि पतंग जैसे-जैसे उड़ान पकड़ती है व्यक्ति का मन भी तमाम चिंताओ से मुक्त हो कर पतंगबाजी में लग जाता है। पतंग को उचाई तक उड़ाना और उसे कटने से बचाने के लिए हर पल सोचना व्यक्ति को नई सोच की प्रेरणा और शक्ति प्रदान करता है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज श्रमिक बस्ती में पतंग उत्सव का कार्यक्रम वास्तव में बच्चों के हौसलों की उड़ान है। इस अवसर पर परिवार एवं आस-पास के सभी सदस्य समय बिताते है और पतंगबाजी का लुत्फ उठाते है। इस तरह व्यक्ति जय और पराजय दोनो स्थितियो को स्वीकार करना सिखते है। इसके पीछे अनेक वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण निहित है। इससे जहा शरीर का व्यायाम होता है वही पर्याप्त उर्जा भी मिल जाती है। और पतंग उड़ाना मस्तिष्क को सक्रिय बनाये रखता है।
इस अवसर पर श्रमिक बस्ती के बच्चों को पतंग, धागा-चरखी एवं प्रसाद वितरित किया गया। बच्चो ने उत्साहपूर्वक पतंग उड़ाई।
कार्यक्रम को सफल बनाने में माइक्रोबायोलाजी की विभागाध्यक्ष डॉ शमा ए बेग, ग्रंथपाल नीलीमा साहू एवं समस्त प्राध्यापिकाओं का विशेष योगदान रहा।

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